NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 4 Sawale sapno ki yad | साँवले सपनों की याद

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 NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 4 साँवले सपनों की याद

क्षितिज पाठ्य पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास 

क्षितिज पाठ्य पुस्तक सांवले सपनों की याद पाठ दिए गए प्रश्न के उत्तर- और एक्स्ट्रा क्वेश्चन आंसर term2

 

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आपको ये पेज क्यों पढ़ना चाहिए?

 

यदि आप कक्षा (सीबीएसई) 9 के विद्यार्थी हैं, हिन्दी परीक्षा मार्च 2023 में होने वाली है। अपनी हिन्दी की तैयारी के लिए हमारी वेबसाइट न्यूज्ञान से पढ़ाई कर सकते हैं। यहां पर हिन्दी क्षितिज भाग—1 किताब के पाठ Class 9 Hindi Kshitiz Chapter 4 साँवले सपनों की याद क्षितिज पाठ्य पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास दिया जा रहा है। इसके ​​अतिरिक्त एक्स्ट्रा क्यूश्चन Extra Questions दिया जा रहा है। Examination Cbse board 2022—23 के लिए भी तैयारी शुरु कीजिए। परीक्षा के लिए शुभकामनाएं

Sawale Sapno ki yad Lesson Writer Jobir Husain

जाबिर हुसैन का साहित्य लेखन

 

आम आदमी की जिंदगी की संघर्ष से अपने लेखन में बखूबी उभारा है।  हिंदी साहित्य में डायरी विधा लेखन में नए प्रयोग और लेखन की नई शैली और शिल्प काबिले तारीफ है। सरल भाषा में किसी बात का वर्णन करना और आगे जो उत्सुकता बनी इनकी लेखनी की सबसे बड़ी विशेषता है।

सीबीएसई बोर्ड कक्षा 9 TERM-2  NCERT सांवले सपनों की याद पाठ एक नजर में

सालिम अली कौन थे?

साँवले सपनों की याद पाठ के लेखक जाबिर हुसैन लेखन और राजनीति दोनों में सक्रिय है। जाबिर हुसैन का जन्म सन 1945 में बिहार राज्य में हुआ था। राजनीति में वे विधानसभा के सदस्य मंत्री और विधान परिषद के सभापति भी रह चुके हैं। हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी तीनों भाषाओं के विद्वान हैं।

 

चिड़ियों के बारे में जानने का शौक रखना बर्डवाचिंग कहलाता है। सालिम अली प्रसिद्ध पक्षी वैज्ञानिक या कहे बर्डवाचर है। उन्होंने भारत के पक्षियों के बारे में अद्भुत ज्ञान हासिल किया था पुलिस स्टाफ उनका सारा जीवन पक्षियों के विज्ञान के लिए ही समर्पित रहा है। सालीम अली का जन्म 1896 में और निधन 1887 में हुआ था।

 

प्रश्न 1. किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षी प्रेमी बना दिया?

उत्तर-

बचपन में पक्षी विज्ञानिक सालिम अली की एयरगन की गोली चलने से एक गौरैया घायल होकर जमीन पर गिर पड़ी। बेजुबान चिड़िया के घायल होने की इस घटना से सालिम अली के जीवन की सोच को बदल दिया। वे गौरैया की देखभाल, सुरक्षा और खोजबीन में जुट गए। पक्षियों के बारे में जानने की उनकी इच्छा व रुचि ने उन्हें पक्षी—प्रेमी बना दिया।

प्रश्न 2.सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं?

उत्तर-

सालिम अली ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पर्यावरण के नुकसान के कारण होने वाले खतरों के बारे में उन्होंने उदाहरण के द्वारा समझाया। उन्होंने बताया कि केरल की साइलेंट वैली को रेगिस्तानी हवा के गरम झोकों और उसके दुष्प्रभावों के कारण होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। प्रकृति के प्रति ऐसा प्रेम और चिंता देख उनकी आँखें नम हो गईं। Ncert book solution in hindi

प्रश्न 3.

लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि ‘‘मेरी छत पर बैठने वाली गौरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है?”

