Today earth quick Delhi NCR के अलावा पूरे उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए। काफी देर तक मिलती रही धरती लोगों में अफरा-तफरी मची। दिल्ली एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप आज 21 march, 2023 को आया है। भूकंप की तीव्रता 6.6 आंकी गई है। today earthquake new update 21 March, 2023 earthquake दिल्ली एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
earthquake today: भूकंप नेपाल NCR भूकंप क्यों आता है पूरी जानकारी earthquake today: 22 फरवरी 2023 को भूकंप के झटके दिल्ली एनसीआर और नेपाल में महसूस किया गया है। भूकंप के बारे में पूरी जानकारी, earthquake today जनरल नॉलेज 2023 पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को पढ़ें।
21 march 2023 latest earth quick
earthquake new update today:
सीस्मोलॉजी डिपार्टमेंट के अनुसार 21 मार्च 2023 को रात्रि 10:17 पर भूकंप के झटके काला अफगान के अफगानिस्तान से 90 किलोमीटर दूर महसूस किए गए।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए इसकी तीव्रता 7.7 मापी गई है।
21 march 2023 Earth quick update news
information के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र तुर्कमेनिस्तान, भारत, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, चीन, अफगानिस्तान और किर्गिस्तान रहा ।
नेपाल 2023 भूकंप झटका
दिल्ली-NCR और नेपाल में भूकंप के झटके बुधवार 22 फरवरी को लोगों ने महसूस किया है। यह भूकंप 4.8 तीव्रता स्केल पर आया था। लेकिन यहां झटके बहुत हल्के-फुल्के थे इससे कोई जनहानि नहीं हुई है। लेकिन वह कम क्यों आते हैं इधर तुर्की में भी भूकंप आया था इन सब के कारण क्या है? भूकंप से बचाव कैसे कर सकते हैं सारी जानकारी आर्टिकल के माध्यम से समझिए।
दिल्ली भूकंप झटका 2023
टुडे अपडेट, 22 फरवरी 2023 को लगभग 1:30 बजे दोपहर को भूकंप के झटके भारतीय महाद्वीप में महसूस किया गया। यह भूकंप दिल्ली एनसीआर के आसपास और इसका केंद्र बिंदु नेपाल से 69 किलोमीटर दूर था। 4.8 तीव्रता पर आया या भूकंप से जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ।
कहां कहां आया भूकंप?
दोपहर 1:30 बजे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता 4.4 रिक्टर स्केल पर रखी गई। भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ से 143 किलोमीटर जमीन के 10 किलोमीटर अंदर था।
अभी हाल में आया हुआ भूकंप तुर्की और सीरिया में बड़ी तबाही मच आया हुआ था। इसकी तीव्रता 7.8 रिक्टर स्केल पर आंकी गई थी। अब तक इसमें 46000 लोगों की मौत हो चुकी है। दो लाख से ज्यादा लोग इस तबाही से तबाह हो चुके हैं। तुर्की में आए हुए भूकंप का केंद्र बिंदु तुर्की सीरिया बॉर्डर पर था। सीरिया में भी भूकंप की भारी तबाही हुई थी।
Earthquake 2023: Monday को 6 Ferbury 2023 तुर्की और सीरिया में भीषण भूकंप आया था। इस भूकंप की तीव्रता 7.8 थी।
2022 earthquake today
बुधवार 22 जून 2022 को सुबह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कुछ इलाके में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया है। 1000 से अधिक लोगों के मरने की आशंका बताई जा रही है। 100 से अधिक मकान मलबे में तब्दील हो गए। इसी तरह नेपाल में भी आया था।
मंगलवार 24 सितंबर 2019, शाम 4:30 बजे के आसपास आए भूकंप के झटकों से पाकिस्तान लेकर पूरे उत्तर भारत (North India) में धरती हिल गई। दिल्ली-एनसीआर (National Capital Region) समेत पूरे उत्तर भारत में मंगलवार शाम को भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग दहशत में आ गए। कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। ऐसा क्यों?
