सर्वपल्ली राधाकृष्णनन जो भारतीय संस्कृति के मनीषी और शिक्षाविद्व थे उनके जन्मदिन पर प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मानाया जाता है। हमारी वैदिक संस्कृति में शिक्षा गुरू शिष्य परंपरा के अनुसार आश्रम में दी जाती थी। गुरू शिष्य को पुत्र की तरह मानता था और शिष्य अपने गुरू के प्रति कर्तव्यनिष्ठ होता था। आज शिक्षक दिवस पर गुरू के सम्मान में औपचारिकताएं होती हैं।
सही मायने अगर छात्र को सही और उचित मूल्यों वाली शिक्षा बिना व्यावसायिक भाव के एक समान नजरिये से दिया जाए तो वह दिन दूर नहीं है कि हम विज्ञान और सूचना क्षेत्र प्रोफेश्नल के साथ ही एक सच्चा नागरिक और सही मायनों में सही इंसान बना सकते हैं।
हम गुरूओं की पूजा करने वाले देश के नागरिक है जो इस श्लोक से सार्थक हाता है—गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः ।
सही मायने अगर छात्र को सही और उचित मूल्यों वाली शिक्षा बिना व्यावसायिक भाव के एक समान नजरिये से दिया जाए तो वह दिन दूर नहीं है कि हम विज्ञान और सूचना क्षेत्र प्रोफेश्नल के साथ ही एक सच्चा नागरिक और सही मायनों में सही इंसान बना सकते हैं।
हम गुरूओं की पूजा करने वाले देश के नागरिक है जो इस श्लोक से सार्थक हाता है—गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुरेव परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः।
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बच्चो, कई बार बारिश के दौरान अचानक पानी की बूंदों के साथ बर्फ के छोटे-छोटे गोले भी गिरते हैं। इन्हें हम ओले कहते हैं। ये ओले आसमान में कैसे बनते हैं और ओले क्यों गिरते हैं? तो आओ ओले के बारे में पूरी बात जानें।
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बच्चों, तुम जानते हो कि बर्फ पानी के जमने से बनता है। अब तुम्हारे मन में ये प्रश्न उठ रहा होगा कि आसमान में ये पानी कैसे बर्फ बन जाता है और फिर गोल-गोले बर्फ के टुकड़ों के रूप में ये धरती पर क्यों गिरते हैं? तुमने जैसा कि पढ़ा होगा कि पानी को जमने के लिए शून्य डिग्री सेल्सियत तापमान होना चाहिए, तुमने फ्