Last Updated on March 30, 2024 by Abhishek pandey
World Press Freedom Day 2024: विश्व आजादी दिवस यह दिन बहुत खास है। 3 मई के दिन विश्व प्रेस आजादी दिवस मनाया जाता है।
आपकी जानकारी के लिए सबसे पहले बता दे कि कंटेंट को अलग-अलग मीडिया स्रोतों और रिसर्च के आधार पर डेवलप किया गया है।
आपको यह लेख क्यों पढ़ना चाहिए यदि आप पत्रकारिता के विषय में और अधिक जानकारी चाहते हैं। तो यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी है। आप अपने उपयोग के लिए इस लेख के कंटेंट को निबंध भाषण और स्पीच मे इस्तेमाल कर सकते हैं।
प्रेस यानी पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा खंभा इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह लोकतंत्र को मजबूत बनाता है। जिस लोकतंत्र में पत्रकारिता आजाद होती है, वहां लोकतंत्र सही तरीके से काम करता है।
सरकार की तथ्यों और तर्कों के साथ आलोचना करने वाली पत्रकारिता भी होनी बहुत जरूरी है।
प्रेस की आजादी क्यों जरूरी है अनुच्छेद लेखन
कुछ लोगों के स्वार्थ के कारण भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। इस भ्रष्टाचार के कारण लोकतंत्र खतरे में है। ऐसे में इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाला प्रेस होता है यानी पत्रकारिता लेकिन लोकतंत्र में पत्रकारिता यदि आजाद नहीं रहा तो वहां इस तरह के भ्रष्टाचार के मामले नहीं उठाएगा। स्वतंत्र और निष्पक्ष आवाज उठाने वाला मीडिया यानी पत्रकारिता आज के दौर में बहुत ही बड़ी भूमिका निभा रहा है।
विश्व प्रेस आजादी दिवस 2024 का महत्व
World Press Freedom Day 2024 इस अवसर पर आज हम आपको दुनिया भर में 3 मई को विश्व प्रेस आजादी दिवस के तौर पर मनाया जाने के उद्देश्य महत्व के बारे में जानकारी नए लेख और अपडेट जानकारी के साथ देने जा रहे हैं।
जब लोकतंत्र का उदय हुआ तब पत्रकारिता का भी विकास हुआ। लोकतंत्र के चौथे पिलर के रूप में मीडिया यानी पत्रकारिता का बहुत बड़ा महत्व है। यदि निष्पक्ष और निर्भीक यानी पत्रकारिता है तो वह जनता के मुद्दे को उठाती है।
सत्ता पक्ष का मूल्यांकन
सत्ता पक्ष के कामों का मूल्यांकन करना उस पर बहस करना और उसकी आलोचना करना पत्रकारिता के प्रमुख कौन है। आज की पत्रकारिता के कंधों पर लोकतंत्र को बनाए रखने की जिम्मेदारी है।
निष्पक्ष मीडिया
मीडिया निष्पक्ष होती है वह किसी का पक्ष नहीं लेती है। वह कमजोर और गरीब लोगों की आवाज उठाते इसके साथ ही अन्याय के खिलाफ लड़कर न्याय दिलाती है। सरकारी व्यवस्था में आ गई गड़बड़ी हो जैसे भ्रष्टाचार अपराध भाई भतीजावाद जैसी बीमारियों का इलाज पत्रकारिता करती है।
खोजी पत्रकारिता
भ्रष्टाचार और अपराध जगत से जुड़े लोगों के चेहरे पत्रकारिता खोजी पत्रकारिता के द्वारा बेनकाब करती है।
सत्ता पक्ष के कार्यों का मूल्यांकन करना और उस पर बहस करना उसकी आलोचना करना यह सब काम आज के समय में पत्रकारिता के कंधों पर है लेकिन पत्रकार का आजाद नहीं रहेगी वह फिर कैसे जनता के मुद्दों को उठाएगी इसलिए विश्व प्रेस आजादी दिवस 2024 का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है।
लोकतंत्र बहुमत का आधार होता है लेकिन प्रेस इस लोकतंत्र के जरिए कई ऐसे मुद्दे को उठाता है जिसमें बहुमत ना भी हो लेकिन अगर वहां नैतिकता, देश और कानून के हित में है तो उन मुद्दों को उठाता है और सभी का ध्यान आकर्षण करके उसका समाधान खोजने के लिए संबंधित सरकार और संस्था को जागरुक करती है।
विश्व प्रेस आजादी दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य
अब हम आपको बता देती विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस प्रेस की आजादी को सबसे ऊपर रखती है क्योंकि उसी से ही सच्चाई सामने आती है। आज पत्रकारिता निष्पक्ष और निर्भीक रूप से पूरी दुनिया में पर्यावरण रक्षा के लिए मुद्दे उठा रही है।
सच्चाई के मार्ग पर चलकर मानवतावादी दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रही है। भ्रष्टाचार, युद्ध, अपराध जैसे मानवता को कुचलने वाले घृणित कार्य को रोकने में पत्रकार बधु अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं है।
