काव्य के भेद कितने हैं: प्रबंधकाव्य किसे कहते हैं| Kind of hindi kavya दोस्तों हिंदी आज से पहले इस रूप में नहीं थी बल्कि कई बोलियों में हिंदी बंटी थी। भारत के प्राचीन भाषा संस्कृत के साहित्य भरतमुनि, बाल्मीकि, कालिदास आदि की परंपरा से शुरू हुई है। आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि हिंदी के काव्य में प्रबंध काव्य किसे कहते हैं. काव्य के भेद कितने होते हैं. काव्य के प्रकार कितने होते हैं. हिंदी भाषा अपने विकास के पहले चरण यानी कविता से शुरू होकर आज आधुनिक हिंदी भाषा के रूप में हमारे सामने हैं। इन सब जानकारी के लिए आप पूरा जरूर पढ़ें। Education, Hindi, veyakaran
काव्य/ पद्य किसे कहते हैं what is the kavya in hindi
कम शब्दों में प्रभावशाली अभिव्यक्ति की जाती है, उसे काव्य या पद्य कहते हैं। जब शब्दों में संगीत, लयात्मकता और छंदबंद्धता होती है और कम शब्द प्रभावशाली अर्थ व्यक्त करते हैं तो उस रचना को कविता या पद्य कहते हैं। साहित्य में कविता को भी गिना जाता है। हिंदी साहित्य कविता विधा के रूप में प्रतिष्ठित है। बिल्कुल उसी तरह से जैसे कहानी, उपन्यास इत्यादि है, वैसे भी कविता पुराने समय से ही लोगों को आकर्षित करती रही है। कलात्मक और रचनात्मक पक्ष कविता में देखने को मिलता है इसलिए कविता बार-बार पढ़ी जाती है। लोक की कविता बार-बार पढ़ने पर उससे भाव अलग-अलग अर्थों को ग्रहण करते हैं इसलिए, लयात्मकता और छंदबंद्धता के कारण कविता बार-बार पढ़ने में अच्छी लगती है।
काव्य के कितने भेद होते हैं?
दोस्तों काव्य के दो भेद होते हैं। पहला वह जिसे सुना जा सके, उसे श्रव्य काव्य कहते हैं, दूसरा वे जिसे देखा जा सके उसे दृश्य काव्य कहते हैं।
श्रव्य काव्य किसे कहा जाता हैं?
जिसको सुनकर आनंद की प्राप्ति होती है, उसे श्रव्य काव्य कहते हैं। इसके तो भेद होते हैं, जो निम्नलिखित है-
प्रबंध काव्य
मुक्तक काव्य
प्रबंध काव्य किसे कहते हैं, इसके कितने भेद होते हैं?
प्रबंध काव्य के दो भेद होते है। प्रबंध का उसे कहते हैं, जहां पर घटनाएं या कथा कहानी काव्य के रूप में क्रम से चलती रहती है। जैसे रामचरितमानस एक प्रबंध काव्य है जिसमें राम जी के जीवन चरित्र के बारे में एक घटनाक्रम कहानी उस काव्य में नजर आती है। इसलिए प्रबंध काव्य की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह एक बड़ा घटनाक्रम होता है जो लगातार चलता है। प्रबंध काव्य रामचरित्रमानस से अवधी भाषा में लिखा गया है, इसे तुलसीदास ने लिखा है।
प्रबंध काव्य के कितने भेद होते हैं, उनके नाम बताइए?
प्रबंध काव्य के भी दो भेद होते हैं जो निम्नलिखित इस तरह से है-
महाकाव्य
खंडकाव्य
महाकाव्य और खंडकाव्य के बारे में आइए जानें।
हिंदी साहित्य में महाकाव्य किसे कहते हैं?
महाकाव्य वह काव्य रचनाएं होती है, जिसमें किसी महान व्यक्तित्व के संपूर्ण जीवन का गाथा कविता के रूप में मिलती है, और इसका सबसे अच्छा उदाहरण रामचरित्रमानस है। इसी तरीके से संस्कृत भाषा में लिखी गई महाकाव्य रामायण है, जो श्रीराम जी के बारे में लिखा गया है। कामायनी, साकेत, रामचरितमानस इत्यादि महाकाव्य के उदाहरण है।
महाकाव्य में क्या क्या होता है?
