which is online education train in hindi | कोरोनावायरस के कारण कौन से पढ़ाई के तरीके बदले हैं क्या आप जानते हैं?

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 which is online education train in hindi |कोरोनावायरस के कारण कौन से पढ़ाई के तरीके बदले हैं क्या आप जानते हैं?

कोरोनावायरस पीरियड में 10 ऐसे चर्चित  एजुकेशनल ट्रेंड जिसने एजुकेशन को बदल दिया

10 popular educational trends in coronavirus period that changed education in Hindi 

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ऑनलाइन एजुकेशन में कौन-कौन से बदलाव


इस लेख में ऑनलाइन एजुकेशन में कौन-कौन से बदलाव हो रहे हैं, जैसे  पढ़ाई के तरीके में किस तरह से बदलाव हो रहा है, इसके बारे में बताया गया है।  अमेरिका, ब्रिटेन, रूस जैसे बड़े देश अपने ऑनलाइन शिक्षा में इस करोना  संक्रमण काल में बहुत बदलाव किया है। 
India में पढ़ने और  पढ़ाने के तरीके में कई ऐसी तकनीक और ऐसे टीचिंग मेथड का विकास हुआ है। 
भारत देश की नई शिक्षा- नीति में इन बातों को ध्यान में रखा है। भारत में भी करोना संकट के समय अपने छोटे से संसाधन में Teachers ने बेहतर ऑनलाइन शिक्षा दी है। 
ऐसे कई टीचर्स के यूट्यूब वीडियो देखने के बाद पता चला है कि भारत में भी कई ऐसे लोग हैं जो अपने टीचिंग मेथड को यहां के बच्चों के अनुसार आसान बना रहे हैं।  
इस लेख में मैंने एजुकेशनल ट्रेंड में होने वाले बदलाव के बारे में बताया है। 
(In this article I have told about the change in educational trends In easy Hindi languages)


10 popular educational trends in coronavirus period that changed education in Hindi

साल 2020 एजुकेशनल ट्रेंड (Educational Trend) को बदल के रख दिया है।  भारत में नई शिक्षा नीति (Education Policy-2020) भी लागू हो चुकी है और उसका प्रभाव भी डिजिटल शिक्षा (Digital Education) की ओर भी है। पढ़ाने के नए तरीके इस संक्रमण काल में सामने देखने को मिले हैं। 

आज सभी स्कूल ऑनलाइन (Online School) हो गई है। इस संक्रमण के समय पूरी दुनिया एक नए बदलाव की ओर जा रही है। भारत भी शिक्षा (Education) के क्षेत्र में नई छलांग लगाने जा रहा है। नई शिक्षा-नीति (Education Policy-2020) से बहुत उम्मीदें हैं।


 सवाल ये उठता है दोस्तों!  इस संक्रमण के दौर में हमने अपने एजुकेशनल सोच को बदल दिया है। कई तरह के बदलाव भी हो रहे हैं। ‌स्कूल बदल रहे हैं, शिक्ष पढ़ाने  के तरीके में बदलाव ला रहे हैं। पेरेंट्स की सोच भी बदल रही है। आइए यह Educational Trends के 10 बड़े बदलाव इस 2020 में कैसे आए जाने! ये कौन से हैं, जो हमारे एजुकेशनल ट्रेंड को बदलकर एक नई दिशा दे रहे हैं।  

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1. स्टूडेंट, टीचर और पैरंट्स ने बदल दिया एजुकेशन का ट्रेंड
Students, Teachers and Parents changed the trend of Education


किसी देश की एजुकेशन सिस्टम टिका होता है- स्टूडेंट, टीचर और पैरंट्स के आपसी सहयोग और प्रयास पर।

इस समय ऑनलाइन एजुकेशन से पढ़ाई (Online Education Study 2022) हो रही है। यह एक बड़ा बदलाव 2020 में देखने को आप लोगों को मिल है। आज स्टडी का तरीका बदला है। लेकिन इस समय घर पर ही असाइनमेंट वर्क (Assignment) तैयार करके ऑनलाइन पढ़ाई को और भी बेहतर बनाया जा सकता है। 

कोरोना संक्रमण Corona के इस दौर में लोगों ने सीखा सफाई और स्वास्थ्य देखभाल कैसे करना चाहिए। लोगों ने यहां भी जाना कि आखिर पढ़ाई -लिखाई से भी अधिक जरूरी स्वास्थ्य भी होता है।

  यह भी जाना है कि टीचर के साथ पेरेंट्स की भी भूमिका (Role) खास होती है इसलिए क्योंकि बच्चे का सबसे नजदीकी दोस्त उसके पेरेंट्स (Parents) ही होते है़ं। 


 आज नर्सरी से लेकर कॉलेज लेवल (Nursery to College) की पढ़ाई ऑनलाइन (Online Study)  हो रही है। माता-पिता (Parent) एक अच्छे टीचर की भूमिका में घर से ही बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। और बच्चे को ऑनलाइन शिक्षा (Online Education) की आने वाली कठिनाइयों को भी दूर कर रहे हैं। 


मोबाइल चलाना, इंटरनेट चलाना, पीडीएफ फाइल बनाना, बच्चे का प्रेजेंटेशन वीडियो बनाना, ये सब काम आज माता- पिता अपने बच्चों के लिए कर रहे हैं। देखा जाए तो यह समय एक दूसरे की देखभाल करने का समय है। अभिभावक (Parents) भी टीचर से जुड़कर अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए कोशिश कर रहे हैं। (Trying for better education.) which is online education train in hindi


पूरी दुनिया में बच्चे इसी तरह से पढ़ रहे हैं और इस करोना संक्रमणकाल (In Education Corona transition period.) में इस धरती में पढ़ाई-लिखाई चल रही है।  किसी भी सभ्यता (Culture) के लिए ज्ञान (knowledge) का आदान-प्रदान रुकना नहीं चाहिए।


2. एजुकेशन में व्यावहारिक सीख का समय ट्रेंड trends
 (Time for Practical Learning Trends in Education)


इंडिया में एजुकेशन (EducationTrend) का मतलब सरकारी नौकरी पाना ही समझा जाता है। लेकिन इस संक्रमण के समय में जब ऑनलाइन पढ़ाई (Online Study) शुरू हुई तो जागरूकता बढ़ी। अपनी जरूरत के हिसाब से हमने स्वयं को ढाल लिया। स्कूलों के भौतिक संसाधनों (Physical resources of schools) से अलग ऑनलाइन क्लासेस (Online class) से सीखना शुरू किया तो इस सीखने और सिखाने की प्रक्रिया (Learning Process) में बहुत बदलाव भी आया।

 

पढ़ाई जहां किसी के लिए दूर की चीज थी,  महंगी थी। वहां अब उसके घर पर ही ऑनलाइन माध्यम से अच्छी पढ़ाई और ज्ञान मिल रहा है। भाषा के अध्ययन (Bhasha Education) में भी ऑनलाइन शिक्षा बहुत कारगर साबित हुई है। संक्रमण के इस समय हमने पढ़ाई के माध्यम से हमारी बातों को भी सीखा जो हमारे सिलेबस (Syllabus) में है। 

एक बच्चे को उसकी रूचि के अनुसार पेंटिंग करना (Penting), संगीत सीखना (Learning Music)  स्टोरी सुनाना (Story Listning), स्टोरी लिखना (Story Writing), अपना वीडियो प्रेजेंटेशन बनाना, वीडियो के माध्यम से स्टोरी सुनाना, उसके अंदर की एक्टिंग भाषण (Speech) कला की प्रतिभा का निखार और उसमें सुधार के लिए बनाए गए वीडियो को मूल्यांकन (Evolution) के लिए भेजना। 


शिक्षक द्वारा दिशा निर्देश देना और बताना यह सब पढ़ाई का एक ऐसा माध्यम सामने आया जो व्यवहारिक पक्ष को भी सामने रखता है। 

इंसान सामाजिक प्राणी है और बचपन से ही उसे सीख दी जाती है कि कैसे साफ सफाई,  सजावट, अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उसे नाचना, गाना, लिखना, पढ़ना भी आना चाहिए।  एक अच्छा इंसान बनने के लिए  यह गुण भी होना जरूरी है।  पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए शिक्षा में इन बातों पर भी ध्यान दिया जाता है। इस संक्रमणकाल में ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से इस पर भी बहुत जोर दिया गया है जो कि हमारे सामाजिक जीवन और एक मनुष्य होने के अर्थ को पूरा करता है। नैतिकता और अनुशासन की सीख भी इस समय काल में बच्चों को दिया गया। (Learning of morality and discipline was also imparted to children during this period.)


हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, फिजिक्स, केमेस्ट्री, जूलॉजी बॉटनी, इकोनामिक, ज्योग्राफी जैसे- सब्जेक्ट में नए तरीके से प्रेजेंटेशन के जरिए टीचर बच्चों को अलग अलग तरीके से ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं।‌

डिजिटल माध्यम में पढ़ाने के तरीके में भी बदलाव आया, जो चीजें पहले भौतिक संसाधन के अभाव में नए प्रयोग पढ़ाई में नहीं हो पाते थे। अब इस डिजिटलाइजेशन के समय ऑनलाइन कक्षा में विजुअल फोटोग्राफ के माध्यम से बहुत अच्छे तरीके से प्रयोग हो रहे हैं।

पढ़ने और पढ़ाने के तरीके और आसान बनाने के लिए हजारों एप्स नए-नए तरीके से बाजार में उपलब्ध है। जो विद्यालय खुद को ऑनलाइन पूरी तरीके से नहीं किए थे, वे भी इस समय स्वयं को ऑनलाइन कर लिया है। ऑनलाइन शिक्षा के लिए ऑनलाइन तरीका वास्तव में इस (online method for online education) शताब्दी की सबसे बड़ी देन है जो हम कोरोना संक्रमणकाल (Corona transition period) के महामारी में अपने को शिक्षित बनाने में इस्तेमाल किया है।

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3. पर्सनल एजुकेशन मेथड ट्रैंड


Personal Education Method Trand

हर बच्चे की सीखने और समझने की अलग-अलग क्षमताएं (Learning Ability) होती है। क्षमताओं की पहचान हर शिक्षक को करना जरूरी होता है। कई बच्चे एक ही कक्षा में अलग-अलग बौद्धिक स्तर और रुचि (Different Intellectual Levels and Interests) वाले होते हैं, उन्हें एक तरीके से समझा पाना मुश्किल है, सभी बच्चों को समझ में आए कक्षा में  इसलिए  कई तरीके से समझाया जाता है। ऑनलाइन क्लास में भी हर बच्चे के स्तर के अनुरूप उसी बात को कई तरीके से समझाया जाता है।

ऑनलाइन-शिक्षा में व्यक्तिगत तौर पर बच्चे को इसी टॉपिक पर उसे आसानी से समझाया जा सकता है। (In online education, it can be easily explained to the child personally on this topic)

ऑनलाइन ग्रुपिंग क्लास में अगर  उसे समझ में नहीं आता है या  किसी तरह की कोई समस्या है तो वह व्यक्तिगत रूप से भी ऑनलाइन टीचर से अपने समस्या का समाधान छात्र पा सकता है। जब ऑनलाइन या डिजिटलाइजेशन की सुविधा नहीं थी तो बच्चे किसी टॉपिक को यदि स्कूल में नहीं समझ पाए हैं तो उन्हें कोचिंग का सहारा लेना पड़ता था। 


लेकिन ऑनलाइन क्लास में समझाने और समझाने के तरीके में बड़ा बदलाव आया है।

 ‌एक सफल शिक्षक वह है, जो किसी टॉपिक पर आनेवाली अलग-अलग समस्याओं पर ऑफलाइन वीडियो क्लास (Offline Video Class Trends in Education) बनाकर रखना जरूरी है ताकि उस तरह की समस्या से जूझ रहे बच्चे और वीडियो क्लास को देखो पढ़कर अपनी समस्या का समाधान पा सके। इसके बाद भी किसी तरह की प्रॉब्लम होती है तो शिक्षक से सीधे ऑनलाइन एक निर्धारित समय पर जुड़ सकता है।‌ 

ऑनलाइन क्लास ने पढ़ाई को व्यक्तिगत भी बना दिया है।  आज कोई भी छात्र मोबाइल के माध्यम से व्यक्तिगत अपनी रूचि और सब्जेक्ट के अनुसार पढ़ाई कर सकता है। 

