Laghu Katha Lekhan CBSE Board

लघु कथा कैसे लिखें, उदाहरण से समझें CBSE board hindi: प्रस्थान बिंदु के आधार पर लघु कथा (laghu katha)  लिखना। CBSE Board 9, 10, 11, 12 class Laghu Katha lekhan दसवीं बोर्ड की कक्षा 9 के सिलेबस में और कई  बोर्ड की परीक्षा में इस तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं।  (new syllabus 2023 Laghu Katha lekhan)

Table of Contents

प्रश्न लघुकथा लेखन

  दिए गए प्रस्थान बिंदु (prasthan Bindu) का मतलब है कि दो या चार लाइन लघुकथा के दिए होते हैं। उसके बाद आपको 80 से 100 शब्दों में लघुकथा को पूरा करना होता है। उसका एक शीर्षक (title) लिखना होता है। 

नई शिक्षा नीति 2020 (New Education Policy) में भाषा में रचनात्मक लेखन (Creative Writing) को बढ़ावा दिया गया है। इसलिए  हिंदी Hindi, अंग्रेजी, मराठी  उर्दू किसी भी भाषा के पेपर में संवाद लेखन, लघुकथा, लेखन अनुच्छेद, (anuchchhed lekhan) लेखन, विज्ञापन लेखन, (Vigyapan lekhan) सूचना लेखन (Hindi mein Suchna lekhan) जैसे टॉपिक में नई शिक्षा नीति के ( new education policy 2023) अंतर्गत सिलेबस में रखे गए हैं।

 
Laghu katha lekhan in Hindi in board examination

हाईस्कूल और इंटर में किसी भी बोर्ड (CBSE board) में पढ़ाई कर रहे हैं तो   संबंधित सिलेबस को ध्यानपूर्वक पढ़ें। लेखन से संबंधित किसी तरह की समस्या हो तो कमेंट बॉक्स में लिखकर, मुझसे प्रश्न पूछ सकते हैं, सारी समस्याओं का समाधान आपको जल्दी दूँगा। कहानी-लेखन की

Short Story Writing in Hindi

 एक लघुकथा लिखने के लिए दे रहे लेकिन उसका उत्तर भी मैंने दिया है ताकि आपको पता चल सके प्रस्थान बिंदु पर किस तरह से सोचकर   लिखा जाता है। लेकिन उससे पहले महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे,  एक लघुकथा लिखने से पहले आपकी सोच क्या होनी चाहिए।
दिए गए प्रस्थान बिंदु से लघुकथा लिखने के लिए प्रस्थान बिंदु को ध्यानपूर्वक पढ़ें और चिंतन यानी इस पर सोचें (thinking) करें।

परिभाषा लघु कथा

 लघु कथा (short-story) एक छोटी कहानी ही होती है लेकिन आपको इसे कम शब्दों में लिखना होता है। और कहानी की तरह इसका अंत भी एक सार्थक (meaningful) तरीके से होना चाहिए यानी सही तरीके से होना चाहिए। लघु कथा का अर्थ लघु कथा का मतलब छोटी कहानी होती है। आज के भागदौड़ की दुनिया लोग लम्बी कहानियां नहीं पढ़ते हैं, इसकी वजह ये है कि आज लोग के पास समय नही है इसलिए लोग छोटी कहानी, छोटी फिल्में, छोटी कविता, छोटे लेख पढ़ना पसंद करते हैं।

short story in Hindi लेखन के लिए क्या करें?

