Author name: kumar

Author Abhishek Pandey, (Journalist and educator) 15 year experience in writing field. newgyan.com Blog include Career, Education, technology Hindi- English language, writing tips, new knowledge information.

मन का अंकुर

मन का अंकुर फूट जाने तकमई प्रतीक्षारत हूँअपने अस्तित्व के प्रतिध्यैय है मुझे मिटटी के व्यवहार से,जल के शिष्टाचार सेअंकुरित होने तकअपने अस्तीत्व के प्रतिमझे सावधान रहना हैआंकना है मुझेमिटटी में जल की संतुलित नमी कोasntulit होने परमै सड़ सकता हूँपुराने विचारो के दीमक मै कहीं मैं दब न जाऊंनवीनता अवशोषण मैअंकुरित होने से पहलेसत्य …

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विरासत

कई बार चुनाव जीतेंहर बार आ बैठें घोसले में बच्चों को सिखाया राजनीति के दाव-पैतरे क्योंकि उनके बाद उन्हें संभालनी थींविरासत की सत्ताक्योंकि देश को चलन था वंशो की बैशाखी पर। अभिषेक कान्त पाण्डेय

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कल्पना

आधुनिक विकिरण सेनिकली एक नई उर्जा।उड़ान भरी वह किरणजिसने छू लियाकल्पना के अन्तरिक्ष कोवह आंसू परलिपि राख़ नहींउर्जा है अणु परमाणु कीकैसे गिरती ये बंदेनवह जो चमक उठेगी नभ में।हाथ में कंगनदो चुटकी सेंदूर केवल लक्ष्य नहींनयी रह नयी चाह हैअब यही। अभिषेक कान्त पाण्डेय

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तिरंगा कहता है

ये तिरंगा कहता है सुन लो भारतवासी देश के खातिर परवानो ने चूम लिया फासी बहुतो की क़ुरबानी ने दी हमें आज़ादी, आज़ादी की कीमत पहचानो न करो इसकी बर्बादी । ये देश -शहीदों की भूमि हैं, क्वाबा-काशी ये तिरंगा कहता है सुन लो भारतवासी। स्वार्थी जीवन में हम भूल गएँ अपनी आज़ादी। मर रहा …

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