मान लीजिए किसी बच्चे की मैथ विषय (Math subject) बहुत कमजोर है, उसे स्कूल की कक्षा में इतनी बातें समझ में इसलिए नहीं आती है क्योंकि बेसिक बातें मैथ कि उसे क्लियर नहीं है। बेसिक फंडा  को क्लियर करने के लिए वह रिमेडियल क्लास (Online Remedial Class) के रूप में ऑनलाइन क्लास अपनी उसी शिक्षक से प्राप्त कर सकता है जो उसके लिए एक निर्धारित समय पर स्कूल के बाद मिल सकती है।


4. STEM के प्रोजेक्ट में कला  प्रोजेक्ट को जोड़ना नई एजुकेशन Trend 


What is Adding Art Project to STEM Project New Education in Hindi 

 STEM का मतलब साइंस, टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग और मैथ है। इसे शॉर्ट फॉर्म में (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) STEM कहते हैं। 

आज के दौर में बच्चे इन सिलेबस से  परिचित हो रहे हैं। इसका फायदा यह है कि बच्चों में व्यवहारिक और उच्च कौशल का विकास होता है।  लेकिन इन विषयों के साथ कला को जोड़ना (इस प्रकार स्टैम: एसटीईएम प्लस आर्ट्स बनाना) आपके छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन (एकेडमिक रिजल्ट) में सुधार कर सकता है।

इसे इस तरह समझे कि विज्ञान और गणित के पाठ हो में कला असाइनमेंट को जोड़ने से  STEM विषयों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है। यह रचनात्मकता (creativity) को बेहतर बनाता है। किसी भी शैक्षणिक विषय के लिए एक उपयोगी कौशल। इसके अलावा, STEAM कला पाठ्यक्रम को छात्रों को अकेले एसटीईएम की तुलना में अधिक अच्छी तरह व्यावहारिक शिक्षा प्रदान करता है और छात्र अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है।


5. पढ़ाई में जीनियस आवर नई तकनीक 


Genius Hour new technology in studies 

एजुकेशन सिस्टम में कोरोना के समय काफी बदलाव देखने को मिले हैं। जीनियस आवर (Genius Hour Technic in Education) तकनीक ऑनलाइन कक्षाओं में मैंने भी इस्तेमाल किया है। इसी तरीके से एक जीनियस आवर टेक्निक है।


जीनियस आवर (genius hour) एक नई तकनीक जिसे क्निकल अकैडमी कहते है। बच्चे के स्टडी में ऑनलाइन टीचिंग के जरिए टीचर स्टूडेंट ( student) को घर पर किसी एक टॉपिक पर अध्ययन करने के लिए निर्धारित 1 घंटे का समय देता है। 

उसके बाद छात्र से कांटेक्ट (ऑनलाइन बात करके) करके उस छात्र से उसी उस छात्र से उसी टॉपिक पर एक परियोजना कार्य तैयार करने को कहता है। छात्र अपना टॉपिक खुद ही चुनता है। इस तरह छात्र अपनी रुचि से खुद से पढ़कर यानी सेल्फ स्टडी (self study) करके परियोजना -कार्य Assignments Work कार्य पूरा करता है। इस तरीके से छात्र अपनी सोच- कुशलता स्वाध्याय (Self Study) स्वतंत्र रचनात्मकता अभ्यास (free creativity practice) और प्रोत्साहन प्राप्त करता है। इस तरह से छात्र जीनियस आवर तकनीक से पढ़ाई में इंटरेस्ट लेता है और ऑनलाइन कक्षा उसके लिए वह भी नहीं बनती है।


6. Education में Digital work  को बढ़ावा का ट्रेंड 

 

 इस समय ऑनलाइन कक्षा के कारण छात्रों में डिजिटल वर्क के बारे में भी रुचि बढ़ी है। आज वही देश सबसे आगे है, जो कागजों के झंझट से मुक्ति पा ली है। 

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हमारे देश में एक समय  डिजिटलाइजेशन एक समस्या के रूप में देखा जाता था। आर्थिक (economical) सामाजिक  (Social) और शैक्षिक (Educational) रूप में इसको स्वीकार करने में लोगों को हिचकिचाहट थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के समय में शैक्षिक रूप से डिस्टलाइजेशन (Educational Digitalaigation) अपनाया जा रहा है। भारत में भी सरकारें ऑनलाइन शिक्षा के अलावा ऑनलाइन डेटाबेस (Online Database) को भी मजबूत बना रही है। कोविड-19 के संक्रमण के बाद से ऑनलाइन क्लास के जरिए यह भ्रम भी टूट गया कि डिस्टलाइजेशन आप भारत के लिए बहुत ही जरूरी है।  digital assignment digital work website online video training इन सब को भी बढ़ावा मिला है इसलिए इन पीढ़ी को डिस्टलाइजेशन की और अब जाने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई इस दिशा में इन्हें कुशल (Skillfull) बना रही है।


