अभी हम तरूणाई है

अभी हम तरूणाई हैअभी मंहगाई हैअभी भ्रष्टाचार हैअभी चुनाव हैअभी वादें हैंअभी हम खोखले नहींअभी हम खेल भी नहींअभी हम तरूणाई हैंअभी हम कुछ नहींकल हम हैकल हमारा हैकल हम वोट डालेंगेकल हम फिजा बदेलेंगेहम लोकतंत्र बनेंगे।

अभी हम तरूणाई है Read More »

चलो धरा में हरियाली रचे

चलो धरा में हरियाली रचे कविता अभिषेक कांत पाण्डेय चलो धरा में हरियाली रचेगगन को न्योतापंक्षियों को बनाये देवतासंदेश देहरियाली कीसपने में हरा भरादिखे गगन से धरापंक्षी तू देख जंगल कितनाबता फिर लगा दूं कई वृक्षबैठ जाना कहींदु​निया तेरी भी। पहाड़ मत हो गंभीरधीरे बहने दे नीर​हरियाली सौंप दूंगाअब नहीं करना हलचलहमने भेजा है संदेशचिड़ियों …

Continue Reading

चलो धरा में हरियाली रचे Read More »

कोयल कूंकेगी अब हर डाली

कोयल कूंकेगी अब हर डालीपतझड़ आया पेड़ों के पत्ते झड़तेनया प्रभात, नया जीवन संचार रचतेउदास बैठे कोयल को आसतेज पवन के झोंकों के बादफिर नव संचार बसेगावृक्ष बदलेंगे अपने गहनेफिर आएंगी जंगल की हरियाली। नये पत्ते, नई उमंग के साथकरेंगे वसूंधर का श्रृंगारहवा के साथ खनक रहें सूखे पत्तेमिल जाना चाहते हैं मिट्टी मेंबनकर वो …

Continue Reading

कोयल कूंकेगी अब हर डाली Read More »

संविदा शिक्षक की मांग ​समान कार्य के लिए दे समान वेतन: समान कार्य समान वेतन

संविदा शिक्षक की मांग ​समान कार्य के लिए दे समान वेतन: समान कार्य समान वेतनअभिषेक कांत पाण्डेय। भोपाल। ​सभी बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा कानून लागू होने के चार साल के बाद भी मध्यप्रदेश की सरकार गुणवत्ता वाली शिक्षा दे नहीं पा रही है। अभी भी शिक्षकों की भर्ती संविदा में की जाती है। …

Continue Reading

संविदा शिक्षक की मांग ​समान कार्य के लिए दे समान वेतन: समान कार्य समान वेतन Read More »

सृजनात्मक लेखन बच्चों में आभव्यक्ति का विकास करती है। कहानी, कविता व लेख लेखन से बच्चे अपने आसपास की विषय वस्तु, घटनाक्रम व विश्लेषण की अदृभुत श्रमता का विकास करते हैं। बच्चों दृवारा लिखित कहानी, कविता व लेख आदि से उनकी समझ का विकास और दुनिया के साथ स्थानीय परिवेश को देखने की झमता की अभिवृद्धि् होती है। …

Continue Reading

Read More »

संविद शिक्षक भर्ती में हाईकोर्ट ने दिए स्पष्ट आदेश, फिर भी अफसर कन्फ्यूज क्यों हैं

संविद शिक्षक भर्ती में हाईकोर्ट ने दिए स्पष्ट आदेश, फिर भी अफसर कन्फ्यूज क्यों हैंअभिषेक कांत पाण्डेय/भोपाल। सभी के लिए अनिवार्य एवं निशुल्क शिक्षा कानून के तहत 14 साल तक के बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देना राज्य का परम कर्तव्य है। लेकिन आरटीई एक्ट का पालन राज्य सरकार करने मे लचीला रवैया अपना रहे …

Continue Reading

संविद शिक्षक भर्ती में हाईकोर्ट ने दिए स्पष्ट आदेश, फिर भी अफसर कन्फ्यूज क्यों हैं Read More »

मानव बनों

मानव बनों हम जाग गए सवेरा हो गयाकल रात का मंजरअभी भी हैसुनसान चीखेंबहती पानी के साथ आवाजेंजिंदा शब्द हिलना डुलना में तब्दीलगड़गड़हाट ध्यान से सुन सैलाब नहींअब हेलीकाप्टरउम्मीद खोने के बाद जागने कीहालात देश मेंदेव भूमि से बत्तरबच्चे ने बतायाहम कट रहेकाट रहे पेड़। दिल्ली सेदेवभूमिलाओं उनकोंबताओप्र​कृति क्या है            …

Continue Reading

मानव बनों Read More »

संविदा शाला वर्ग 2 व 3 में 50 प्रतिशत से कम अंक वाले हजारों बेरोजगारों के साथ अन्याय हो रहा है।

संविदा शाला वर्ग 2 व 3 में 50 प्रतिशत से कम अंक वाले हजारों बेरोजगारों के साथ अन्याय हो रहा है। अभिषेक कांत पाण्डेय/मध्य प्रदेश में व्यापम परीक्षा उतीर्ण योग्य ऐसे बेरोजगारों जिन्होंने बीए व डीएड की डिग्री एनसीटीई के नियमानुसार प्राप्त की लेकिन उन्हें नौकरी इसलिए नहीं दी जा रही है कि उनका पिछली …

Continue Reading

संविदा शाला वर्ग 2 व 3 में 50 प्रतिशत से कम अंक वाले हजारों बेरोजगारों के साथ अन्याय हो रहा है। Read More »

उपेछित संगम नई कविता

उपेछित संगम            नई कविता                 अभिषेक कान्त पाण्डेय  संगम की रेती  रेत के ऊपर गंगा  दौड़ती, यहाँ थकती गंगा  अभी-अभी बीता महाकुम्भ  सब कुछ पहले जैसा  सुनसान बेसुध। टिमटिमाते तारें तले बहती, काली होती गंगा बूढी होती  यमुना। महाकुम्भ गया  नहीं हो हल्ला  भुला दिया …

Continue Reading

उपेछित संगम नई कविता Read More »

प्रेम-याद, भूल याद नई कविता

प्रेम-याद, भूल याद             नई कविता                       अभिषेक कान्त पाण्डेय  बार-बार की आदत  प्रेम में बदल गया  आदत ही आदत  कुछ पल सबकी  की नज़रों में चर्चित  मन   सभी की ओठों में वर्णित प्रेम की संज्ञा  अपने दायित्त्व की इतिश्री, लो …

Continue Reading

प्रेम-याद, भूल याद नई कविता Read More »

Scroll to Top