अनुच्छेद लेखन और संवाद लेखन में अंतर the difference between the paragraph writing and dialogue writing in Hindi

Last Updated on January 8, 2023 by Abhishek pandey

 अनुच्छेद लेखन और संवाद लेखन में अंतर| difference between the paragraph writing and dialogue writing in Hindi सत्यमेव जयते पर अनुच्छेद और बाल श्रम पर उदाहरण भी बताया गया है।

Anuchchhed lekhan aur samvad lekhan: class 10th cbse up, mp, bihar बोर्ड की परीक्षा में अनुच्छेद लेखन और संवाद लेखन पर हिंदी विषय के पेपर में प्रश्न पूछा जाता है। क्लास class 6th से 10th तक की कक्षा में संवाद लेखन पर कई तरह के प्रश्न पूछे जाते। इसके अलावा class 1 से लेकर class 5 तक अनुच्छेद लेखन और संवाद लेखन पर 50 से 100 शब्द तक लेखन के questions पूछे जाते हैं। डायलॉग राइटिंग और पैराग्राफ राइटिंग में क्या अंतर है जानिए-।

अनुच्छेद लेखन और संवाद लेखन में अंतर जानने से पहले जान ले अनुच्छेद लेखन की परिभाषा
अनुच्छेद- लेखन में केवल एक ही अनुच्छेद में अपने विचारों को क्रमवार लिखा जाता है।
paragraph writing अनुच्छेद लेखन में लेखक किसी एक विषय में एक ही पैराग्राफ यानी एक अनुच्छेद में अपनी बात लिखता है तो उसे अनुच्छेद लेखन कहते। 
जैसे पर्यावरण विषय पर एक अनुच्छेद लिखना है तो इसमें पर्यावरण से संबंधित बातें एक अनुच्छेद में लिखी जाएगी। जैसे पर्यावरण की परिभाषा, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कारक प्रदूषण आदि की बातें लिखा जाएगा।

संवाद लेखन यानी डायलॉग राइटिंग की परिभाषा


जब कोई पात्र दूसरे पात्र से बातचीत करता है तो इस बातचीत को संवाद शैली यानी डायलॉग स्टाइल में लिखा जाता है।
 अक्सर कहानी में कुछ संवाद होता है, जिसमें पात्र बोलता है और फिर कहानी आगे बढ़ती है। 
जैसे कि किसी फिल्म को आप देख रहे हैं तो उसमें जो करैक्टर है वह अपनी डायलॉग यानी संवाद बोलता है और इस तरीके से कहानी एक नाटक की तरह आगे बढ़ती है। 
 
इसमें लेखक अपनी रचनात्मकता पात्रों के जरिए प्रस्तुत करता है।  बोलकर या कहकर बल्कि पात्रों के द्वारा कोई बात कहलाता है, इसे संवाद लेखन कहते हैं।  

संवाद लेखन और पैराग्राफ राइटिंग में अंतर


The difference between samvad lekhan and paragraph writing in Hindi
अनुच्छेद लेखन 
paragraph writing in Hindi
संवाद लेखन उत्तर में अन्तर
dialogue writing in Hindi 
1.
अनुच्छेद -लेखन एक अनुच्छेद में लिखा जाता है।
संवाद लेखन कई अनुच्छेदों में होता है। यह कहानी या परस्पर बातचीत पर आधारित होता है।
2.
अनुच्छेद- लेखन में लेखक के विचार प्रभावी होते हैं। अनुच्छेद लेखन में इंफॉर्मेशन के साथ रचनात्मक लेखन होता है।
जबकि संवाद लेखन में विचार कम होता है। लेखक पात्रों के माध्यम से कोई कहानी या नाटक का संवाद आगे बढ़ाता है इसमें संदेश भी होता है।
3.
अनुच्छेद-लेखन विवरणात्मक हो सकता है। ‌ पर्यावरण पर विवरणात्मक बाद अनुच्छेद के माध्यम से कही जा सकती जिसमें कई तरह के तथ्य और आंकड़े भी हो सकते हैं।
संवाद लेखन विवरण वाला नहीं होता है। रोचक होता है और दो या तीन लोगों के बीच में बातचीत होती जो एक तरह की कहानी कहती है।
4.
अनुच्छेद लेखन का मुख्य विषय जो होता उसी के इर्द-गिर्द 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखा जाता है। परीक्षा में अनुच्छेद लेखन के लिए आधार बिंदु भी दे दिए जाते ताकि सटीक अनुच्छेद उस विषय पर लिखा जा सके।
 
अनुच्छेद लेखन में मुख्य विचार बिंदु होते हैं। विचारों को एक शब्द से दूसरे शब्द तक स्पष्ट रूप से वाक्यों के जरिए एक ही पैराग्राफ में कहा जाता है। 
 
Pragraph writing में मुख्य विषय से भटकना नहीं चाहिए। आवश्यकता के अनुसार सही मुहावरे लोकोक्ति किसी भी अनुच्छेद को प्रभावशाली बनाता है। 
जबकि डायलॉग राइटिंग में भी मुहावरे करैक्टर बोलते भी हैं। जैसे मोहन कोई बात कह रहा है आजकल तो भ्रष्टाचार इतना फैल गया है कि सरकारी कार्यालयों में फाइल तब तक आगे नहीं बढ़ती जब तक उस पर कुछ चढ़ावा ना चढ़ाया जाए। पात्र के द्वारा डायलॉग व्यंग्य तरीके से मुहावरे से अपनी बात कही गई है। 
 