7.डिजिटल होमवर्क और असाइनमेंट Trends


ऑनलाइन शिक्षा के कारण पारंपरिक क्लास (Traditional Class)  में भी डिजिटल होमवर्क और असाइनमेंट दिया जाएगा। जिसे व्यक्तिगत रूप से छात्र अलग-अलग स्टडी मटेरियल से उसे पूरा करेंगे। इससे बच्चों में ऑब्जरवेशन  (Observation) और रिसर्च टेक्निक (Research Tecniqu) का विकास होगा।

Traditional class यानी पारंपरिक शिक्षा में कक्षाओं में चित्र  प्रोजेक्टर blackboard से किसी भी टॉपिक पर पढ़ाया जाता रहा है लेकिन ऑनलाइन शिक्षा कि इस व्यवस्था में अब ट्रेडिशनल क्लास  मैं किसी टॉपिक पर डिजिटल प्रोजेक्ट वर्क घर पर करने के लिए दिया जाएगा। डेटाबेस में पहले से बनाए गए इंटरएक्टिव स्टडी मटेरियल से छात्र अपने प्रोजेक्ट वर्क को डिजिटल रूप में करके उससे मूल्यांकन के लिए टीचर को देगा। स्कूल में कक्षा के समय उन प्रोजेक्ट वर्क पर प्रेजेंटेशन के साथ चर्चाएं भी होगी। इस तरह से स्कूल में किसी ए पीरियड में बच्चे अब गहन अध्ययन कर सकेंगे और डिजिटल वर्क digital work से अपना प्रेजेंटेशन वह घर पर तैयार कर सकेंगे।


8.सामाजिक-भावनात्मक अधिगम (SEL) social (Emotional Learning) सोशल इमोशनल लर्निंग Trends


 सामाजिक-भावनात्मक अधिगम (SEL) social (Emotional Learning) सोशल इमोशनल लर्निंग की चर्चा इन दिनों एजुकेशन में है।   COVID -19 संकट के समय सामाजिक भावनाएं हमारे अंदर रही हैं,इस दुनिया और समाज की भलाई के लिए सामाजिक भावनात्मक सोच होना भी बहुत जरूरी है। एजुकेशनल ट्रेंड में अब यह भी बदलाव आया है कि बच्चे सामाजिक भावनात्मक अधिगम यानी (Social (Emotional Learning) भी सीखेंगे। करोना संक्रमण के समय में तनाव के कारण स्वास्थ्य की समस्याएं हो रही थी। इन तनाव के कई कारण थे।

शिक्षा में यह सुधार का दौर है। एजुकेशन में टीचर Social Emotional Learnings के जरिए बच्चों में सामाजिक भावना का विकास करते हैं तो छात्रों में कई तरह के बदलाव आता हैं। उनके पढ़ाई के स्तर में भी सुधार होता है क्योंकि वह समाज के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित होते हैं। दूसरों की मदद करना, सामाजिक समस्याओं को समझना, देश के हर जाति समुदाय के लोगों से भावनात्मक सामाजिक एकता बनाए रखने के लिए एक दूसरे का सम्मान करना। 


9. गेमीफिकेशन यानी खेल खेल में पढ़ाना
Gamification Study


एजुकेशन का मतलब केवल पढ़ाई ही नहीं है बल्कि उसमें खेल का भी महत्व है। इस संक्रमण के समय में भले ही बच्चे घरों में रहे हो लेकिन इनडोर गेम और पढ़ाने के तरीके में गेम को शामिल करने से बच्चे पढ़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। एजुकेशन सिस्टम में भी खेल को बहुत ही महत्व दिया गया है। खेल शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी है।छोटे बच्चों के लिए खेल खेल में ही अक्षर ज्ञान देना और गणित की शिक्षा छोटे-छोटे खेल के उपकरण बनाकर देने से और उनका उपयोग पढ़ाई में करने से बच्चे उन रंग-बिरंगे गणितीय आकार को देखकर स्क्वायर रेक्टेंगल सर्किल को आसानी से समझ सकते हैं। 