Mahakavya महाकाव्य के विषय वस्तु में निम्नलिखित बातें होनी चाहिए-
जिस पर महाकाव्य लिखी जा रही है, उसका नायक ऐतिहासिक या पौराणिक होना जरूरी है।
महाकाव्य में नायक के जीवन के सभी घटनाओं का विवरण अच्छे से होना चाहिए।
रसों की प्रधानता महाकाव्य में होनी चाहिए यानी कि श्रृंगार, वीर और शांत रहते से रसों में कोई एक रस प्रधान रस की तरह उसमें निखर कर आने वाला होना चाहिए।
भौगोलिक स्थिति जैसे दिन-रात नदी’ पर्वत, पानी का गिरता हुआ झरना, इसी तरह के प्राकृतिक दृश्य का मन को हरने वाला चित्रण महाकाव्य होना बहुत जरूरी होता है।
महाकाव्य की रचना करते समय 8 या 8 से अधिक सर्ग होना जरूरी है। हर एक सर्ग खत्म होने पर अंतिम में छंद में परिवर्तित होना जरूरी है। सर्ग के अंतिम छंद में आने वाले सर्ग के बारे में सूचना देने वाला छंद जरूर होना चाहिए।
दोस्तों खंडकाव्य हिंदी भाषा या संस्कृत भाषा में प्रबंध काव्य के अंतर्गत आता है लेकिन इसमें नायक के पूरे जीवन का वर्णन न होकर, किसी एक भाग का वर्णन या एक जीवन के अंश का वर्णन होता है। खंडकाव्य के कुछ उदाहरण है जैसे अग्रपूजा, हल्दीघाटी, सुदामा चरित्र आदि।
किसी भी खंडकाव्य में निम्नलिखित बातें होना जरूरी है-
यहां पर प्राकृतिक दृश्यों का वर्णन लघु यानी छोटा होना चाहिए।
देश काल का वर्णन अत्यधिक नहीं होना चाहिए।
खंडकाव्य की कथा काल्पनिक होना चाहिए या कान में जो नायक है उसके जीवन के किसी एक भाग का वर्णन हो लेकिन यह वर्णन अधूरा नहीं होना चाहिए पूरा लक्ष्य केंद्रित होना चाहिए।
खंडकाव्य में सर्ग की संख्या 7 से कम ही होना चाहिए।
FAQ
खण्डकाव्य की विशेषता क्या है?।
खण्डकाव्य में केवल एक ही छंद का प्रयोग होता है। इसकी भाषा शैली आसान एवं समझ में आने वाली होनी चाहिए।
खंडकाव्य में जीवन के किसी एक घटना या एक भाग या चरित्र चित्रण किया जाता है।
खंडकाव्य अपने आप में संपूर्ण रचना होती अधूरा नहीं होता है।
ऐसे में पात्रों की संख्या अधिक नहीं होती है सीमित होती है।
मुक्तक काव्य किसे कहा जाता है?
मुक्तक काव्य छन्द या पद्य के द्वारा अपने भाव प्रकट करते हैं। मुक्तक काव्य एक कथा एक रस को प्रकट करने में सक्षम होते हैं। मुक्तक काव्य हर एक छंद यानी कविता अपने आप में पूरी होती है। जो अपना स्वतंत्र अर्थ रखती है। उसमें जो बात कही जाती है, वह बात हमें पूर्ण रूप से समझ में आती है, इसके लिए पिछले छंद की कविता जानने की जरूरत नहीं होती है। गीत, कविता और दोहा इत्यादि मुक्तक काव्य के अंतर्गत माने जाते हैं।
दृश्य काव्य किसे कहते हैं?
जिन कार्यों को देखकर आनंद मिलता है उसे दृश्य काव्य कहते हैं। दृश्य काव्य का सबसे अच्छा उदाहरण नाटक है। यहां कैरेक्टर अपने अभिनय के माध्यम से संवाद कहता है और दर्शक जब उसे देखते और सुनते हैं, तब इसे दृश्य काव्य कहा जाता है। आज के आधुनिक युग में सिनेमा और नाटक इत्यादि दृश्यकाव्य के अंतर्गत ही आते हैं।
उपसंहार
यह लेख प्रबंध काव्य किसे कहते हैं काव्य किसे कहते हैं काव्य के कितने भेद है या उनके कितने प्रकार हैं इसे लिखने का हमारा एक ही लक्ष्य है कि आपको हिंदी काव्य और उसके भेद के बारे में अच्छी सी जानकारी मिल सके।
दोस्तों काव्य ऐसी रचना है, जो कम शब्दों में लोगों को प्रभावित करता है। काव्य अपने दिल की व्यथा को व्यक्त करता है, काव्य के माध्यम से। संस्कृत साहित्य परंपरा काव्य के दो भेद होते हैं। श्रव्य काव्य और दृश्य काव्य। दोस्तों प्रबंध काव्य श्रव्य काव्य का ही एक भाग है। प्रबंध काव्य में रचनाएं नायक के घटनाक्रम के अनुसार उसकी जीवनी में उतार-चढ़ाव आदि कथा के रूप में मिलती है।
दोस्तों यह आर्टिकल प्रबंध काव्य किसे कहते हैं? काव्य के भेद/ प्रकार कितने हैं? यह आपको जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। हिंदी साहित्य व्याकरण में कई प्रतियोगी परीक्षाओं में यह पूछा भी जाता है इसलिए इसकी जानकारी होना आवश्यक है। newgyan.com वेबसाइट आपको ज्ञान को नए तरीके से आपके सामने रखता है ताकि वह आप अच्छी तरीके से समझ में आ सके। यह आर्टिकल आपको कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। धन्यवाद।
्Related Post
Read
It's very important and intresting 🤩
धन्यवाद