जबकि डायलॉग राइटिंग यानी संवाद लेखन किसी विषय पर दिया जाता तो उसमें दो या तीन लोगों के बीच में परस्पर बातचीत होता है। 
जैसे बस कंडक्टर और यात्री के बीच में अगर संवाद लिखा जा रहा है।‌ इसमें घटना भी होना चाहिए। बस कंडक्टर से यात्री बस के बारे में और बस कितने समय में वाराणसी तक पहुंचाएगी? बस कब शुरू होगा? बस का किराया कितना है? इन सब बातों पर बस यात्री और कंडक्टर के बीच संवाद लिखा जाता है। 
 
इसी तरह का दूसरे उदाहरण से आप को समझाएं तो जैसे डॉक्टर और मरीज के बीच में संवाद लिखा जा सकता है‌। जहां  डॉक्टर मरीज का इलाज करता है, उससे उसके बारे में जानकारी लेता है और फिर दवा खाने की हिदायत देता है।

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मरीज अपनी बीमारी के बारे में बताता अपनी परेशानी के बारे में बताता है।‌‌  इस पूरी एक्टिविटी को संवाद लिखकर प्रस्तुत किया जा सकता है।
अनुच्छेद लेखन और संवाद लेखन 2022 के विषय

अनुच्छेद लेखन को उदाहरण से समझें, जैसे बाल श्रम पर अनुच्छेद लिखना। 


 
इसी तरीके से बाल श्रमिकों के बीच उनकी समस्याओं पर एक संवाद लिखना (child labour problem) अर्थात बाल श्रमिक आपस में बातचीत कर रहे हैं। या पिता और पुत्र के बीच में बाल श्रमिक जैसी कुप्रथा को लेकर परिचर्चा का संवाद  लिख सकते हैं।
 
इस तरह से आप समझ सकते हैं कि दोनों एक ही विषय होते हुए भी इसमें मैसेज तो एक ही होगा कि किस तरह से बाल श्रमिक अपने जीवन की समस्याओं से परेशान है लेकिन अनुच्छेद लेखन में एक तरह के विचार होंगे जबकि डायलॉग राइटिंग (dialogue writing) में इन दोनों के बीच में भावनात्मक पक्ष उभरते हुए बातचीत होगा, जिसमें दोनों बाल श्रमिक बात कर रहे होंगे और अपने इस जीवन से अलग हटकर पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देने और सरकार से लाभ प्राप्त कर के बाल श्रमिक के जीवन से छुटकारा पाने का संवाद हो सकता है।
 
anuchchhed lekhan ke udaharan naya anuchchhed CBSC Board class 10th B Hindi pathykram
सत्यमेव जयते पर एक अनुच्छेद एक सौ से 120 शब्दों में लिखिए। Satyamev Jayate per ek anuchchhed 100 se 120 shabdon mein likhiye


 
Anuchchhed lekhan Hindi udaharan Satyamev Jayate सत्यमेव जयते पर अनुच्छेद


 
संकेत बिंदु 
भाव 
झूठ के पांव नहीं होते 
सत्य ही परम धर्म
हमारी संस्कृति में सत्यमेव जयते (Satyamev Jayate) का मतलब होता है कि हमेशा सत्य की ही जीत होती है। सत्यमेव जयते वाक्य अशोक स्तंभ से लिया गया है और देवनागरी लिपि में लिखा है। इस वाक्य से यह भाव उत्पन्न होता है कि सत्य ही अंतिम विजय है। सत्य से बढ़कर कुछ नहीं होता है। जो मनुष्य सत्य के साथ चलता है, वही अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करता है। एक कहावत है कि झूठ के पांव नहीं होते हैं इसका मतलब यह हुआ कि जो व्यक्ति झूठ बोलते हैं, वह बार-बार अपनी बातों को बदलते रहते हैं। इसलिए कहा जाता है कि झूठ के पांव नहीं होते हैं। क्योंकि एक बार झूठ बोलने पर सौ बार झूठ बोलना पड़ता है। इसलिए एक बार सत्य बोल कर हम अपने जीवन को सुखी और आनंदित बना सकते हैं। झूठ अन्याय का प्रतीक है। इसलिए हमें सत्य का साथ देना चाहिए। या दुनिया चलती है अगर सभी लोग असत्य बोलने लगेंगे तो इस दुनिया में धर्म नहीं रह जाएगा इसलिए कहा जाता है कि सत्य ही परम धर्म है। इसीलिए सभी धर्मों में सत्यता की बात कही जाती है। इंसान का परम नैतिक कर्तव्य है कि वह सत्य को अपनाएं। अगर जिस मनुष्य में नैतिकता नहीं है सत्यता नहीं है वह इंसान मनुष्य की श्रेणी में नहीं है। इसलिए हर इंसान को सत्यता का वरण करना चाहिए।
 
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