खेल बच्चों को प्रोत्साहित करता है। खेल खेल से पढ़ने पढ़ना उनके लिए मजेदार है। बच्चे पढ़ने के लिए तैयार हो जाते हैं। छोटे बच्चे के लिए खेल की रणनीति द्वारा पढ़ाना और सिखाना उनके लिए बहुत ही रोचक है। ऑनलाइन कक्षा में भी तरह-तरह के छोटे-छोटे खिलौने बनाकर बच्चों के सामने उन आकृतियों में नंबर लिखकर गणित की शिक्षा दी जा रही है। 

इस तरह के कई प्रयोग टीचर्स के द्वारा किया गया है। इस तरह से खेल चाहे वह ऑनलाइन शिक्षा में या चाहे आफ लाइन (ट्रेडिशनल क्लास) में हो वह बच्चों के सीखने में बड़ा ही मददगार साबित हो रहा है। कई तरह के कार्ड से अक्षरों  से शब्द बनाना, इस तरह के खेल और खेल को पूरा करने वाले बच्चे को नंबर देना, यह सब बच्चों को बहुत ही इंटरेस्टिंग लगता है।


 

 10. ऑनलाइन प्रायोगिक शिक्षा
(Online Precticle Edution Trend)


ऑनलाइन माध्यम से प्रायोगिक शिक्षा (Practical Education) भी देने का ट्रेंड नया चला है। जिस तरह से कक्षा या लैब में शिक्षा दी जाती है उस तरह से ऑनलाइन प्रायोगिक शिक्षा भी ऑनलाइन माध्यम से दी जा रही है।

आजकल ऐसे एप्स है जिनके माध्यम से वीडियो गेम की तरह आभासी (Virtual like video games) जगह पर ले जाया जा सकता है। वह वास्तविक दुनिया की तरह किसी एक जगह के बारे में अधिकतम जानकारी ग्राफिक्स और रंगों के माध्यम से होती है। उसी पर आधारित असाइनमेंट (Educational Assignment) बच्चे घर पर बैठे ही करते हैं। बच्चों में ऑब्जर्वेशन एनालिसिस और प्रेजेंटेशन की स्किल का विकास होता है। प्रैक्टिकल असाइनमेंट के लिए ऑनलाइन आभासी दुनिया (Online virtual world) में सीमित तरीके हैं लेकिन यह भी बहुत ही कारगर हो सकता है। अगर इस पर एजुकेशनल तरीके से सॉफ्टवेयर डेवलपर ध्यान दें तो टीचरों की ऐसी जरूरतों को वह एप्स के माध्यम से पूरा कर सकते हैं।

Conclusions


कोरोना संक्रमण के बाद भी इस 2020 में ऑनलाइन कक्षाओं के द्वारा पूरी दुनिया के बच्चे पढ़ रहे हैं। इसमें लगातार कई तरह के सुझाव व रिसर्च के कारण बदलाव भी हो रहा है। इसमें पढ़ाई के तरीके में बदलाव आया है। वह बदलाव आने वाले समय में ट्रेडिशनल क्लास में भी देखने को मिलेगा और इस तरह से हम अपने नागरिकों को डिजिटल नागरिक बना पाएंगे क्योंकि पूरी दुनिया डिस्टलाइजेशन और ऑनलाइन तरीकों की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में एजुकेशन ट्रेंड बदल रहा है। टीचर स्टूडेंट्स और पेरेंट्स भी आज ऑनलाइन जरूरतों के बारे में जान गए हैं। इस तरह से आने वाले समय में एजुकेशन सिस्टम में और एजुकेशन किस सोच में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है।


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लेखक

अभिषेक कांत पांडेय

शिक्षा से जुड़े हुए हैं और कई पत्र-पत्रिकाओं में शैक्षिक व सामाजिक लेखों का प्रकाशन।

शैक्षिक योग्यता पत्रकारिता में परास्नातक, हिंदी में परास्नातक, शिक्षा में स्नातक (BEd)


कॉपीराइट सन 2020 , न्यू ज्ञान वेबसाइट




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