mentor banane ki quality मेंटर कैसे बने?
टीचर मेंटर कैसे बन सकता है?
मेंटर बनने के गुण. Qualities to become a mentor In hindi language.
स्कूल और समाज में मेंटर की भूमिका
The important role of mentor in our society read in Hindi, पथ प्रदर्शक कौन होता है? quality of good mentor.
meaning of mentor
An experienced person who advises and helps somebody with less experience over a period of time
अनुभवी परामर्शदाता (कम अनुभवी व्यक्ति के लिए) what is the quality of mentor in Hindi
Mentor का मतलब होता है- गुरु। गुरु सही दिशा बताने वाला व्यक्ति. जो किसी की समस्या का समाधान करता है और उसे जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। सलाह देता है। उसका गाइडेंस करता है वह मेंटर कहलाता है। आज के समय में टीचर को Mentor होना चाहिए। एक अच्छा मेंटर बनने के लिए क्या-क्या गुण होने चाहिए और किस तरह की सोच होना चाहिए इस लेख में बताया गया है एक टीचर भी मेंटल बन सकता है एक टीचर को Mentor होना चाहिए ताकि बच्चों को सही गाइडेंस दे सके। नई एजुकेशन सिस्टम यानी कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 टीचर को Mentor की तरह बनना होगा।
टीचर मेंटर कैसे बन सकता है? जानें
सक्सेसफुल Mentor कैसे बने? how to be mentor
सफल Mentor बनने के लिए लिंग, जाति, धर्म, वर्ग के भेदभाव से ऊपर उठकर राष्ट्र एवं समाज के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध बनूंगा। मेंटर का मतलब सलाहकार होता है। एक सच्चा सलाहकार (मेंटर) ही छात्र के साथ न्याय करता है। उसे जीवनपथ पर सही दिशा देता है। एक मेंटर के लिए सबसे बड़ी बात है कि वह स्वयं को भेदभाव (discrimination) से दूर रखें। इसलिए मुझे इन बातों का सबसे पहले ध्यान रखना होगा फिर उसके बाद सत्यता और ईमानदारी की कसौटी में स्वयं को आंकना भी होगा तभी हम बिना स्वार्थ के एक अच्छा मेंटर बन सकते हैं।
Mentor कैसे बन सकते हैं? how become mentor
मेंटर पथप्रदर्शक होता है। रास्ता दिखानेवाला होता है इसलिए जब किसी को आवश्यकता हो तो उसके सामने तुरंत उपस्थित होकर उसकी समस्याओं का समाधान करने की भावना होना चाहिए इसलिए एक
Mentor
बनने के लिए मुझे समाज और देश के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी उठाने के लिए हमेशा तत्पर होना चाहिए इसलिए इस दिशा में एक मेंटर को पहले से सोच लेना चाहिए।
Mentor में कौन-कौन से गुण होते हैं?
