chat gpt earn money: आखिर जीपीटी चैट इतना लोकप्रिय है कि इससे नकल होने की संभावना हो सकती है इसलिए सीबीएसई बोर्ड के एडमिट कार्ड में इस बात का उल्लेख किया गया है। CBSE board एडमिट कार्ड पर साफ निर्देश लिखा है- Chat GPT और किसी तरह की तकनीकी डिवाइस का इस्तेमाल परीक्षा के दौरान करने पर unfair means की कैटेगरी में रखा गया है।
क्या आपको लगता है कि चैट जीपीटी गूगल को टक्कर दे पाएगा। इन तरह के ढेरों सवाल इंटरनेट के गलियारों में गूंज रही हैं।
जीपीटी चैट से संबंधित आपने हिंदी और अंग्रेजी पोस्ट पढ़ा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में कई समाचार अपने न्यूज़पेपर में अवश्य पढ़े होंगे। फिर भी कई तरह के सवाल आपके मन में है। इसके बारे में जवाब इस पोस्ट से हम आपको देने जा रहे हैं। Chat GPT कितना फायदेमंद है और इससे कितना पैसा कमाया जा सकता है? इन सभी बातों को जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
chat gpt and Google
दुनिया इंटरनेट और टेक्नोलॉजी के जरिए आगे बढ़ रही है इसी श्रृंखला में जीपीटी चैट भी जुड़ गया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का सबसे उत्तम उदाहरण जीपीटी चैट है। artificial intelligency in Hindi words meanings कृत्रिम बुद्धिमत्ता है। जीपीटी चैट क्या गूगल को टक्कर दे पाएगा? इसके बारे में निम्नलिखित बातें पॉइंट वाइज आपको बता रहे हैं।
GPT चैट पर 2022 तक की ट्रेन जानकारी ही अभी तक उपलब्ध है। जबकि इसकी तुलना में गूगल सर्च इंजन अपनी विशाल सर्च कंटेंट और खुद की एल्गोरिथम का इस्तेमाल करता है। google यूजर को सबसे बेस्ट रिजल्ट देता है। Google वेबसाइट के कंटेंट को चेक करके उसे अपने सर्च इंजन के परिणाम पर क्रम से रखता है। गूगल इंटरनेट से जुड़े सभी वेबसाइट के परिणामों को अपने एल्गोथेरियम के जरिए चेक करता है। जबकि जीपीटी चैट को गूगल से आगे निकलने के लिए बड़ा नेटवर्क और इंफॉर्मेशन की आवश्यकता है और इसके लिए उसे हर समय अलग-अलग कंटेंट मेकर से काम कराना होगा जो संभव नहीं हो सकता है।
गूगल एक सर्च इंजन है जो यूजर्स को उसके पूछे गए सवाल या कीवर्ड के आधार पर लाखों वेबसाइट में बेहतर कंटेंट रिजल्ट के तौर पर ऊपर रखता है। इस आधार पर यूजर उन रिजल्ट के माध्यम से बेहतर कंटेंट पर क्लिक करके सूचना को प्राप्त करता है।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कंटेंट मेकर्स को कई तरह के फायदे होते हैं, जैसे उन्हें यूजर मिलते हैं। जिससे वहां विज्ञापन और अफलेंटिंग मार्केटिंग से पैसे कमाता है।
इस तरह से गूगल सर्च इंजन एक तरह से कंटेंट प्रोवाइडर यानी वेबसाइट की मदद भी करता है लेकिन GPT Chat से जब कोई प्रश्न पूछा जाता है तो अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का इस्तेमाल करता है। वाह अलग-अलग वेबसाइट से डाटा उठाकर उसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी की मदद से लिखता है और यूजर को प्रोवाइड कर आता है। जबकि कंटेंट क्रिएटर वेबसाइट को इसका कोई फायदा नहीं मिलता है। यानी कंटेंट क्रिएटर वेबसाइट विज्ञापन और दूसरे तरीकों से पैसा कमाता है क्योंकि यूज़र उनकी वेबसाइट पर आते हैं।
लेकिन जीपीटी chat इन डाटा को उठाकर और अपने तरीके से यूजर को देता है तो इससे कंटेंट क्रिएटर वेबसाइट को कोई फायदा नहीं होता है।
इस तरह से देखा जाए तो जीपीटी चैट किसी भी तरीके से गूगल को टक्कर नहीं दे सकता है क्योंकि गूगल सर्च इंजन कंटेंट बनाने वाले को भी प्राथमिकता देता है। जबकि GPT Chat एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी है। वह Human beings की creative और information का तो इस्तेमाल करता है लेकिन उसे कोई भी लाभ नहीं देता है।
चैट जीपीटी का फुल फॉर्म (Full Form of Chat GPT)
Chat gpt यानी Chat Generative Pre-Trained Transformer होता है। यह एक ऐसा सिस्टम है जिसमें अलग-अलग website से जानकारी इकट्ठा करके उसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी के जरिए लिखकर यूजर्स को प्रस्तुत करता है। चैट जीपीटी के द्वारा आपको निबंध, YouTube script, cover letter, biography, application इन सब जानकारी देता है।
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इंसान की पांचों ज्ञानेंद्रियां स्क्रीन टाइम को ज्यादा देर तक बर्दाश्त करने के लिए कुदरत द्वारा डिजाइन नहीं किया गया है इसलिए जीपीटी चैट कृत्रिम बुद्धिमत्ता हमारा काम आसानी से कर देगी। इंसान स्क्रीन टाइम से मुक्ति पा जाएगा और नेचर के पास लौट आएगा।
