Higher education skill Education study in India now start. कुशलता को बढ़ावा देने के लिए उच्च शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन होने जा रहा है। इस पर कई तरह के लेख-अनुच्छेद, निबंध (article paragraph essay writing) एकेडमिक कक्षा में इस तरह के लेख और competitive examination में इस तरह के essay writing and paragraph writing.
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डेढ़ सौ शब्दों में हायर एजुकेशन में कौशल योग्यता के बारे में अनुच्छेद।
उच्च शिक्षा में कौशलता (Skill) को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के परिवर्तन किए जा रहे हैं। अब उच्च शिक्षा में कला और कारीगरी की कुशलता स्थानीय कलाकार और कुशल कारीगरों द्वारा प्रदान की जाएगी।
गायन, बांस निर्माण की कला, मिट्टी के बर्तन बनाने की कलाकारी, कालीन डिजाइन बुनने की कला, बढ़़ही की कला इत्यादि की कुशलता का ज्ञान स्थानीय कुशल कारीगरों और कलाकारों द्वारा स्कूलों में पाठ्यक्रम के माध्यम से सिखाया पढ़ाया जाएगा।
इसके लिए विश्वविद्यालय और कॉलेज में अंशकालिक प्रोफ़ेसर इन्हें नियुक्त किया जाएगा। अपने क्षेत्र में विशेष योग्यता प्राप्त ऐसे कारीगर और कलाकारों को शिक्षा देने के लिए उन्हें नियुक्त करने का यही उद्देश्य है कि युवा पीढ़ी में कला के साथ कुशलता का भी विकास हो सके ताकि वे इस जीवन उपयोगी कलाओ और कारीगरी सीखकर अपने जीवन में रोजगार प्राप्त कर सके और इस तरह की कुशलता विश्वविद्यालय और कॉलेजों में भी अपना स्थान बना पाएगी।
जिससे विशेष योग्यता प्राप्त इन कलाकारों और कारीगरों को भी सम्मान मिलेगा। कौशल को बढ़ावा देना आज की आधुनिक शिक्षा की सबसे बड़ी मांग है। कहा जाता है कि आज की शिक्षा (education) केवल किताबी ज्ञान है तो वस्तुतः अब यह कहना असत्य है क्योंकि स्थानीय कला और कुशलता को भी शिक्षा से जोड़कर व्यावहारिक ज्ञान दिया जा रहा है। शिक्षा में कुशलता को बढ़ावा देने से शिक्षा अब और ज्यादा उपयोगी और व्यवहारिक हो जाएगी। इससे हमारी पीढ़ी को समुचित लाभ प्राप्त होगा।
उपरोक्त कुशलता पर शिक्षा अनुच्छेद को एक ही पैराग्राफ में लिखें।
FAQ Skill Education
नई शिक्षा प्रणाली में इसकी एजुकेशन को बहुत बढ़ावा दिया जा रहा है। आखिर ऐसा क्यों?
इसके बारे में बहुत से सवाल आपके मन में होंगे! जिसका जवाब हम यहां सरल और सहज हिंदी भाषा में आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं।
हमने ऊपर एक अनुच्छेद भी कौशल शिक्षा (Skill Education) पर हिंदी भाषा में लिखा है यह आपके लिए किसी प्रतियोगी परीक्षा या एकेडमिक राइटिंग में मददगार साबित हो सकता है।
कौशल युक्त शिक्षा क्या है?
आज के दौर में पढ़ाई के साथ जीवन उपयोगी कौशल शिक्षा भी दी जाती है, जिससे बच्चे कौशल के माध्यम से नृत्य-गायन, शिल्प कला, मार्शल आर्ट बर्तन बनाने की कला आदि सीख सकें, इसे शिक्षा के अंतर्गत जोड़ा जा रहा है, इसे कौशल युक्त शिक्षा कहा जाता है।
जैसे रंगोली बनाना, कार्ड बनाना, इलेक्ट्रिक बोर्ड बनाना, गीत लिखना, कढ़ाई बुनाई, पाक कला सजावटी वस्तुएं बनाना यह सब स्किल एजुकेशन के अंतर्गत रखा गया है।
हमारे आसपास ऐसे बहुत से विशेष योग्यता वाले गायक कलाकार बढ़ाई रचनाकार डिजाइनर इत्यादि है, जो अपने क्षेत्र में माहिर व्यक्ति हैं, ऐसे लोगों को भी शिक्षा में पढ़ाने के लिए जोड़ा जाना ताकि उनसे भी कुशलता बच्चों में सिखाई जा सके, इसलिए कौशल युक्त शिक्षा प्राथमिक कक्षा से लेकर हायर एजुकेशन तक देने की शुरुआत नई शिक्षा नीति के अंतर्गत की गई है।
University में शिल्पकार, कारीगर की नियुक्ति प्रोफेसर के तौर पर होगी?
अब विश्वविद्यालयों में कुम्हार, शिल्पकार, कारीगर, गायन, मार्शल आर्ट के कलाकार व जानकार की नियुक्ति प्रोफेसर के तौर पर होगी यह अंशकालीन प्रोफ़ेसर होंगे और उच्च शिक्षा में बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे।