क्या तुम जानते हो?

तूफान क्यों आते हैं?
जब नमी से भरी हुई ढेर-सी गर्म हवा तेजी से ऊपर की ओर उठती है तब तूफान आते हैं। बच्चो, तुमने तूफान की शुरुआत से पहले हवा को तेज होते हुए देखा होगा। जब पानी वाले बादल बड़े होते जाते हैं और गहरे होते हुए आसमान में अंधेरा छाने लगता है। ये तूफान के लक्षण हैं। बादलों के अंदर पानी के कण तेजी से घूमते हैं, जो आपस में टकराते हैं और इससे बिजली बनती है। बिजली बनने का काम तब-तक चलता रहता है, जब तक वह बड़ी-सी चिगारी बन कर एक बादल से दूसरे बादल तक होती हुई धरती तक जोरदार चमक नहीं बन जाती। बिजली चमकते समय जब आकाश में बिजली इधर-उधर गुजरती है तो आस-पास की हवा गर्म हो जाती है। यह गर्म हवा तेजी से फैलती है तो गड़गड़ाहट की तेज आवाज सुनाई देती है।बिजली में गरज और चमक एक साथ होती है। चमक पहले दिखाई देती है और गरज बाद में सुनाई देती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रकाश की गति ध्वनि की गति से तेज होती है और चमक हमारे पास तक आवाज से पहले पहुंच जाती है। बिजली, पानी और तूफान से बचने के लिए किसी ऊंचे पेड़ के नीचे खड़ा हो जाना ठीक नहीं है, क्योंकि बिजली धरती पर गिरते समय अकसर किसी ऊंचे वृक्ष का सहारा ले लेती है। आसमान से गिरती हुई बिजली हमें नुकसान पहुंचा सकती ह

चीटियां भी बनाती हैं शौचालय

क्या आपको पता है कि चीटियों का भी अपना एक शौचालय होता है, वो इसके लिए बाहर नहीं जाती हैं बल्कि घोंसले के एक कोने में उनका शौचालय बना होता है। जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ रेजेनबर्ग के शोधकर्ता तोमर कजाकजक्स ने बताया कि चीटियों के लिए भी स्वच्छता और शौचालय एक बड़ा मुद्द है, जो हमारे समुदायों में है। चीटियों के दैनिक नित्यकर्म व्यवहार के अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने उनके घोंसले पर पाए गए भूरे रंग के पदार्थों की जांच की और पता लगाया कि क्या वह चीटियों का मल है? शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए सफेद रंग के प्लास्टर घोंसले में रहने वाली चीटियों को लाल और नीले रंग में रंगा खाना खिलाया और घोंसले का निरीक्षण किया और पाया कि चीटियां भी शौचालय के लिए एक जगह का चुनाव करती है, जो उनका शौचालय है।

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