उत्तर-

लॉरेंस की पत्नी को मालूम था कि लॉरेंस को गौरैया से बहुत प्रेम था। वे अपना सारा समय गौरैया खोजबीन और उनके स्वभाव के बारे में जानने में गुजरते थे। मानो गौरैया भी उनके साथ अंतरंग साथी जैसा व्यवहार करती थी। उनके इसी पक्षी-प्रेम को बताने के लिए लॉरेंस की पत्नी यह बात कही।

 

प्रश्न 4.

आशय स्पष्ट कीजिए-

(क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।

(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा!

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(ग) सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।

उत्तर-

(क) जिस तरह से महान पक्षी विज्ञानी लॉरेंस बनावट की जिंदगी से दूर प्राकृतिक के साथ जीवन जीना पसंद करते थे। वे प्रकृति व पर्यावरण की चिंता करते थे, इनकी सुरक्षा के लिए सार्थक प्रयास करते थे, बिलकुल उसी तरह से सालिम अली ने भी प्रकृति की सुरक्षा, देखभाल के लिए प्रयास करते हुए साीधा—सादा व सरल जिंदगी जीते थे। 

 

(ख) मौत एक ऐसी सच्चाई है जिसके प्रभाव में आकर इंसान दुनिया से दूर होकर गहरी ​नींद और आराम में चला जाता है। उसका हँसना-गाना, चलना-फिरना सब बंद हो जाता है। लेखक भावुक होकर कहता है कि मौत की गोद में आराम कर रहे सालिम अली को चाहकर भी वापस नहीं लाया जा सकता है। मतबलब अब उन्हें इस दुनिया में वापस नहीं लाया जा सकता है, वे सदा के लिए एक नयी खोज के लिए चले गए हैं। 

(ग) इन पंक्तियों में सालिम अली का पक्षियों के प्रति प्रेम की भावनाओं का जिक्र उदाहरण के माध्यम से किया गया है— बताया जा रहा है कि टापू तो समुद्र में उभरा हुआ छोटा जमीन का टुकड़ा होता है परन्तु समुद्र विशाल और बड़ा होता है। बिलकुल इसी तरह से सालिम अली भी प्रकृति और पक्षियों के बारे में कम जानकारी से संतुष्ट होने वाले नहीं थे। उन्होंने पक्षियों के बारे में जानकारी के लिए ज्ञान के असीमित सागर-सा बनना चाहते थे न कि सीमित टापू की तरह नहीं। 

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‘साँवले सपनों की याद’ नामक पाठ की भाषा-शैली संबंधी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं— छात्रों उपशीर्षक को ध्यान से ​पढ़िए और रटने के स्थान पर समझने की कोशिश करिए— हिन्दी सीबीएसई बोर्ड 2023 में इस तरह के प्रश्नों के प्वाइंट को ​अपनी भाषा में लिखने पर भी आपको अच्छे अंक मिल जाएगा क्योंकि वहां पर प्रश्ननों के उत्तर केवल 25 से 50 शब्दों में ही देना होता है। पाठ के अभ्यास के ​इस प्रश्न को समझिए—

प्रश्न 5. इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ बताइए।

उत्तर-

निम्नलिखत प्रमुख उपशीर्षक के माध्यम से लेखक जाबिर हुसैन की भाषाशैली के बारे में बताया जा रहा है— 

1. कई तरह के शब्दों का इस्तेमाल- (Jabir Hussain hindi writer Bhasha Style)

पाठ में उर्दू, तद्भव और संस्कृत शब्दों को प्रयोग किया गया है। लेखक ने यहां पर उर्दू शब्दों का सबसे अधिक प्रयोग किया है— जैसे उर्दू के शब्द—