 परीक्षा में आधार बिंदु के आधार पर लघुकथा लिखते (Laghu Katha writing in Hindi) समय किसी करैक्टर के संघर्ष (struggle of character) या कोई प्रशंसा वाले काम  को दिखा सकते हैं। जैसे वह किस तरह से करता है।

सबके सामने एक मिसाल यानी उदाहरण रखता है। कुछ न कुछ बदलाव लाता है। या जिंदगी के किसी एक  पहलू में मानवीय (humanity) गुणों को जैसे- भलाई करना, ईमानदारी करना, दया करना, मदद करना  इत्यादि बातों को भी लघु कहानी में लिख सकते हैं। 

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इस तरह की सकारात्मक लघुकथा भी आप लिख सकते हैं क्योंकि परीक्षा में इसी तरह की लघुकथा लिखनी चाहिए।

 लघुकथा लेखन कैसे लिखें? Laghu Katha Lekhan what is the laghu Katha Lekahan 

लघु कथा (Laghu Katha lekhan in Hindi) लेखन किसे कहते हैं? लघुकथा लेखन के तत्व कितने हैं? लघुकथा की परिभाषा क्या होती है? लघुकथा कैसे लिखें? NCERT solutions class 9 में लघु कथा (Short Hindi Story Writing) में प्रस्थान बिंदु के आधार पर लघु कथा कैसे लिखा जाता है?  किसी लघुकथा को पूरा कैसे करें?  इन सभी प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए आप इस Laghu Kantha  पर education content पूरा जरूर पढ़ें। 

लघु कथा क्या है? what is the meaning of Laghu katha


Laghu katha कोई छोटी कहानी नहीं होती है, यह किसी कहानी का संक्षिप्त (short form) रूप नहीं होता है। लघुकथा कहानी का सार भी नहीं होता है। यह हिंदी साहित्य की एक स्वतंत्र विधा (free style of writing in Hindi literature) है। आज भागदौड़ की जिंदगी में इंसान के पास समय कम है, वह कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक की सोचना, समझना और जानना चाहता है इसलिए आधुनिक युग में लघुकथा का विकास कथा ( story) से ही हुआ है।

जीवन के एक छोटे (The part of life story) से हिस्से का अनुभव लघुकथा हो सकती है।

Short story in hindi किसे कहते हैं?

जैसे लेखक अपने अनुभव के साथ पाठकों को जोड़ता है  और कम शब्दों में अपनी बात कहता है तो एक नई विधा का जन्म होता है, जो अपनी पात्र (character) और कथ्य (story plot) के साथ प्रस्तुत होता है यानी कि एक कथा जो छोटी होती लेकिन प्रभावशाली होती है, उसे लघुकथा कहते हैं।

कथा लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

अब आपको अपने आपसे प्रश्न करना है कि मुझे लघुकथा लिखने के लिए क्या-क्या जानकारी हासिल करनी है तो आपको यह लेख पूरा पढ़ना चाहिए। यहां पर हर एक एक पॉइंट लघु कथा (short story of writing) के बारे में बताया जा रहा है।

लघु कथा में कैरेक्टर character of Laghu Katha

छोटी कहानी यानी लघु कथा में पात्र (character of Laghu Katha) भी होते है, कथानक भी होते हैं, द्वंद (contraduction ) भी होता है और समाधान (the story solution) भी होता है , तो आपको मैं बताता हूं कि लघु कथा में जो पात्र होते हैं (करैक्टर Laghu katha ) वह कितने हो सकते हैं, (how many character in any Laghu Katha) तो यहां पर जितने कम से कम करैक्टर होंगे लघुकथा उतने ही प्रभावशाली होगी। 

शॉर्ट स्टोरी हिंदी में कैसे लिखे उदाहरण से समझे

Laghu Katha Lekhan: लघुकथा कथा जिंदगी का कोई हिस्सा या कोई सूचना जिसे हम कथा के आधार पर विकसित (develop) कर सकते हैं। जैसे एक उदाहरण से समझिए –

