विदेश में साइकोलॉजी की पढ़ाई कर बनाए कॅरिअर

एब्रॉड एजुकेशन
अभिषेक कांत पाण्डेय

साइकोलॉजी सब्जेक्ट में शानदार कॅरिअर बनाने के लिए विदेशों में कई अच्छे संस्थान हैं। आज हर क्ष्ोत्र में साइकोलॉजिस्ट प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ रही है, ऐसे में विदेशों में साइकोलॉजी की पढ़ाई का ट्रेंड भी बढ़ रहा है। साइकोलॉजी में नए कोर्स से लैस यूनिवर्सिटी विदेशी छात्रों खासकर भारतीय छात्रों को आकर्षित कर रही हैं।
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साइकोलॉजी सब्जेक्ट में कॅरिअर की बेहतर संभावनाएं हैं, आप इस सब्जेक्ट के जरिए हेल्थकेयर सेक्टर में सॉइकोलॉजिस्ट के तौर पर काम कर सकते हैं। सोशल सेक्टर जैसे एनजीओ में काउंसलर की डिमांड भी लगातार बढ़ रही है। अब तो स्कूल और कॉलेज में साइकोलॉजिस्ट रख्ो जाते हैं, जो स्टूडेंट की पढ़ाई से लेकर उनके विकास में आने वाली समस्याओं का समाधान करते हैं। क्रिमिनल साइकोलॉजी दूसरा सबसे बड़ा क्ष्ोत्र डेवलप हो रहा है, जहां पर क्रिमिनल साइकोलोजिस्ट आपराधी के मनोविज्ञान को समझने और अपराध रोकने में सरकारी संगठनों का भरपूर सहयोग कर रहे हैं। एक साइकोलॉजिस्ट के तौर पर आप अपना निजी क्लीनिक भी खोल सकते हैं। भारत और एशिया के अन्य देशों में आने वाले समय में साइकोलॉजिस्ट प्रोफेशनल्स के लिए बेहतर भविष्य है।
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट
इनका काम मेंटल और हेल्थ प्रॉब्लम्स को डील करना होता है। इनमें चिता, डिप्रेशन, रिलेशनशिप प्रॉब्लम, नशा और रिलेशनशिप आदि की समस्याओं का इलाज करना शामिल है।

काउंसलिग साइकोलॉजिस्ट
इनका काम मेंटल हेल्थ से जुड़ा होता है। ये उन कारणों का भी पता लगाते हैं, जिनसे मरीज को दिमागी समस्या हुई है।

एजुकेशनल साइकोलॉजिस्ट
बच्चे हों या बड़े, एजुकेशनल साइकोलॉजिस्ट सभी को समाज में बेहतर तरीके से रहने का तरीका सिखाता है। ये साइकोलॉजिस्ट खासतौर पर स्टडेंट्स को पढ़ाई के दौरान होने वाले तनाव को दूर करने में मदद करते हैं।

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फोरेंसिक साइकोलॉजिस्ट
फोरेंसिक साइकोलॉजिस्ट के रूप में आप लीगल इश्यूज डील कर सकते हैं, मसलन- क्रिमिनल इनवेस्टीगेशन और क्रिमिनल बिहेवियर को समझने में आप पुलिस की मदद कर सकते हैं। साथ ही जेल जैसी जगहों पर अपराधियों को सुधारने में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं।

हेल्थ साइकोलॉजिस्ट
अच्छी सेहत कैसे बरकरार रख सकते हैं, यह समझाना काम है एक हेल्थ साइकोलॉजिस्ट का। वह लोगों को स्मोकिग, स्किन केयर, सेफ सेक्स जैसी बातों के बारे में बताता है और स्वास्थ्य से जुड़ी आदतों से छुटकारा दिलाने में उनकी मदद करता है।

न्यूरो साइकोलॉजिस्ट
एक न्यूरो साइकोलॉजिस्ट साइकोलॉजी और न्यूरोसाइंस को मिलाकर काम करता है। वह ब्रेन और बिहेवियर का गंभीर अध्ययन करके एक मरीज की बीमारी के कारणों और उसके उपचार के बारे में कोई फैसला करता है। विजन, मेमरी, स्मैल, टेस्ट, डिप्रेशन, दिमागी चोट, नशा मुक्ति जैसी बीमारियों का उपचार न्यूरो साइकोलॉजिस्ट के पास होता है।

ऑक्यूपेशनल साइकोलॉजिस्ट
किसी कंपनी में कार्यरत लोगों को काम के प्रति किस तरह मोटिवेट करना है, उनका वर्किंग प्लेस कैसा हो जैसी प्रॉडक्टिव बातों पर गौर करते हैं।

चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट
चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट बनकर आप पैरंट्स की काफी मदद कर सकते हैं। इस तरह के प्रोफेशनलिस्ट्स का काम बच्चों के व्यवहार और तनाव से जुड़ी समस्याओं को दूर करना होता है।

टीचिग एंड रिसर्च
आप साइकोलॉजी में टीचिग या रिसर्च को भी कॅरिअर के रूप में चुन सकते हैं।

यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज, इंग्लैंड
इस यूनिवर्सिटी में साइकोलाजिकल एंड बिहेवियूरल साइंस में तीन साल का ग्रेजुएशन कोर्स है, जिसमें पहले साल में साइकोलॉजी फंडामेंटल के साथ लैंग्वेज कम्यूनिकेशन, इवाल्यूशन एंड बिहेवियर के टॉपिक हैं, वहीं दूसरे साल में बायोलाजिकल एंथ्रापोलॉजी, न्यूरोबायोलॉजी और फिलास्फी और तीसरे साल में क्रिमिनोलॉजी, साइकोलॉजी से रिलेटेड पढ़ाई कराई जाती है। आपकी रुचि से सेलेक्टेड टॉपिक से शार्ट रिसर्च कराया जाता है। इस कोर्स के बाद आप चाहे तो यहीं से सइकोलॉजी में मास्टर की डिग्री कर सकते हैं, जो दो साल का है।
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड
यहां पर एक्पेरिमेंटल साइकोलॉजी में एमएससी और डिफिल के अलग-अलग कोर्स उपलब्ध है। साथ ही चार साल का एमएससी के बाद डिफिल कंबाइड कोर्स की स्टडी भी होती है। साइकोलॉजी की पढ़ाई के लिए उम्दा जगह है।

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न्यूयार्क यूनिवर्सिटी, अमेरिका
यहां मास्टर इन जनरल साइकोलॉजी में साइकोपैथोलॉजी, फॉरेंसिक साइकोलॉजी, डेवपलेपमेंटल साइकोलॉजी के कई कोर्स है। इसके अलावा मास्टर ऑफ आर्ट इंडस्टàीयल/ आर्गनाइजेश्नल साइकोलॉजी कोर्स भी है, यह एक नया कोर्स है, जिसमें किसी आर्गनाइजेशन में एंप्लाई के बीच टीम वर्क की भावना बढ़ाने, प्रोडक्शन आदि से संबंधित मानवीय स्किल्स बेहतर बनाने की स्टडी होती है। साइकोलॉजी में यहां से रिसर्च भी कर सकते हैं।
येल यूनिवर्सिटी, अमेरिका
यहां पर साइकोलॉजी के दो कोर्स उपलब्ध हैं, इनमें नेचुरल साइंस साइकोलॉजी और सोशल साइंस साइकोल्ॉजी सब्जेक्ट। नेचुरल साइंस में मास्टर कोर्स के तहत क्रिमिनोलॉजी साइकोलॉजी, लैंग्वेज ऑफ माइंड, बे्रन माइंड आदि टॉपिक को कवर किया जाता है। वहीं सोशल साइंस साइकोलॉजी में ह्यूमन बिहेवियर, चाइल्ड साइकोलॉजी, पॉलिटिकल साइकोलॉजी, इकोनॉमिकल साइकोलॉजी, मोरलिटी साइकोलॉजी आदि टॉपिक जुड़े हुए हैं। यहां पर साइकोलॉजी की पढ़ाई में व्यावहारिकता और सैद्धांतिक पक्ष में खासा ध्यान दिया जाता है। यहां पर एक क्लास 2० से अधिक स्टूडेंट्स नहीं होत्ो हैं।
महत्वपूर्ण बातें
अगर आप साइकोलॉजी में कॅरिअर बनाना चाहते हैं तो इस क्ष्ोत्र कदम रखने से पहले अपना आंकलन अवश्य कर लें। इसके लिए आप कॅरिअर काउंसिलिंग का सहारा ले सकते हैं, जहां पर इस क्ष्ोत्र के अन्य पहलूओं, आपकी इस क्ष्ोत्र में रुचि और झमता के बारे में पता चलेगा। इसके बाद सही संस्थान का चुनाव करें और वहां पर साइकोलॉजी में उपलब्ध प्रोग्राम और उसमें पढ़ाए जाने वाले टॉपिक के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर लें, आप साइकोलॉजी के जिस फील्ड में कॅरिअर बनाना चाहते हैं, उसे पहले से चुन लें, मसलन न्यूरोसाइकोलॉजिस्ट, चाइल्डसाइकोलॉजिस्ट के तौर पर क्योंकि पहले से तय लक्ष्य आपको सही दिशा की ओर ले जाएगा।

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