anti Bhoo Mafia campaign in UP (paragraph writing in Hindi) भूमाफिया विरोधी अभियान पर अनुच्छेद लेखन

anti Bhoo Mafia campaign in UP (paragraph writing in Hindi) भूमाफिया विरोधी अभियान पर अनुच्छेद लेखन

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भूमाफिया विरोधी अभियान अनुच्छेद लेखन निबंध लेखन

जब अवैध रूप से कोई सरकारी जमीन पर कब्जा कर लेता है और उस जमीन का उपयोग व उपभोग करता है तो यह अवैध रूप से सरकारी जमीन पर कब्जा करना कहलाता है। लेकिन जब कोई संगठित माफिया सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करके उन्हें अपने उपयोग में रखता है।

महंगी कीमत में बेचता है‌ और लाभ कमाता है तो इस तरह के कृत्य करने वाले व्यक्ति को भूमाफिया कहा जाता है। लोकतंत्र में भूमाफिया नासूर बन चुके हैं।

भू-माफिया इतने सशक्त और मजबूत होते हैं कि वे अपने अपराधिक पृष्ठभूमि के बल पर बड़ी-बड़ी जमीनों के स्वामी को डरा धमका कर चंद रुपए में अपने रिश्तेदारों और नातेदारों के नाम से खरीद लेते हैं। उन्हें भी लालच के तौर पर कुछ रुपया दे देते हैं। फिर बाजार में इन जमीनों को मुंह मांगी कीमत पर बेच देते हैं। इस तरह से ढेर सारा धन भूमाफिया के पास आ जाता है। इन पैसों से वे अवैध काम करके कानून के नाक में दम कर देते हैं।

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अवैध जमीन कब्जा रोकने के उपाय

जब संगठित रूप से अपराध बढ़ जाता है और वह फलने-फूलने लगता हैं, तो ऐसे माफिया वाले अपराधी को रोकने के लिए कानून को कड़े फैसले, सख्त अभियान और कार्यवाही करनी होती है।
लगभग हर जिलों में इस तरह के छोटे-छोटे भू-माफिया और प्रदेशों में बड़े-बड़े भूमाफिया जन्म लेते रहते हैं।

इसके पीछे अलग-अलग सरकारों की ढुलमुल रवैया होता है। असल में भूमाफिया डरा धमकाकर और सरकारी तंत्र में भ्रष्ट अधिकारियों को मिलाकर अवैध रूप से जमीन कब्जा करने का खेल शुरू करते हैं। ‌ भू माफियाओं से निपटने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाना पड़ता है।

ऐसे भूमाफिया की लिस्ट बनाकर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज करना और उनकी संपत्तियों को जप्त करने की कार्रवाई करना उपाय है।

भूमाफिया विरोधी अभियान

anti bhoo Mafia campaign: अवैध तरीके से किसी की व्यक्तिगत ते जमीन और सरकारी जमीनों पर कब्जा जमाने वाले ऐसे भूमाफिया पर कार्रवाई के लिए सरकार द्वारा एंटी भू माफिया अभियान चलाया जाता है।

इस अभियान के अंतर्गत सरकारी जमीनों पर कब्जा किए हुए भूमाफिया की लिस्ट बनाई जाती है। किन-किन क्षेत्रों में कहां-कहां किसने जमीन पर कब्जा किया है, उसकी लिस्ट बनाकर सरकार द्वारा त्वरित का कार्रवाई की जाती है।

भू माफिया के खिलाफ आमजन में डर

अक्सर मीडिया में खबरें सुनाई देती है कि भूमाफिया द्वारा पंचायत की जमीन, सरकारी जमीन, पार्क, तालाब, सरकारी स्कूल, अस्पताल आदि की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करके उस पर अपना अवैध निर्माण कर लेते हैं। आसपास की जनता डर की वजह से उनकी शिकायत भी नहीं करती हैं।