what is the quality of mentor
कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए
अगर हम अपनी कथनी और करनी में अंतर रखेंगे तो कोई भी हम पर विश्वास नहीं करेगा इसलिए एक मेंटर सामाजिक और व्यवसायिक रूप से नैतिक मूल्यों को मानने वाला और अनुशासन वाला होना चाहिए।
1.सामाजिकता- नैतिकता का दायित्व
2.छात्रों के प्रति अपनी जिम्मेदारी
3.शिक्षा के साथ आनेवाले जीवन में कठिनाइयों के बारे में छात्रों को अवगत कराना
(जीवन की कठिनाइयों के बारे में एक सर्जक (creator) मेंटर इस बात को बेहतर तरीके से अपने अनुभव द्वारा छात्रों को अवगत करा सकता है।)
4.ज्ञान का परिमार्जन करना।
एक Mentor की सोच (Thinking)
एक छात्र जीवन के अनुभव से बहुत कुछ सीखता है लेकिन उसकी समस्याओं का सही समाधान एक आदर्श मेंटर के पास होता है।
- एक अच्छा मेंटर mentor बनने के लिए बच्चों को प्रेरित करना चाहिए।
- छात्रों का उत्साहवर्धन करना,
- उनका सम्मान चाहिए।
- छात्रों के व्यक्तित्व और उनके सोच को समझना और परिमार्जित चाहिए।
- छात्रों को देश और समाज के प्रति नैतिक मूल्यों के साथ जोड़ना समाज की वास्तविकता से परिचित कराना चाहिए।
- महापुरुषों के जीवन के कठिन अनुभवों को साझा करना और उनकी सफलता की कहानी से बच्चों के अंदर समस्या से लड़ने और जूझने की मानसिक शक्ति का विकास करना चाहिए।
- पारिवारिक दायित्व के अलावा सामाजिक दायित्व को पूरा करने के लिए उन्हें अपने पेशे के प्रति मूल्यवान विचारक बनाना ताकि भविष्य में भी किसी भी व्यवसाय (प्रोफेशन) में जाए तो वहाँ पर क्रांतिकारी फैसले लेकर समाज और देश को विषम परिस्थितियों से निकालकर एक अच्छे राष्ट्र की कल्पना साकार कर सके,
- एक मेंटर बहुत कुछ बदल सकता है, संसार को गरीबी, भूखमरी, हिंसा, अपराध, युद्ध, महामारी के दलदल से निकाल सकता है। क्योंकि सैकड़ों मेंटर्स लाखों लोगों की जिंदगी बदल सकता है।
स्कूल में टीचर का रोल mentor की तरह
i छात्रों के दोस्त बने
- एक सफल मेंटर पूरी सोसाइटी को बदल देता है
- एक अच्छा सलाहकार छात्र का जीवन बना देता है
- आप शिक्षक हैं तो मेंटर भी बनिए
- एक सफल शिक्षक बालक के भविष्य को संवार सकता है लेकिन एक सफल Mentor बालक के पूरे जीवन को एक नई दिशा में ले जा सकता है और उससे प्रभावित होने वाले और लोगों के जीवन को भी बदल सकता है।
- विद्यालय (School Education) में सामूहिक रूप से मेंटरिंग का वातावरण बनाने के लिए सुझाव हैं-
अगर बदलाव चाहिए तो स्वयं से शुरुआत करना होगा इसलिए विद्यालय में स्वस्थ वातावरण के लिए अनुशासन स्वयं से शुरू होगा और बच्चे उनका अनुसरण करेंगे।
बच्चों को प्रेरित करना
कक्षा के दौरान बच्चों को प्रेरित करना उनके व्यक्तित्व और उनकी सोच को सम्मान देना।
महापुरुषोंं के बाारे में बताना
सही मूल्यांकन करना
एक अच्छा मेंटर एक अच्छा मूल्यांकनकर्ता (Evaluator) भी होता है। अंको की भागम-भाग जीवन से अलग पढ़ाई को आत्मसात करना भी जरूरी है। यानी विषय की कुशलता को व्यावहारिक और सैद्धांतिक (Practical and theoretical skills) रूप से प्राप्त करना जरूरी है। इसलिए एक अच्छा मेंटर बालक का मूल्यांकन (Evaluation) विस्तृत रूप से करता है। ताकि अपेक्षित सुधार किया जा सके।
रोचक तरीके से पढ़ाना
शिक्षाविदों ने भी कहा है कि कि रटने की प्रवृत्ति सही शिक्षा नहीं होती है, इस आधार पर केवल अंकों के आधार पर मूल्यांकन एक सीमा तक ही सही है।
