24, जनवरी 2020 हिंदू धर्म शास्त्रों में मौनी अमावस्या का खास महत्व है।

दोस्तो! 24, जनवरी 2020 हिंदू धर्म शास्त्रों में मौनी अमावस्या का खास महत्व है। यह अमावस्या माघ मास में आती है। इसलिए इसे माघ अमवास्या के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर प्रदेश में गांव-गांव अमावस का मेला खास होता है। गांव के भोले भाले ग्रामीण लोग इस मेले में बहुत श्रद्धा से शामिल होते हैं और गंगा में डुबकी लगाकर तर जाते हैं।

दोस्तों आज बात करते हैं
प्रयागराज यानि इलाहाबाद में इसका है, खास महत्त्व। प्रयागराज में इस समय माघ मेला का आयोजन हो रहा है। यहाँ की छटा देखते बनती है। गंगा-यमुना के पावन तीर्थ स्थल पर अदृश्य रूप में बहती हुई ज्ञान की देवी सरस्वती नदी… हजारों स्ट्रीट लाइट, रात के समय दूधिया रोशनी से नहाई सड़कें और तम्बुओं में रहते हजारों लोग के बीच जब आप जहां होते हैं तो भारत की एकता और संस्कृति का दर्शन करते हैं। इसीलिए तो यह है एक अनोखा शहर माघ मेला। 
प्रयागराज के संगम स्थल पर इस साल 24 जनवरी 2020 को इकट्ठा होगी श्रद्धालुओं की भीड़ और इस अमावस में संगम में डुबकी लगाकर भारतीय संस्कृति और एकता का मिसाल बनेगा।
मौनी अमावस्या 24 जनवरी को पड़ रही है। इस दिन व्रती को मौन धारण करते हुए दिन भर मुनियों सा आचरण करना पड़ता है, इसी कारण यह अमावस्या मौनी अमावस्या कहलाती है।
दोस्तो! माना जाता है कि श्रद्धा की इस डुबकी से विशेष पुण्य मिलता है। इस दिन गंगा का जल अमृत बन जाता है। इसलिये माघ स्नान के लिये माघी अमावस्या यानि मौनी अमावस्या को बहुत ही खास माना गया है। आइए जानते हैं आखिर क्या है इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का शुभ मुहूर्त।
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त-
अमावस्या तिथि प्रारम्भ- सुबह 2 बजकर 17 मिनट से (24 जनवरी 2020)
अमावस्या तिथि समाप्त- अगले दिन सुबह 3 बजकर 11 मिनट
See also  new hindi kavita

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top