Education Hindi New Knowledge

early childhood education hindi : बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा कितनी महत्वपूर्ण

Written by admin

early childhood education hindi ; नई एजुकेशन पॉलिसी (new education policy) में अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन के महत्व को प्रस्तुत किया गया है। इस लेख में आज हम बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा कितना आवश्यक है जिसे अंग्रेजी में early childhood education कहते हैं। hindi भाषा में आपको समझाने की कोशिश कर रहे हैं और पूरा नोट्स इस पर हम आपके सामने सरल हिंदी भाषा में प्रस्तुत कर रहे हैं।

बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा आज के दौर में सबसे प्रभावशाली और सबसे वैज्ञानिक तरीके से दी जानी चाहिए। इस पर मंथन कई वर्षों से चल रहा था लेकिन नई शिक्षा नीति ने एक नया अमूलचूल परिवर्तन करके अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन में काफी बदलाव किया है।

बच्चे के लिए अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन क्यों है जरूरी?

इस पूरे लेख को पढ़ने से पहले यह जानना ज़रूरी है कि बच्चे के लिए अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन क्यों जरूरी माना गया है? बच्चे के लिए अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन (Early Childhood Education) बच्चों के सामाजिक विकास (Social Development) के लिए बहुत आवश्यक है।

हम यहां आपको रिसर्च की तरह आंकड़े देने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे आपको स्पष्ट हो जाएगा कि प्रारंभिक शिक्षा बच्चों को किस तरह से दी जानी चाहिए। एक रिसर्च के मुताबिक; विकासशील देश के बच्चे 5 साल की उम्र में उतना नहीं सीख पाते जितना उन्हें सीखना चाहिए।
असल में इसके पीछे का कारण क्या है कि अर्ली चाइल्डहुड डेवलपमेंट का मतलब कि बच्चे जब एजुकेशन प्राप्त करने के लिए तैयार हो तो उससे पहले की पढ़ाई (learning सीख) जो उसे परिवार और समाज में मिलती है।

See also  World Red Cross Day 2023, Whatsup status Subhkamna Sandesh in hindi, download

यह जीवन जीने की ऐसी कला है, जिसमें बच्चे को सामाजिकता का ज्ञान दिया जाता है। इससे सामाजिक बुद्धिमता के साथ उसका आइक्यू भी तेज होता है। ‌ किसी भी चीज को केवल बुद्धिमता से नहीं आंका जा सकता है बल्कि इमोशनल इंटेलिजेंस होना भी जरूरी है जिसे EQ कहा जाता है।

इन सबका विकास होना बच्चे में बहुत जरूरी होता है। उसमें सामाजिकता, सोचने, समझने और भाषा से किस तरह से प्रतिक्रिया किया जाए इन सब तथ्यों का समावेश किया जाता है।

भारत सरकार द्वारा इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विस (ICDS)

अब आपको बता दें कि गवर्नमेंट ऑफ इंडिया द्वारा इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विस शुरू किया गया है जिसका उद्देश्य स्कूल से पहले शुरू होने वाली शिक्षा देना है। स्कूल से पहले प्री स्कूल शिक्षा का सबसे बढ़िया उदाहरण आंगनबाड़ी संस्था है जहां पर बच्चों को उन्हें जीवन जीने की skill तरीके सिखाए जाते हैं।

आपके knowledge को दुरुस्त कर देना चाहते हैं कि असल में प्री स्कूल एजुकेशन शिक्षा का वह आधारशिला है, जिससे किसी बालक के जीवन में आमूलचूल बदलाव करने की उपस्थिति का विकास किया जाता है।

जिससे कि शिक्षा प्रभावशाली सही ढंग से उस बालक का चौतरफा विकास करती है। यदि उपरोक्त पंक्तियों को इस तरह से भी समझा जाए सरल ढंग से कि प्री स्कूल एजुकेशन ऐसी नींव है जिस पर शिक्षा का इमारत खड़ा होता है और बालक क्या भविष्य इसी से बनता है।

early childhood education का महत्व

प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा का महत्व क्या है? असल में early childhood education शब्द अंग्रेजी का सबसे बहुचर्चित शब्द है जिसका हिंदी में मतलब प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा होता है। अब इस शीर्षक के अंतर्गत हम बच्चों की शिक्षा के महत्व के बारे में चर्चा करेंगे।

See also  स्कूल की छुट्टी winter vacation study tips 2023: घर पर पढ़ने का तरीका

असल में शिक्षा शुरू होने से पहले बालक को अपने आसपास की वस्तुओं से व्यावहारिक अनुभव के द्वारा जो कुछ सीखता है वह आने वाली शिक्षा की सबसे बड़ी आधारशिला होती है।

जब बच्चा घर से बाहर कदम रखता और उसकी अवस्था लगभग 3 से 4 साल की है। बालक के अंदर अनुभव द्वारा सीखने की शक्ति का विकास होना शुरू हो जाता और ऐसे समय में व्यावहारिक शिक्षा बहुत आवश्यक हो जाती है।
जिसमें उसे भाषा ज्ञान, बातचीत, व्यवहार कुशलता और चीजों को रखना उठाना, बनाना, अंतर करना व सामाजिकता इत्यादि की सीख दी जाती है। यह किसी पारंपरिक शिक्षा की तरह नहीं होती है बल्कि बालक के परिवेश में यह शिक्षा देने का प्रयास किया जाता है।

अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन में बच्चे व्यवहार से कैसे सीखते हैं यह प्रश्न का जवाब बच्चे अनुभव करना और फिर उसके क्रिया प्रतिक्रिया से सीखते हैं। इसको अंग्रेजी की तकनीकी भाषा में स्कैफोल्डिंग कहा जाता है। लर्निंग प्रोसेस में बच्चे एक्शन से सीखते हैं और उसको रिएक्ट करते हैं अपने व्यवहार में उस चीज को उतारते है। इसका एक बढ़िया उदाहरण दिया है, अगर आपने रोटी दिखाया, उसके बाद थाली दिखाया तो बच्चा अपने अनुभवों से रोटी और थाली के गोल् व चपटे आकार को सीखता है। उसे समझाने की जरूरत नहीं होती है, वह समझनै लगता है कि गोल आकार कैसा होता है। धीरे-धीरे बेवारसी कई चीजें सीखता है फलों के प्रकार आकार के बारे में इसके अलावा आम पीले रंग का होता है कब हरे रंग का होता है इन सब बातों के बारे में व्यवहारिक तरह से सीखना शुरू करता है, इसके लिए कोई औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता नहीं होती है। सीखने की इसी पद्धति को अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन कहते हैं। शिक्षा मंत्रालय की वेबसाइट.

See also  International Nurse Day 2023: अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस : message status quotation in Hindi

नई शिक्षा new education policy के महत्वपूर्ण पहलू

निष्कर्ष

early childhood education in hindi | बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा कितना आवश्यक पोस्ट में बच्चों की स्कूल शिक्षा के बारे में बताया गया है इसके बारे में ढेरों जानकारी इसी लेख में अपडेट करते रहेंगे। यह नोट्स आपके लिए बहुत उपयोगी होगा जो बच्चों के साइकोलॉजी और एजुकेशन से जुड़े हैं, उनके लिए यह पोस्ट बहुत बेहतरीन है। आप हमसे जुड़े रहे Education के बारे में और इस तरह के नयी जानकारी वाले ढेरों पोस्ट के बारे में सीरीज शुरु कर रहे हैं, जो आपको early childhood education hindi के हर पहलुओं के बारे में बताएगा।

About the author

admin

New Gyan Blog for knowledge. Author- Abhishek, Journalist

Leave a Comment