सुनील विश्वकर्मा: छोटे गांव से मुंबई के फिल्मों में आर्ट डायरेक्टर तक का सफर
Film Bagpat ka Dulha Art director Sunil Vishvakarma
आखिर रंग लाई 14 साल की कड़ी मेहनत सुनील विश्वकर्मा सोरांव के छोटे से गांव गधिना से मुंबई की फिल्मों में आर्ट डायरेक्टर तक का सफ़र
छोटे शहर के युवाओं के सपने को पंख हाथों की लकीरों से नहीं उसके मेहनत से मिलती है। फिल्मों में कॅरिअर बनाने की चाहत के लिए छोटे शहरों की प्रतिभाएं मेहनत और संघर्ष के रास्ते चलकर दुनिया में नाम और शोहरत हासिल करते हैं तो मिसाल बन जाता है। किसान परिवार में जन्म लेनेवाले प्रयागराज सोरांव तहसील के छोटे गांव गधिना के युवा ने अपनी कला की पहचान बॉलीवुड की फल्मों से बनाई। सुनील विश्वकर्मा ने अपने शहर व गांव का नाम ही रोशन नहीं किया है, साथ में उन युवाओं के रोल मॉडल भी बन गए, जो छोटे शहरों के शांत वातारण में अपने कला व एक्टिंग की प्रतिभा लिए ग्लेमर की दुनिया बॉलिवुड में कॅरिअर बनाने के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाते हैं।
15 नवंबर को फेम फैक्टरी प्रोडक्शन के बैनर तले डारेक्टर करण कश्यप की फिल्म बागपत का दूल्हा रिलीज होने वाली है। जिसमें सुनील विश्वकर्मा ने बतौर आर्ट डायरेक्टर काम किया है। बागपत का दूल्हा हास्य से भरपूर कॉमेडी फिल्म है, जिसमें जाने माने अभिनेता जयसिंह के साथ रुचि सिंह, रजामुराद, ललित परिमू, अमिता नागिया, रवि झान्कल, पुनीत वशिष्ठ, शीतल डिमरी मेन किरदार में नजर आएंगे। गीत जावेद अली ने गाया है।
इससे पहले सुनील विश्वकर्मा सावधान इंडिया, फियर फाइल, लाल इश्क और हिंदी फिल्मों में बतौर आर्ट डायरेक्टर काम कर चुके हैं।
सुनील विश्वकर्मा ने बताया कि वे आने वाले समय में और भी कई फिल्मों में बतौर आर्ट डॉयरेक्टर नजर आएंगे।
Badhai
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