Last Updated on March 30, 2024 by Abhishek pandey
April Fool day 2024 : 1 अप्रैल को फूल डे यानी मूर्ख दिवस मनाया जाता है। 1 April ko kyon murkh Divas manaya jata hai iske piche ki history kya hai aaiae jaane. बचपन से लेकर आज तक 1 अप्रैल के दिन बेवकूफ दिवस के रूप में जानते हैं। आखिर इसके पीछे की कहानी यानी इतिहास क्या है क्यों मनाया जाता है अप्रैल फूल और इसके बारे में मजेदार रोचक ज्ञानवर्धक नॉलेज हम इस पोस्ट के जरिए आप तक देने जा रहे हैं।
1 अप्रैल को ही मूर्ख दिवस क्यों मनाया जाता है?
Why is April 1st celebrated as April Fool’s Day? What is the reason behind celebrating Fool’s Day? मूर्ख दिवस से मनाने के पीछे के कारण के बारे में और इसके पीछे क्या हिस्ट्री छिपी है इसके बारे में जानना आपके लिए बहुत ही दिलचस्प है।
तो आपको बता दें कि 1 अप्रैल के दिन ही फ्रांस ने जूलियन कैलेंडर को छोड़ दी कर ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया था। दोस्तों हम आपको बता दें कि 1 अप्रैल से ही नया फाइनेंसियल ईयर शुरू होता है, आगे हम आपको दिलचस्प तरीके से बताने जा रहे हैं कि आखिर मूर्ख दिवस (April Fools Day) 1 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है?
1 अप्रैल को मजाक करने की परंपरा
April Fools Day दुनिया में एक अप्रैल के रूप में मनाया जाता है। दिलचस्प बात है कि इस दिन पूरी दुनिया के लोग एक दूसरे को मूर्ख बनाते हैं और एक दूसरे से मजाक करते हैं। आखिरकार यह तरीका कैसे शुरू हुआ इसके पीछे का कारण क्या रहा है। स्कूल कालेज और नेट सोशल नेटवर्क जैसे प्लेटफार्म पर भी लोग एक-दूसरे को इस दिन मजाक के तौर पर मूर्ख बनाते हैं।
1 अप्रैल 2024को लोग मूर्ख दिवस के रूप में इस दिन काफी लोग ऐसा करते हुए नजर आएंगे। मूर्ख दिवस पर लोग कभी-कभी गंभीर मजाक कर देते हैं जिससे कि लोगों को बुरा लग सकता है इसलिए इस दिन किसी के साथ मजाक के नाम पर उनका दिल नहीं दुखाना चाहिए।
first April Fools day history
April Fool History एक अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है? फूल्स डे यानी मूर्ख दिवस हर साल 1 अप्रैल को मनाया जाता है। यह मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस दिन को मनाने के पीछे एक बहुत बड़ा किस्सा चला आ रहा है,
आइए इस किस्से के बारे में जाने- दरअसल इस किस्से के जरिए ही मूर्ख दिवस मनाने की परंपरा को जोड़ा जाता है। दोस्तों हम आपको मूर्ख नहीं बना रहे हैं बल्कि आपको पूरी बात बताने जा रहे हैं किस तरह इतिहास में ‘मूर्ख दिवस’ बनाने की परंपरा शुरू हुई है। इस आर्टिकल को जरूर पूरा पढ़ें।
‘मूर्ख दिवस’ मनाने के पीछे पापुलर कहानी
एक प्रचलित कहानी है जब फ्रांस ने 1582 में जूलियन कैलेंडर को छोड़कर ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाया था। आपकी जानकारी में बढ़ोतरी करते हुए बता दें कि ग्रेगोरियन कैलेंडर आज के समय में पूरी दुनिया में अपनाया जा रहा है। अब आपको बता दें कि यह ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुआत Pope Gregory XIII ने किया था।
बात वहीं से शुरु करते हैं जब फ्रांस ने 1582 इसमें जूलियन कैलेंडर को छोड़कर ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया था। यहां आपको यह भी जानकारी दे दें कि जूलियन कैलेंडर 1 अप्रैल से उसका नया महीना शुरू होता है। जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर का महीना जनवरी से शुरू होता है। (जो कलैंडर हम और आप इस समय इस्तेमाल कर रहे हैं और पूरी दुनिया में मान्य है वह ग्रेगोरियन कैलेंडर ही है।)