जिंदगी, परिंदा, खूबसूरत, हुजूम, ख़ामोश, सैलानी, सफ़र, तमाम, आखिरी, माहौल, खुद। 

संस्कृत शब्दों का प्रयोग अधिक संख्या में किया गया है—

जैसे—अंतहीन, संभव, पक्षी, वर्ष, इतिहास, वाटिका, विश्राम, संगीतमय, प्रतिरूप।

जाबिर हुसैन ने गंगा-जमुनी शब्दावली का प्रयोग किया है। इसके साथ ही एक शब्दावली के नए प्रयोग देखने को मिलत है— संस्कृत-उर्दू के शब्द एक शब्द संस्कृत के तो दूसरा उर्दू के शब्द। उदाहरण—  अंतहीन सफर, प्रकृति की नज़र, दुनिया संगीतमय, जिंदगी को प्रतिरूप। 

2. कठिन और जटिल वाक्यों का प्रयोग-

  • जाबिर हुसैन की वाक्य-संरचना जटिल है। 

  • वे वाक्य सरल-सीधे प्रयोग नहीं करते बल्कि कलात्मकता उनके प्रत्येक वाक्यों में है। जैसे—

  • ‘सुनहरे परिंदों के खूबसूरत पंखों पर सवार साँवले सपनों का एक हुजूम मौत की खामोश वादी की तरफ अग्रसर है।’ 

  • पता नहीं, इतिहास में कब कृष्ण ने वृंदावन में रासलीला रची थी और शोख गोपियों को अपनी शरारतों का निशाना बनाया था। 

इन वाक्यों में गहरा अर्थ छिपा हुआ है। कलात्मकता एवं जटिलता इन वाक्यों की पहचान है।

 

3. अलंकारों का प्रयोग-

जाबिर हुसैन जी की भाषा में अलंकारों भी है, जो गद्य विद्या को भी कलात्मक काव्यात्मक बनाता है। उनके प्रिय प्रमुख्य अलंकार उपमा व रूपक हैं। जैसे—

  1. अब तो वो उस वन-पक्षी की तरह प्रकृति में विलीन हो रहे हैं। (उपमा अलंकार का उदाहरण वन के पक्षी से तुलना सालिम अली की कई हैं, यहां पर)

  2. सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाय अथाह सागर बनकर उभरे थे।

  3. रोमांच का सोता फूटता महसूस कर सकता है? (रूपक अलंकार का उदाहरण)

4. संवेदना और भावनाओं के अनुरूप भाषा-

ज़ाबिर हुसैन कहने के भाव के अनुरूप वे अपने शब्दों और वाक्यों को लिखते थे। उनकी इस शैली में कभी वाक्य भाव के अनुसार छोटे तो कभी बहुत बड़े होते हैं। जैसे—

  • आज सालिम अली नहीं हैं।

  • कौन बचा है, जो अब सोंधी माटी पर उगी फसलों के बीच एक नए भारत की नींव रखने का संकल्प लेगा?

  • कौन बचा है, जो अब हिमालय और लद्दाख की बर्फीली जमीनों पर जीने वाले पक्षियों की वकालत करेगा?

 

प्रश्न 6. इस पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

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उत्तर

लेखक ने सालिम अली के बारे में चित्रात्मक भाषा में इस तरह से बताया है— 

सालिम अली को पक्षियों से प्रेम करते थे, वे एक प्रसिद्ध पक्षी-विज्ञानी थे। एक बार की बात है कि बचपन में उनकी एअरगन से एक नीले कंठवाली गौरैया घायल हो कर गिर गई। घायल गौरैया के उपचार के लिए उन्होंने कई सूचनाएं प्राप्त करने के कारण, चिड़ियों के बारे में जानने की इस जिज्ञासा ने उन्हें पक्षी-प्रेमी बना दिया। वे दूर—दूर घूमते और पक्षियों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं और उनकी सुरक्षा व संरक्षा के लिए चिंतित रहे। एक बार तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री चौधरी चरण सिंह से पर्यावरण के खराब होने की चिंता को व्यक्त करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा किम केरल की साइलेंट वैली में रहने वाले प्रजातियों को रेगिस्तानी हवा के झोकों से खतरा है। जैसे समुद्र की विशालता दुनिया को बारिश, पर्यावरण प्रदान करती है, उसी तरह से पक्षी प्रेमी सालिम अली प्रकृति की रक्षा करने वाले ऐसे इंसान हैं जो इस दुनिया के अथाह सागर बन गए थे।