लघु कथा लिखने का तरीका उदाहरण

एक किसान है, उसके चार बेटे आलसी हैं, किसान के पास समस्या है। अपने आलसी बेटे को खेत में काम कराने के लिए वह जान परेशान है, उन्हें मेहनत का सबक सिखाना चाहता है, एक दिन वह अपने बेटों से कहता है कि अपने जीवन की जमा-पूंजी मैंने इस खेत में गाड़ दिया है, तुम लोग जाकर खेत खोदकर गड़ा हुआ धन निकाल लो।  किसान के निठल्ले बेटे खेत को  खोदते हैं लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिलता है।  चारों बेटे पिताजी के पास आते हैं तो पिताजी उनसे कहते हैं कि तुमने इतना मेहनत किया है तो इसमें बीज  बो दो और फसल के उगने के बाद तुम्हें मेहनत का फल धन के रूप में मिलेगा। इस तरह  से जीवन के उघेड़बुन, समस्या का समाधान नैतिक शिक्षा भी लघुकथा होती है। It the example of laghu katth former in hindi.


The experience of the life लघु कथा लेखन में जिंदगी अनुभव

Laghu Katha Lekhan: लघुकथा कथा जिंदगी का कोई हिस्सा या कोई सूचना जिसे हम कथा के आधार पर डेवलप कर सकते हैं. जैसे एक उदाहरण से समझिए कि  एक किसान है, उसके चार बेटे आलसी हैं, किसान के पास समस्या है। अपने आलसी बेटे को खेत में काम कराने के लिए वह जान परेशान है उन्हें मेहनत कर सबक सिखाना चाहता है, तब अपने बेटों से कहता है कि  मैंने अपने जीवन की जमा-पूंजी इस खेत में गाड़ दिया है, तुम लोग जाकर खेत खोदकर गड़ा हुआ धन निकाल लो।  किसान के निठल्ले बेटे खेत को  खोदते हैं लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिलता है।  चारों बेटे पिताजी के पास आते हैं तो पिताजी उनसे कहते हैं कि तुमने इतना मेहनत कर ही दिया है तो इसमें बीज  बो दो और फसल के उगने के बाद तुम्हें मेहनत का फल धन के रूप में मिलेगा। इस तरह  से जीवन के उघेड़बुन, समस्या का समाधान नैतिक शिक्षा भी लघुकथा होती है। 

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new update लघुकथा Laghu Katha दूसरे उदाहरण से समझे

जैसे मान लीजिए कि स्वच्छता अभियान को लेकर कोई प्रस्थान बिंदु (Prasthan Bindu) है और उसमें एक करैक्टर राजीव है, जो अपने घर के सामने ढेर सारी गंदगी से परेशान हैं। लोग ने पार्क को कूड़े के ढेर में बदल दिया है। वह अपने मोहल्ले के सभी  व्यक्तियों को समझाता है कि इस तरह से गंदगी नही फैलानी चाहिए लेकिन कोई उसकी बात नहीं सुनता है।

दिन  राजीव खुद ही सफाई करने के लिए  पार्क में चला जाता है। मोहल्ले के बच्चे जब राजीव को पार्क में सफाई करते हुए देखते हैं तो वह लोग भी वहां सफाई करने के लिए इकट्ठा हो जाते हैं। उन बच्चों को भी अपना कर्तव्य और दायित्व समझ में आता है। (the live example of Laghu Katha)

इस तरह देखी-देखा बड़े लोग भी पार्क में राजीव के साथ सफाई करने लगते हैं।  सभी लोगों का इस तरह का प्रयास पूरे मोहल्ले को साफ सुथरा बना देता है और इस प्रयास की खबर अखबारों में छपती है और राजू को एक अच्छा इंसान और सिटीजन होने के कारण उसे उस शहर के मेयर पुरस्कार भी देते हैं। ( how to think about Laghu Katha when you writing)

