Mario Molina: ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव का पता लगाने वाले पर पैराग्राफ राइटिंग
आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका नाम Mario Molina है। इन्होंने ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव का पता लगाया। किस तरीके से धरती ग्लोबल वार्मिंग के चपेट में आ रही है, इस बारे में इनका रिसर्च पूरी दुनिया के लिए बहुत मायने रखता है। Mario Molina एक महान वैज्ञानिक है। आइए इनके बारे में अपनी जानकारी बढ़ाएं। general knowledge इस सीरिज में Mario Molina के बारे में हिंदी में अनुच्छेद लेखन (essay writing) प्रस्तुत करें जो आपके परीक्षा के लिए उपयोगी है। यदि आप CBSE board, UP Board, KVS, railway Bank, IAS, PCS, जैसी एकेडमिक और कॉम्पिटेटिव एग्जामिनेशन में शामिल हो रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बहुत उपयोगी है। सरल और सहज हिंदी भाषा में हम आज आपको महत्वपूर्ण जानकारी global warming के खतरों से आगाह करने वाले महान वैज्ञानिक Mario Molina के बारे में जानकारी आपको newgyan.com वेबसाइट के जरिए आप तक पहुंचा रहे हैं।
Mario Molina का परिचय
डॉ मारियो मोलिना प्रारंभिक जीवन
Mario molina biography ine Hindi: सबसे पहले हम आपको बता दें कि मारियो मोलिना अपने बचपन में एक ऐसे जुनूनी बच्चे थे जो विज्ञान में गहरी रूचि रखते थे। उन्होंने अपने बाथरूम को एक अस्थाई प्रयोगशाला में परिवर्तित कर दिया था। डॉ मारियो मोलिना मेक्सिको के एक महान रसायन विज्ञानिक के रूप में ख्याति प्राप्त किया।
डॉ मारियो मोलिना मेक्सिको के रसायन विज्ञानिक जिन्होंने हमारी धरती पृथ्वी पर ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव के बारे में सबसे पहले बताया। यह भी बताया कि किस तरीके से ओजोन परत में छेद होता है। इसके बारे में जानकारी पूरी दुनिया के सामने रखी कि इसके लिए जिम्मेदार गैस जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बन के बारे में सबसे पहले पता लगाया। उनके इस विशेष उपलब्धि पर उन्हें रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया।
मेक्सिको देश के रसायन विज्ञान शास्त्री डॉ मारियो मोलिना का जन्म 19 मार्च 1943 को मेक्सिको शहर में हुआ था। 19 मार्च 2023 को उनका 80वां जन्मदिवस मनाया गया। शुरू से जिज्ञासु और विज्ञान के विषयों में रूचि लेने वाले महान दिग्गज रसायन शास्त्री डॉ. मारियो मोलिना ने नेशनल ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त किया। यही नहीं उन्होंने रसायन विज्ञान किसे में एडवांस डिग्री जर्मनी के फ्रीबर्ग विश्वविद्यालय भी हासिल किया।
इसके पश्चात उन्होंने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय बर्कले से रिसर्च किया। फिर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में post-doctoral रिसर्च करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए।
सिंथेटिक रसायन किस तरह से वायुमंडल को प्रभावित कर रहा
पर्यावरण के बिगड़ते प्रभाव पर अध्ययन करते हुए डॉक्टर Mario Molina ने अपने रिसर्च में 1970 के शुरुआत में बताया। उनके अनुसार सिंथेटिक रसायन पृथ्वी के वायुमंडल को खतरनाक तरीके से प्रभावित कर रहा है। इस बात को बताने वाले सबसे पहले वैज्ञानिक थे। ओजोन परत को नष्ट करने में क्लोरोफ्लोरोकार्बन और कई तरह के रसायन जिम्मेदार है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि क्लोरोफ्लोरोकार्बन जो ओजोन परत में छेद करने के लिए जिम्मेदार है या हमारे एयर कंडीशनर और एयर सोलस्प्रे में पाया जाता है इसके अलावा कई ऐसे रसायन है जो ओजोन परत को नष्ट कर रहे हैं। इस समय यह सबसे बड़ी जानकारी थी। डॉ. मोलिनआ द्वारा रिसर्च पेपर में जरिया बात कही गई पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को समझने लगी। उन्होंने अपने शोध में यह भी बताया कि ओजोन परत में छेद होने के कारण हानिकारक पराबैंगनी किरणें जो सूर्य की रोशनी के साथ सीधे वायुमंडल में प्रवेश कर जाते हैं इससे होने वाले खतरों के बारे में पूरी दुनिया को अपने रिसर्च पेपर के जरिए समझाया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उनके शोधकर्ताओं ने नेचर जनरल में अपने निष्कर्ष प्रकाशित किए जिसके बाद डॉ. मोलिना को दुनिया का सबसे बड़ा पुरस्कार रसायन विज्ञान में नोबेल सम्मान से सम्मानित किया गया।
निधन
डॉ मारियो मोलिना का 07 अक्टूबर, 2020 को 77 साल की उम्र में हृदय गति रुकने पर देहांत हो गया। उनके नाम से शोध संस्थान की स्थापना की गई। मारियो मोलिना सेंटर, मेक्सिको का जाना माना शोध संस्था है, जहां कई विषयों पर शोध किया जाता है।
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