 

प्रश्न 7. ‘साँवले सपनों की याद’ शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर-

‘साँवले सपनों की याद’ शीर्षक पाठ के मन में कई सवाल को जन्म देता है। जैसे कैसे सपने? किसके सपने? यह एक रहस्यात्मक शीर्षक है।

‘साँवले सपनों की याद’ सालिम अली पक्षी विज्ञानी के जीवन के सुनहले सपने और मनमोहक इच्छाओं के प्रतीक हैं। सालिम अली का जीवन पक्षियों के लिए समर्पित रहा है, वे पक्षियों की दुनिया में खोए रहे थे।  प्रकृति व पक्षियों की सुरक्षा और उनके बारे में नई खोज के सपनों में खोए रहने वाले सालिम अली के व्यक्तित्व को दर्शाता ये शीर्षक उचित है। विरले ही इंसान होते हैं तो अपने सपनों को हकीकत में बदल देते हैं, सालिम अली पक्षियों के दीवाने थे, वे पक्षी—प्रेमी थे इसलिए उन्होंने अपना करियर पक्षी—विज्ञानी बनकर बनाया। लेखक ने इस रचना में बताया है कि सालिम अली नहीं रहे लेकिन उनके सपने हमेशा याद आते रहेंगे जो उनकी आंखों में बसते थे। इसलिए ‘साँवले सपनों की याद’ शीर्षक सार्थक है क्योंकि इसमें रहस्य है। इस रहस्य में जो उतरता है, वह सालिम अली से जुड़ जाता है।

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रचना और अभिव्यक्ति

 

प्रश्न 8. प्रस्तुत पाठ सालिम अली की पर्यावरण के प्रति चिंता को भी व्यक्त करता है। पर्यावरण को बचाने के लिए आप कैसे योगदान दे सकते हैं?

उत्तर-

‘साँवले सपनों की याद’ पाठ के माध्यम से सालिम अली ने पर्यावरण के प्रति अपनी चिंता और जागरुकता को प्रकट किया है। उन्होंने केरल की साइलेंट वादी में रेगिस्तानी हवा के झोंकों से होने वाले खतरों से बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री चौधरी चरण से मुलाकात करके साइलेंट वेली को बचाने का अनुरोध किया। उन्होंने पर्यावरण की रक्षा के लिए कई तरह से अपना योगदान दिया। पक्षियों के बारे में नयी—नयी जानकारियां इकट्ठी करके लोग को जागरुक किया। पक्षी विज्ञानी के रूप में उन्होंने पक्षी विज्ञान में अपना अमूल्य योगदान दिया। प्रकृति के रक्षक थे। पर्यावरण को बचाने के लिए हम अपने तरीके से योगदान दे सकते हैं और लोग को जागरुक कर सकते हैं; जैसे-

 

  • हर इंसान को पेड़—पौधे लगाना चाहिए। इसके लिए हम आस—पास खाली भूमि पर पेड़ लगाने का जागरुकता अभियान शुरु करना चाहिए।
  • पेड़-पौधों को बेवजह काटा जाता है। इसे कटने से बचाने के लिए नागरिकों में जागरूकता पैदा करना चाहिए।
  • वृक्ष हमारे लिए महत्वपूर्ण है, इस बात को हम लोग अपने सोशल मीडिया इत्यादि प्लेटफार्म पर लिखकर लोग को जागरुक बना सकते हैं।
  • कारखानों से निकलने वाले विषैले पदार्थ को नदियों इत्यादि में मिलने से रोकने के लिए पहल करना।
  • वाहनों का प्रयोग कम से कम करना।
  • सूखी पत्तियों को लोग जलाते हैं, जिससे धुआं फैलता है। इसे रोकने के लिए सार्थक प्रयास करना।
  • कूड़ा—करकट इधर—उधर फेकने से लोग को मना करना। साफ—सफाई की व्यवस्था के लिए जमीनी स्तर पर लोग को जागरुक करना है।
  • प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का ​​​इस्तेमाल नहीं करना।
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सांवले सपनों की याद पाठ अतिरिक्त प्रश्न Class 9th CBSE BOARD Term 2 Examination 2022 Extra hindi Questions

 

1. साँवले सपनों की याद में लेखक ने कौन सी विशेषता बताई है? 