ग्रेगोरियन नया कैलेंडर जब शुरू हुआ तो इस बदलाव के बारे में बहुत लोग नहीं जान पाए और वह अप्रैल महीने की 1 तारीख को ही नया साल समझते थे क्योंकि जूलियन कैलेंडर का नया साल ग्रेगोरियन कैलेंडर की तुलना में चौथे महीने में शुरू होता था।
ऐसे में उन लोगों को चिढ़ाने के लिए और मजाक के तौर पर 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस (April Fool day 2023) मनाने की परंपरा की शुरुआत हो गई। हालांकि धीरे-धीरे पूरी दुनिया ने ग्रेगोरियन कैलेंडर को मान्यता दे दी। यह सबसे प्रचलित कहानी है और इसमें कितनी सच्चाई है इस बात का पता लगाना बड़ा मुश्किल है।
April Fool day 2024 की प्रचलित कहानी
अब हम आपको बताने जा रहे हैं कि मूर्ख दिवस April Fool day 2024 इस पोस्ट में एक और प्रचलित कहानी जिससे पता चलता है कि अप्रैल फूल क्यों मनाया जाता है। आखिरकार मूर्ख दिवस ऐसे ही नहीं बनाया जाता इसके पीछे कई दिलचस्प कहानियां इसमें से दूसरी प्रचलित कहानी जिसमें जिक्र आता है उस समय के राजा रिचर्ड द्वितीय का मजेदार कथा।
प्रचलित कथा के अनुसार रिचर्ड जीती और बोहेमिया की रानी एनी ने क्या घोषणा की कि वह 32 मार्च 1381 के दिन सफाई करने वाले हैं। अरे आप सोच रहे होंगे कि 32 मार्च गलती से लिख गया है। यहां 3 या 2 मार्च होना चाहिए तो आपको बता दें कि नहीं।
हम आपको सही बता रहे हैं आखिर रानी ने 32 मार्च 1381 ईस्वी की घोषणा अपनी सगाई की ही की थी। जब यह खबर जनता तक पहुंची तो सभी खुशी से झूम उठे जश्न मनाया जाने लगा फिर 31 मार्च 1381 का दिन आया। फिर क्या था लोगों को पता चल गया कि 32 मार्च आने वाला नहीं है और वह जान गए कि उन्हें मूर्ख बनाया गया है। 31 मार्च के अगले दिन 1 अप्रैल 1381 का दिन शुरू हुआ और इस दिन तभी से मूर्ख दिवस (1 April Fool day 2023) के रूप में मनाया जाने लगा।
Conclusion
why celebrating the fool day 1 अप्रैल मूर्ख दिवस मनाने की परंपरा और मजाक करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस पोस्ट के जरिए मूर्ख दिवस पर प्रचलित कहानियों को बताया गया है। मूर्ख-दिवस 2024, 1 अप्रैल को मनाया जाएगा और इस दिन लोग एक दूसरे से मजाक करेंगे आपको बता दें। मजाक में किसी का दिल ना दुखा है यह बात हमेशा याद रखनी जरूरी है। इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और लोगों तक जानकारी जाए इस तरह की और भी जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट से जुड़े रहे।
- आओ जानें डायनासोर की दुनिया
- संस्कृत में मोबाइल हवाई जहाज पंखे को क्या कहते हैं? meaning in Sanskrit word
- क्या आप जानते हैं सबसे पुराना तारा कौन है? old star
Author Profile
-
Author Abhishek Pandey, (Journalist and educator) 15 year experience in writing field.
newgyan.com Blog include Career, Education, technology Hindi- English language, writing tips, new knowledge information.
Latest entries
- DayApril 24, 2024Vishva Panchayat Divas विश्व पंचायत दिवस क्यों मनाया जाता है? GK
- Hindi English words meaningsApril 9, 2024पोटेंशियल सुपर पावर का अर्थ हिंदी में और भारतीय राजनीति में इसका महत्व
- Career NewsApril 5, 2024cbse skill education : सीबीएसई स्कूलों में स्किल एजुकेशन शुरू, छात्र मेन सब्जेक्ट के साथ पढ़ सकते हैं AI
- CBSEApril 5, 2024सीबीएसई पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव 10वीं 12वीं के पाठ्यक्रम को डाउनलोड करें