लघु कथा में कहानी का प्लॉट कैसे डेवलप करें Laghu Katha content writing plot

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  • इस तरह से ये कहानी का प्लॉट हो गया। आप इस पर लघु कथा आसानी से लिख सकते हैं। सबसे कम शब्दों में लिखने का प्रयास करिए।
  • जब आप लिखते हैं तो शब्द बहुत बड़े और आनावश्यक (फालतू) शब्द आ जाते हैं। जो भाषा के संप्रेषण (communication) में दिक्कतें करती हैं तो इसलिए आप इनको सुधार सकते हैं। 
  • बार-बार लिखने का प्रयास लघु कथा में जरूरी
  •  बार-बार लिखने के प्रयास से ही आप लघुकथा लिखना सीख जाते हैं। आपके अंदर के जो विचार हैं व सटीक लघुकथा में आप लिख पाते हैं। साथ में करैक्टर को भी आप उसी के अनुरूप ढाल लेते हैं। आपके मन में जो संदेश है, जिसे आप लघुकथा के माध्यम से देना चाहते हैं, वह भी आप लघु कथा में दे पाते हैं इसलिए लघुकथा काफी बेहतरीन आपक लिख सकते है।

लघुकथा Laghu Katha में इन बातों को भी कहानी की तरह लिख सकते हैं।

बस सोचने का तरीका आपका होना चाहिए। इसमें डायलॉग भी आएंगे यानी इस तरह से डायलॉग करैक्टर बोल रहा है। उसे भी आपको लिखना होगा और मेन करेक्टर लघु कथा में ही होता है बाकी करैक्टर कम होते हैं। ज्यादा डायलॉग की जरूरत नहीं होती है। 

 यह कुछ तरीका जो है, आपको मैंने बताया है। आप जरूर ध्यान रखिएगा।

निम्नलिखित प्रस्थान बिंदु के आधार 80 से 100 शब्दों  में एक लघुकथा लिखिए और उसका शीर्षक भी लिखिए।

लघु कथा लेखन पर वीडियो क्लास देखने के लिए क्लिक करें

 अब आपको  इस लघुकथा को पूरा करना है। इसके लिए आप प्रस्थान बिंदु यानी (जो दिया हुआ है) उसके आधार पर एक लघुकथा लिखेंगे।  prasthan Bindu ke anushar

 लघु कथा लिखने के और उदाहरण Laghu Katha likhane ke udaharan the example of Laghu Katha

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लघुकथा को पूरा करके मेरे दिए गए लघुकथा से मिलाइए और देखिए क्या अंतर आता है। तो उसमें कौन सा सुधार हो सकता है? आपके पास कोई प्रश्न हो  तो वेबसाइट के कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए। 

अगर इस आर्टिकल को आप पढ़ रहे हैं और छात्र हैं। आपकी परीक्षा के लिए लघुकथा लिखना भी जरूरी है तो आपको अभ्यास करना चाहिए। (practice of Laghu Katha asking CBSE examination class 9th and 10th also)

 जो लोग लघुकथा लिखना चाहते हैं। हिंदी भाषा में या किसी और भाषा में। उनके लिए यह आर्टिकल काम का है इसलिए आप भी मेरे बताए गए तरीके का अनुसरण कीजिए यानी फॉलो कीजिए।

  प्रस्थान बिंदु के आधार पर  पूरी लघुकथा यहां पर लिखी है, अपनी लिखी गई लघुकथा से मिलाए- write the short story

 राजू स्कूल से आ रहा था तो रास्ते में उसे एक बटुआ पड़ा मिला। उस बटुए को खोला तो उसमें ₹4000 और एक दवा का पर्चा था। ….

 रचना के आधार पर वाक्य trick

राजीव को सोचते देर नहीं लगी।  अगले चौराहे पर कई  दवाओं की दुकानें थीं।  राजीव दौड़कर वहाँ गया और दुकानदारों से पूछा कि  क्या कोई यहाँ पर दवा खरीदने आया था जिसके  पैसे  गिर गए हों और दवा नहीं खरीद  पाया हो। कई दुकानदारों से पूछने पर एक दुकानदार ने कहा, “एक लड़का आया था, उसने दवा के पैसे देने लिए जेब में हाथ डाला तो उसका बटुआ नहीं था।” 