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हिन्दी प्रश्न न्यू प्रश्न For class 9th hindi

 

उत्तर: सांवले सपनों की याद डायरी शैली में लिखा हुआ एक संस्मरण है। इस रचना के लेखन जारि हुसैन जी हैं जो अपने दोस्त महान पक्षी विज्ञानी सालिम अली को याद करते हुए लिखा है। सांवले सपनों पाठ को पढ़ते समय यह शीर्षक सही अर्थ को व्यक्त करता है। लेखक अपने दोस्त सालिम अली से बिछड़ने पर दुखी है। सालिम अली का पक्षियों के प्रति प्रेम और प्रकृति के लिए समर्पण भाव को याद करते हुए लेखक भावुक हो उठते हैं। NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 4 – साँवले सपनों की याद  Latest Extra questions for hindi Term 2 Examination 2022

 

2. कैंसर जैसी बीमारी से किसकी मौत हुई थी?

 
उत्तर: प्रसिद्ध पक्षी—विज्ञानी सालिम अली की कैंसर जैसी बीमारी के कारण इस दुनिया से अलविदा कहकर चले गए।
 
3. लेखक ने सालिम अली को याद करते हुए अपनी रचना सांवले सपनों की याद शीर्षक क्यों रखा

उत्तरः लेखक सालिम अली की कैंसर से मृत्यु के दुख से अवसाद में हैं। संसार से उनके जाने के बाद वे उनको याद करते हुए लेखक जाबिर हुसैन डायरी शैली में संस्मरण लिख रहे हैं। सालिम अली का जीवन पक्षियों और प्रकृति के समर्पित रहा है। सरल स्वभाव और करुणा की भावना उनकी पहचान थी।  परिन्दों (पक्षियों) के प्रति उनके प्रेम को याद कर लेखक के आंखें नम हो गईं। इसलिए उन्होंने अपने इस रचना का नाम सालिम अली के व्यक्तित्व से उपजे भाव को व्यक्त करने के लिए शीर्षक सांवले सपनों की याद रखा है, जो उचित एवं सार्थक शीर्षक है। 

 

4. केरल की कौन—सी जगह के लिए पक्षी-विज्ञानिक सालिम अली तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से मिले थे?

महान पक्षी विज्ञानिक सालिम अली पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से पर्यावरण के खतरों के बारे के बारे में बताने के लिए मिले थे। राजस्थान की गर्म हवा के कारण उस समय केरल के साइलेंट वैली में पर्यावरण को खतरा होने की बात बताई थी। 

 

5. लॉरेंस  की पत्नी कौन थी?

उत्तर: लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा थी। लारेंस महान पक्षी विज्ञानिक थे। उनकी पत्नी फ्रीडा अपने पति के बारे में बताती हैं कि लॉरेंस प्रकृति और पक्षियों से गहरा प्रेम करते थे। जब वे अपने घर की छत पर वे अपने घर की छत पर बैठने वाली गौरैया पक्षी से बहुत प्यार करते थे।

6. बर्ड वाचर किसे कहा गया है भारत के महान पक्षी विज्ञानिक सालिम अली को बर्ड वाचर कहा गया है। जो पक्षियों से प्रेम करते हैं, उनके बारे में जानकारी रखते हैं, रिसर्च करते हैं, उन्हें बर्ड वाचर कहा जाता है। Who is a birdwatcher and what is bird watching जाबिर हुसैन ने अपनी सालिम अली को याद करते हुए संस्मरणात्मक डायरी शैली में लेखन में उन्हें वर्ड वाचर कहा है। इसके साथ ही दुनियां के जानेमाने बर्ड वाचर लॉरेंस का भी जिक्र किया है।

 

 

Class 9th CBSE Board Kshitij Bhag 2 book syllabus Kavya kahnd and Gadya khand Asking questions syllabus 2022-23 Term-2

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