gptchat 2023 FAQ
इस प्रश्न का उत्तर एक शब्द में कहा जा सकता है कि एक आर्टिकल लिखकर इस से पैसा कभी भी नहीं कमाया जा सकता है। क्योंकि इसके आर्टिकल यूनिक नहीं होते बल्कि अलग-अलग जगहों से कॉपी किया हुआ होता है। जिसके प्रस्तुति का तरीका बस बदला होता है।
chat gpt पब्लिक में उपलब्ध डाटा को इस्तेमाल करके ही कोई आर्टिकल लिखता है। कभी-कभी तो कई वेबसाइट के पैराग्राफ हूबहू उसी तरह लिख देता है।
जब इसका प्लेगेरिज्म आप चेक करेंगे तो जीपीटी चैट द्वारा निर्मित आर्टिकल पूरी तरीके से यूनिक नहीं होता है। इसके अलावा ह्यूमन माइंड का मुकाबला कर ही नहीं सकता क्योंकि हमारा समय बहुत तेजी से बदलता और इंसान अपने आसपास की जानकारियों को तुरंत अपडेट कर लेता है। लेकिन जीपीटी चैट इस काम के लिए इंसानों पर ही निर्भर रहता है। इसलिए जीपीटी चैट से आईडिया तो लिया जा सकता है लेकिन वह आईडी अभी किसी काम का नहीं है।
एक आर्टिकल लिखने के लिए जीपीटी चैट कॉपी को ही अपने तरीके से प्रस्तुत करता है,इंसान की पांचों ज्ञानेंद्रियां स्क्रीन टाइम को ज्यादा देर तक बर्दाश्त करने के लिए कुदरत द्वारा डिजाइन नहीं किया गया है इसलिए जीपीटी चैट कृत्रिम बुद्धिमत्ता हमारा काम आसानी से कर देगी। इंसान स्क्रीन टाइम से मुक्ति पा जाएगा और नेचर के पास लौट आएगा। जिसकी कोई गारंटी नहीं है कि वह सही हो। इसलिए जीपीटी चैट के लिखे हुए आर्टिकल पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
दोस्तों आप इस conclusion में पहुंच गए होंगे कि जीपीटी चैट से आर्टिकल लिखकर पैसा कमाया नहीं जा सकता है।
हां! इतना कह सकते हैं कि जीपीटी चैट की वजह से थोड़ी बहुत जानकारी से हम कोई आर्टिकल अपनी मेहनत से डेवलप कर सकते हैं। यही काम गूगल सर्च इंजन से भरोसेमंद तरीके से होता क्योंकि आप जब किसी वेबसाइट से सूचना लेते हैं तो मालूम होता है कि वह वेबसाइट कितनी प्रमाणिक है।
जीपीटी चैट से पैसा कमाया जा सकता है लेकिन यह एक प्राथमिक सूचना जानकारी इकट्ठा करके इसका प्रयोग के द्वारा ही पैसा कमाया जा सकता है। कोई आर्टिकल या कोई जानकारी इससे हासिल करते हैं तो उसे चेक करने के लिए इंसान को अपनी बुद्धि लगाना होता है, इसलिए से कह सकते हैं कि GPT chat पर पूरा भरोसा नहीं किया जा सकता है।
बिल्कुल नहीं, क्योंकि जीपीटी चैट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी पब्लिक डाटा पर ही निर्भर है। जबकि इसकी तुलना में गूगल पब्लिक डाटा का इस्तेमाल करता है। उसे सर्च इंजन में रिजल्ट के रूप में दिखाता जिससे यूजर है अपने मनपसंद इंफॉर्मेशन डाटा पर क्लिक करके जानकारी खुद ही हासिल कर लेता है। वही जीपीटी चैट के पब्लिक डाटा को इस्तेमाल करता है लेकिन वहा कंटेंट क्रिएटर को फायदा नहीं पहुंचाता इसके पीछे या है कि जब जीपीटी चैट इसी सवाल का जवाब देता है तो वह अपनी बुद्धिमता के अनुसार यूजर को लिख कर देता है।
इस कारण से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी बहुत सी गलतियां कर सकता है और क्रिएटर को कोई फायदा नहीं होता है इसलिए क्रिएटर भी इस इंटेलिजेंसी को अपने वेबसाइट पर इस्तेमाल करने से रोक भी लगा सकता है।
इन सब पर विचार करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचा जा सकता है कि जीपीटी चैट कभी भी गूगल से आगे नहीं निकल सकता है। उनको इस समस्या का हल निकालना होगा जो ऊपर बताया गया है, तभी वह गूगल से बेहतर हो सकते हैं लेकिन गूगल खुद को बेहतर करने के लिए जीपीटी चैट को अपना कंपीटीटर मान चुका है।
आज करोड़ों इंफॉर्मेशन प्रोवाइडर है (या कंटेंट क्रिएटर) हैं जो गूगल सर्च इंजन पर ही निर्भर है। गूगल सर्च इंजन के यूजर किसी वेबसाइट पर विजिट करते और जानकारी हासिल करते हैं। इससे वेबसाइट क्रिएटर को विज्ञापन के रूप में और दूसरे तरीकों से कमाई होती है। लेकिन जीपीटी चैट के मामले में ऐसा नहीं है। तो इस प्रश्न के उत्तर में यही बात आती है कि गूगल कमाई के नजरिए से बेहतर है क्योंकि नए क्रिएटर को मौका देती है जबकि जीपीटी चैट नए क्रिएटर और दूसरे क्रिएटर को हतोत्साहित करती है। क्योंकि उनके डाटा को तो इस्तेमाल करते हैं लेकिन उन्हें क्या पैसा दिया जाएगा यह एक बड़ा प्रश्न है? शायद इस प्रश्न का जवाब
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