 इतना सुनते ही राजीव ने कहा कि वह लड़का कौन है?  दुकानदार ने कहा कि मुझे नहीं मालूम। लेकिन पैसा लेने वह गया है,  दवा लेने के लिए जरूर वापस आएगा। राजू ने दुकानदार को सारी बात बता दी। कुछ देर बाद वह लड़का उस दुकान पर आया और एक नया पर्चा थमाते हुए कहा कि यह दवाई मुझे चाहिए। 

दुकानदार ने बताया कि तुम्हारा बटुआ खोया था, वह मिल गया है। तो उस लड़के ने कहा, कैसे? तब राजू ने उसे बटुआ दे दिया। उसमें रखे पैसे उसने देखें तो वह खुश हो गया।  उसने राजू को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया। दुकानदार ने भी राजू की ईमानदारी की तारीफ की। 

उस लड़के ने बताया कि उसके पिताजी बीमार हैं। उसने  ₹4000 इकट्ठा किया था। उसी पैसे से दवा लेने जा रहा था लेकिन रास्ते में पैसा गिर गया। इसके बाद वह  दवा लेने के लिए पैसे अपने मित्र से उधार  लेकर आया था।  उसने राजू की ईमानदारी की तारीफ की और कहा कि तुम एक अच्छे  बच्चे हो।  राजू बहुत खुश हुआ और फिर  खुशी से झूमता हुआ अपने घर की ओर चला गया।

इस लघुकथा का शीर्षक-  ईमानदारी।    Laghu Katha lekhan


अब अभ्यास के लिए कुछ प्रश्न

 the question for the practice in Laghu Katha Hindi the syllabus for 9th and 10th class of all board

निम्नलिखित प्रस्थान बिंदु के आधार सौ से डेढ़ सौ शब्दों  में एक लघुकथा लिखिए और उसका शीर्षक भी लिखिए।

आज राजू का जन्म दिवस है। ‌ वह बहुत खुश है और अपनी मनपसंद कपड़े पहन कर स्कूल गया है।complete Laghu katha in Hindi

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जन्मदिवस के अवसर पर उसने अपने स्कूल में सभी बच्चों को टॉफियां बांटी। सभी ने उसे हैप्पी बर्थडे टू यू कहा। आज शाम को बर्थडे पार्टी घर पर होने वाली है।‌ वह बहुत खुश है। शाम को उसके मित्र और सहपाठी बर्थडे पार्टी में शामिल हुए। केक काटा गया। सभी दोस्त और रिश्तेदारों ने राजू को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दीं और उसे ढेर सारे उपहार मिलें। उसके माता-पिता ने उसे बहुत प्यार किया। राजू का जन्मदिवस बहुत ही उत्साह से मनाया गया।

लोभी इंसान का हृदय परिवर्तन chalak Insan ka hriday Parivartan lobhi Insan ka hriday Parivartan


लोभी इंसान। लोभ के कारण उसने अपनी तकदीर बदल ली थी। ‌ हर जगह उसकी चालाकी ने उसे इंसान से शैतान बना दिया था।  रोज दूध में पानी मिलाता था और ढेरों पैसा कमाता था। इस लोभ के कारण उसका स्वभाव भी बदल गया था। उसके पूरे शरीर और चेहरे से लोभ प्रकट होता था। जैसा वह दूसरों के साथ करता था वैसा ही लोग उसके साथ लोग करते थे। ‌ धीरे-धीरे वह खराब खाने और प्रदूषण के कारण बीमार पड़ गया। ‌ अस्पताल में उसका इलाज और वह धीरे-धीरे ठीक हो गया।‌ अब उसका हृदय परिवर्तन हो चुका, वह एक अच्छा इंसान बन गया।



कहानी से मिलने वाली शिक्षा


इंसान को कभी भी चलाकी, बेईमानी से जीवन नहीं जीना चाहिए। नहीं तो आने वाले समय में उसी के साथ वैसा ही व्यवहार दूसरे लोग करते हैं। हमेशा दूसरे मदद करनी चाहिए।

यह भी आपको अच्छा लगेगा


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