तू दीप बन
तिमिर घना बन दीप उज्ज्वल सा मन मन का दीप। सोच नया सच नया माटी के दीप। चहू प्रकाश बन धन से मन से तू देश बन चमक मन धरा का कर्ज तू दीप बन प्रकाश बन बिन सूरज के चमक चांद से भी धवल तू बन बन तू शिक्षा का दीप फैला उजाला ज्ञान बन …
तिमिर घना बन दीप उज्ज्वल सा मन मन का दीप। सोच नया सच नया माटी के दीप। चहू प्रकाश बन धन से मन से तू देश बन चमक मन धरा का कर्ज तू दीप बन प्रकाश बन बिन सूरज के चमक चांद से भी धवल तू बन बन तू शिक्षा का दीप फैला उजाला ज्ञान बन …
मेरी नींद और मेरा सपना किसने छीनादो साल से लंबित टीईटी के अंक से भर्ती प्रक्रिया को लेकर नाटक ही नाटक हो रहा है। मामला कोर्ट में लेकिन सुनवाई अभी तक अंजाम में नहीं पहुंची है। लगता है जब तक फैसला आएगा तब तक एक पीढ़ी बीत चुकी होगी और देर से मिला न्याय यह …
मेरी नींद और मेरा सपना किसने छीना Read More »