Nepal earthquake
ज्वालामुखी, बाढ़, सुनामी, भूकंप कुछ ऐसी प्राकृतिक आपदाएं हैं, जो धरती पर अकसर आती रहती हैं। साल 2015, नेपाल में आए भूकंप के कारण हजारों लोगों की जान चली गई और पूरा का पूरा काठमांडू शहर बर्बाद हो गया। भूकंप कैसे आते हैं, कहां पर आते हैं और इससे बचने के क्या तरीके हैं, यह जानना तुम्हारे लिए बहुत जरूरी है।
Earth Quake: 2015 साल का यह दिन बहुत दुखदायी था। नेपाल में आए इस भूकंप से बड़ी जनहानि हुई।नेपाल में अचानक आए भूकंप के झटकों का एहसास दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश के कई शहरों में लोगों ने महसूस किया गया था। लेकिन नेपाल में भूकंप का केंद्र काठमांडू के पास होने के कारण यहां पर सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जबकि इससे दूर 5०० किलोमीटर की दूरी पर केवल हल्का कंपन ही महसूस हुआ।
भूकंप आने का कारण जानें
आपने कभी तालाब में कंकड़ फेंका होगा तो देखा होगा कि किस तरह से गोलाकार पानी की लहरें तेजी से चारों ओर बढ़ती हुई किनारे की तरफ आती हैं। ध्यान दिया होगा कि कंकड़ जब तालाब में जहां पड़ा, वहां पर हलचल तेजी से हुई और इसके किनारों पर हलचल धीरे-धरे कम होती गई। अब आप समझ सकते हैं कि ठीक इसी तरह जब धरती के अंदर की परत (दो प्लेटें) आपस में टकराती हैं तो उस जगह पर तेजी से एनर्जी कंपन के माध्यम से निकलती है और ऊपर धरातल पर पहुँचती है। ठीक तालाब के पानी की लहरों की तरह यह एनर्जी दूर तक फैलती है। अब समझ में आ गया होगा कि धरती की गहराई में हुए हलचल का धरातल पर कितना भयानक असर होता है। जापान में गिराए गए परमाणु बम से 5०० गुना से अधिक एनर्जी इस भूकंप में पैदा हुई है। इसीलिए काठमांडू भूकंप का केंद्र होने के कारण यहां पर धरती बहुत जोर से हिली और भूकंप ने सब कुछ नष्ट कर दिया।
भूकंप आने का कारण
आप जानते हैं कि हमारी धरती ठोस गोले की तरह है। यह कई परतों से मिलकर बनी हुई है, बिल्कुल प्याज के छिलकों की तरह। हमारी धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 5० किलोमीटर की मोटी परत और खंडों में बंटी हुई है, जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं। जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं तब भूकंप आ जाता है। ये प्लेट्स ऊपर और नीचे, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट दूसरी के नीचे आ जाती है। ऐसा होने से ढेर सारी एनर्जी पैदा होती है, जो क्रस्ट यानी जिस धरातल में हम रहते हैं, वहां तक पहुंचती है और धरती पर तबाही मचाती है। जब तक यह बची हुई एनर्जी धरती से निकल नहीं जाती तब तक झटके आते रहते हैं, जिसे ऑफ्टर शॉक कहा जाता है।
रिक्टर स्केल बताता है
भूकंप की तीव्रता
नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता 7.8 थी, जो विनाशकारी भूकंप की श्रेणी में आता है। भूकंप की भविष्यवाणी तो नहीं की जा सकती लेकिन जहां-जहां भूकंप आने की संभावना बनी रहती है, वहां पर सुरक्षा के उपाय किए जा सकते हैं। भूकंप कितना शक्तिशाली था, इसे मापने के लिए रिक्टर स्केल का इस्तेमाल किया जाता है। भूकंप आने के बाद ही रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता दर्ज हो जाती है, तब जाने पाते हैं कि कितना शक्तिशाली भूकंप था। रिक्टर स्केल भूकंप की तरंगों (लहर) को 1 से 9 तक के आधार पर मापता है। इस स्केल में प्रति स्केल भूकंप की तीव्रता 1० गुना बढ़ जाती है और निकलने वाली एनर्जी 32 गुना। जैसे अगर 7 रिक्टर स्केल पर कोई भूकंप जितना विनाशकारी होगा, वहीं 8 रिक्टर पर आया भूकंप 7 के मुकाबले 1० गुना विनाश करने वाला होगा और 32 गुना ज्यादा एनर्जी निकलेगी। 8 रिक्टर पैमाने पर आया भूकंप 6० लाख टन विस्फोटक से निकलने वाली एनर्जी पैदा करता है।
भारतीय उप महाद्बीप में भूकंप का खतरा हर जगह अलग-अलग है। भारत में भूकंप आने की संभावना वाले जगह को चार हिस्सों में बांटा गया है। जिसे जोन-2, जोन-3, जोन-4 तथा जोन-5 में बांटा गया है। जोन-2 सबसे कम खतरे वाला है और जोन-5 को सर्वाधिक खतरनाक जोन माना जाता है। उत्तर-पूर्व के सभी राज्य, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड तथा हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्से जोन-5 में ही आते हैं। उत्तराखंड के कम ऊंचाई वाले हिस्सों से लेकर उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्से और दिल्ली जोन-4 में आते हैं। मध्य भारत कम खतरे वाले हिस्से जोन-3 में आता है, जबकि दक्षिण के ज्यादातर हिस्से सीमित खतरे वाले जोन-2 में आते हैं।
समुद्र में भूकंप आने पर सुनामी उठती है। पिछले दिनों जापान के समुद्र में आए भूकंप से उठी सुनामी ने भयानक तबाही मचाई थी।
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