विश्व में प्रेस की आजादी बुराइयों से लड़ने का एक बड़ा हथियार है। यह कलम की ताकत है जो कमजोर की आवाज है। इसलिए 3 मई के दिन विश्व प्रेस की आजादी के तौर पर मनाया जाता है।
पूरी दुनिया में 3 मई को World Press Freedom Day बनाया जाता है, जिसे हिंदी में विश्व प्रेस आजादी दिवस कहा जाता है। पूरी दुनिया की मीडिया ताकत मिलकर मानवता की रक्षा के लिए एक स्वर में खड़े होकर अपनी आजादी को बनाए रखने की वकालत करते हैं। लोकतंत्र को जिंदा रखने की सबसे बड़ी कमाया है मीडिया के द्वारा ही होती है। world press freedom 2024 दिवस क्यों मनाया जाता है, यह पहली बार कब मनाया गया, इसके बारे में जानकारी आगे हम आपको देते चले जा रहे हैं इसलिए पूरा पढ़ें।
प्रेस की आजादी के लिए पहली बार हुआ संघर्ष
जी हां दोस्तों जिस तरह भारत अफ्रीका समेत कई देशों को अपने आजादी के लिए एक लंबा संघर्ष करना पड़ा उसी तरीके से प्रेस की आजादी के लिए संघर्ष करना पड़ा था।
बात प्रेस की आजादी के करें तो सबसे पहले वर्ष 1991 में अफ्रीका के पत्रकारों ने एक ऐसा आंदोलन छेड़ा था। जिसमें उन्होंने 3 मई को प्रेस की आजादी के सिद्धांत को लेकर एक बयान जारी किया था।
इसके ठीक 2 साल बाद यानी 1993 में संयुक्त राष्ट्र सभा पहली बार इसी दिन विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने का निर्णय लिया।
विश्व प्रेस आजादी दिवस के रूप में 3 मई को पूरी दुनिया में यह दिवस मनाया जाने लगा।
विश्व प्रेस आजादी दिवस क्यों मनाया जाता है?
आपको बता दें कि जब सच्चाई के लिए कोई खबर लिखता है या रिपोर्टिंग करता है तो दुष्ट और अराजक लोग उनके खिलाफ हो जाते हैं ऐसे में पत्रकारों के साथ भी बहुत उत्पीड़न होता है। पत्रकारिता का काम जोखिम भरा बन गया है।
आए दिन पत्रकारों पर हमले होते हैं। सऊदी अरब में जमाल खगोशी पर हमला हुआ तो वहीं भारत में भी इस तरह के कई मामले देखने को मिले हैं।
पत्रकारों के ऊपर होने वाले जानलेवा हमलों के कारण कई बार ऐसी खबरें आई, जिसमें पत्रकार को जान से मार डाला गया।
पत्रकारिता की जागरूकता
पत्रकारों की आवाज को दबाने की कोशिश उनकी हत्या करके होने लगी, जिससे प्रेस की आजादी और उसकी स्वतंत्रता का संघर्ष शुरू हुआ। पत्रकारों पर हमले होना उन पर उत्पीड़न होना, ऐसे कई मामले दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहे थे।
अत्याचार-उत्पीड़न-फिरौती के खिलाफ पत्रकारों ने आवाज उठाई। प्रेस को संरक्षण और इसकी आजादी को बनाए रखने के लिए विश्व प्रेस आजादी दिवस मनाने का फैसला लिया।
विश्व प्रेस आजादी दिवस अपने हितों की रक्षा करने के लिए उन्होंने प्रेस को मजबूती का आधार प्रदान किया जिससे संयुक्त राष्ट्र संघ में भी इस दिन को महत्व दिया और पत्रकारिता को हर जगह अवसर दे दे और इसके हितों की रक्षा करने का बीड़ा उठाया।
word Press Day freedom खास दिन मनाने का तरीका
अब आपको बता दें कि जिससे प्रेस आजादी दिवस हर 3 मई को मनाया ही जाता है इसके साथ ही सन 1997 से 3 मई के दिन एक खास पुरस्कार विश्व प्रेस आजादी दिवस पर यूनेस्को गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम के द्वारा प्रदान किया जाता है।
प्रेस की आजादी के लिए जिस व्यक्ति ने यह संस्थान ने बहुत ही शानदार काम करता है, उसे यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
विश्व प्रेस आजादी दिवस के दिन स्कूल, कालेज, संस्थानों में जागरूकता के लिए इस अवसर पर निबंध, प्रतियोगिता, पेंटिंग, प्रतियोगिता का आयोजन होता है; इसके साथ चर्चा और वाद-विवाद कंपटीशन भी होता है। इन सेमिनार का आयोजन करके लोगों को जागरूक किया जाता है। world press freedom day 2023
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Author Abhishek Pandey, (Journalist and educator) 15 year experience in writing field.
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