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जब कोई शिकायत नहीं करता है तो भूमाफिया के अपराध करने के हौसले बुलंद हो जाते हैं। इसके साथ राजनीतिक गठजोड़ के कारण इन पर कोई पुलिसिया कार्रवाई भी नहीं होती है।

लेकिन जैसे ही सरकार इन माफिया के खिलाफ एंटी भूमाफिया कैंपेन शुरू करती है तो बहुत तेजी से त्वरित कार्रवाई इन पर होना शुरू हो जाता है। इस तरह से भू-माफिया सलाखों के पीछे होते हैं।

भूमाफिया के खिलाफ आंदोलन

जब जनता जागती है तो भू माफिया के खिलाफ आंदोलन छेड़ देती है। सरकारी तंत्र भी इन पर नकेल कसने के लिए कई तरह के कानून और स्वच्छ अभियान शुरू करती है जिसका परिणाम या मिलता है कि धीरे-धीरे भूमाफिया खत्म हो जाते हैं और कानून का राज स्थापित हो जाता है।

भू माफिया के खिलाफ जागरूकता

मीडिया की तरफ से उजागर होने वाली खबरों में खोजी पत्रकारिता के द्वारा भू माफिया के खिलाफ आंदोलन शुरू हो जाता है। जब मीडिया अपनी रिपोर्टिंग में खोजी पत्रकारिता द्वारा भू माफिया के बारे में अपनी मीडिया में खबरें प्रसारित करते हैं तो इस तरह की जागरूकता लोगों में फैलती है, इसके साथ सरकार भी कदम उठाती है।

भारत के विभिन्न प्रदेशों में भूमाफिया

भारत के कई प्रदेशों में भू माफिया चंदन तस्कर आदि के नाम आपने सुने होंगे जिन्होंने सरकारी जमीन और सरकारी जंगलों पर कब्जा करके आतंक का साम्राज्य स्थापित किया था ऐसे कई भूमाफिया और चंदन तस्करों को कानून के शिकंजे ने अपने पंजों में जकड़ कर उनको सबक सिखाया है।
जब अपराधी संगठित होकर अपराध को जन्म देते हैं तो उनका पहला उद्देश्य अवैध संपत्ति बनाना होता है।

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इस तरह की अवैध संपत्ति से अकूत धन संपदा इकट्ठा करके अपने डर के साम्राज्य स्थापित करना चाहते हैं। पैसों के बल पर भ्रष्टाचार को जन्म देते हैं।

प्रशासनिक क्षेत्र में कुछ भ्रष्ट लोगों को पैसों का लालच देकर अवैध शराब के ठेके, पेट्रोल पंप के ठेके और विक्रय संस्थान दुकान के लाइसेंस हासिल कर लेते हैं।
अवैध वसूली मिलावटी, मिलावटी उत्पाद बेचना इत्यादि जैसे काम भी करने लगते हैं। चारों तरफ से माफिया के पास पैसे आने लगते हैं, इन पैसों का उपयोग मीडिया, सरकारी तंत्र और चुनाव को प्रभावित करने के लिए प्रयोग करते हैं।

निष्कर्ष

anti Bhoo Mafia campaign : एंटी भू माफिया अभियान चलाकर ऐसे संगठित भूमाफिया की कमर तोड़ने के लिए उनकी अवैध संपत्तियों पर सरकार कब्जा करके उन्हें कानून के सलाखों में भेजती है। न्यायपालिका द्वारा उन पर अवैध जमीन रखने और अपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए मुकदमा चलाया जाता है और इस तरीके से दोषी पाने पर न्यायालय द्वारा सजा दी जाती है। यही सजा दूसरे लोगों के लिए बड़ी सबक बनती है और फिर किसी भी तरह का असंगठित और संगठित अपराध है उस प्रदेश में नहीं बढ़ पाता है क्योंकि चुस्त-दुरुस्त सरकार और ईमानदार प्रशासनिक तंत्र ऐसे अपराधियों पर तुरंत नकेल कसने के लिए कानूनी तरीके अपनाकर ऐसे माफिया को तुरंत सलाखों के पीछे भेज देते हैं।

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