कक्षा के दौरान बच्चे को पढ़ाते समय उदाहरणों का सबसे बड़ा योगदान होता है बच्चों की समझ को बढ़ाने के लिए इसलिए उदाहरणों और उन अनुभवों के आधार पर बच्चों को समझाना जो उनके आसपास हैं। इससे बच्चा रुचि लेता है और उदाहरण को समझता है। इन उदाहरणों से विश्लेषण करके आपसे प्रति प्रश्न पूछता है, जिससे उनका सर्वांगीण विकास होता है।
नैतिकता और श्य गुणवत्ता युक्त कुशलता और ज्ञान वाला नागरिक बनाना होता है। आदर्श की स्थापना से ही हम नैतिकता और स्वानुशासन सीखते हैं। इसलिए स्कूलों में उच्च आदर्श की स्थापना आवश्यक है।
नैतिकता अनुशासन की शिक्षा
किताबी बातों के आदर्श को समाज में स्थापित नहीं कर पाते हैं तो यह एक शिक्षक के रूप में सबसे बड़ी कमी होगी। क्योंकि आदर्शमुखी समाज की स्थापना स्कूलों पढ़ रहे बच्चों के माध्यम से समाज में होता है इसलिए स्कूलों के वातावरण में ज्ञानार्जन के साथ कुशलता, नैतिकता, आदर्श और अनुशासन की सीख होनी चाहिए।
एक्टिविटी कराके पढ़ाना
इसलिए एक शिक्षक और मेंटर होने के नाते अपने विषयों के साहित्य से (Subject Content) क्रियाकलापों (Activities) द्वारा आदर्शमुखी समाज (Ideal society) निर्मित के लिए बच्चों को सिखाना- समझाना प्रेरित करना जरूरी है। इसके लिए शिक्षण अभिरुचि, शिक्षण-विधि, ऑनलाइन शिक्षा, समूह-परिचर्चा, वाद-विवाद प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, साफ- सफाई अभियान, जैसे तरीकों से बच्चों में कुशलता के साथ आदर्श की स्थापना किया जा सकता है।
व्यावसायिक दक्षता बढ़ाना
छात्रों को योग्यता के अनुसार उनमें व्यवसाय शिक्षा के लिए उन्हें प्रेरित करना ताकि उन्हें आने वाले भविष्य में रोजगार की समस्या न हो। इसके लिए व्यवसाय और अपने क्षेत्र में कामयाब व्यक्तित्व से ऑनलाइन बातचीत कराना भी शामिल है ताकि बच्चे प्रेरित हो सकें और अपने प्रश्न उनसे पूछ सके यह एक वास्तविक सीखने की प्रक्रिया होगी जो हमें व्यवसायिक कुशलता की ओर भी ले जाएगी।
गरीबी हमारे यहाँ एक समस्या है। संसाधन की कमी किसी बच्चे की शिक्षा में अवरोध न बने इसलिए अपने समाज और विद्यालय में ऐसे बच्चों को चिह्नित करके उन्हें शिक्षित करने का दायित्व मेंटर को निभाना चाहिए। इसके लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए और ऐसे बच्चों को लाभान्वित करने के लिए पहल भी करनी चाहिए।
चाहे कितना भी हम डिजिटल हो जाए लेकिन पुस्तक हमारे दोस्त हैं। एक शिक्षक और मेंटर को अपने विषयों की अच्छी पुस्तकों के बारे में जानकारी होना चाहिए और साथ में उसे लिखना भी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ी उनके ज्ञान को भी प्राप्त कर सके।
विशेषज्ञ टीम बनवाना
विद्यालय में विषय विशेषज्ञों की एक टीम होनी चाहिए जो शिक्षा से लेकर खेल तक की गतिविधियों को नए ज्ञान (newgyan) के साथ जोड़ने के लिए तैयार रहे और बच्चों को अवगत कराते रहना चाहिए ताकि कि बच्चे अपडेट रहे।
(Education system एजुकेशन सिस्टम को सुधारने के लिए आप अपने विचार हमें बताएं।)
लेखक अभिषेक कांत पांडेय शिक्षा, पत्रकारिता और जनसंचार से जुड़े हैं। सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षिक, आध्यात्मिक विषयों के लेखन कार्यों में सक्रिय हैं।
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