10 अमेजिंग फैक्ट जो आप नहीं जानते हैं!
धरती के बारे में बहुत सी ऐसी चौकाने वाली बातें
हैं, जिन्हें आप शायद नहीं जानते हैं। स्कूल या कॉलेज की पढ़ाई के दौरान की इन बातों को आप नहीं जान पाए होंगे तो आइए जानते हैं ऐसे 10 अमेजिंग फैक्ट इस धरती के बारे में- जैसे हर साल प्रशांत महासागर सिकुड़ रहा है। अलास्का यू.एस. में सिर्फ पश्चिमी राज्य नहीं है, बल्कि पूर्वी राज्य में भी स्थित है।
द्वीप के अंदर झील, झील के अंदर ….
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि द्वीप के अंदर झील है, झील के अंदर फिर एक द्वीप है, और उस द्वीप के अंदर एक और झील है। है ना कितना आश्चर्यजनक तो बता देते हैं कि फिलीपींस देश में, आपको वल्केन पॉइंट मिलेगा, जो मेन क्रेटर झील के भीतर एक द्वीप है। मुख्य क्रेटर झील ज्वालामुखी द्वीप पर स्थित है। इस द्वीप का नाम है- ताल लुज़ोन द्वीप।
मउना के (Mauna Kea) माउंट एवरेस्ट की तुलना में लंबा है?
माउंट एवरेस्ट समुद्र तल से सबसे ऊँचा पर्वत हो सकता है, लेकिन जब पृथ्वी के सबसे ऊँचे पर्वत की बात आती है, तो यह सम्मान मौना के पर्वत को जाता है।
समुद्री के ऊपर से मोना के पर्वत की ऊंचाई केवल 13796 फीट है लेकिन जब आप प्रशांत महासागर के तल पर इसके आधार पर पहाड़ की ऊंचाई नापते हैं तो यह 32, 808 फीट ऊंचा है यानी कि एवरेस्ट से 3000 फीट अधिक लंबा है।
आइसलैंड 5 सेंटीमीटर बढ़ रहा है
आइसलैंड द्वीप यूरोपी गणराज का हिस्सा है। यह आइसलैंड उत्तरी अमेरिका और यूरोपीय टेक्टोनिक प्लेटों से जुड़ा है। लेकिन क्या आपको पता है कि हर साल यह दोनों प्लेट आपस में एक दूसरे से दूर होती जा रही है इनके दूर होने की गति हर साल 5 सेंटीमीटर है इससे अनुमान लगाएं कि 50 साल में ढाई सौ सेंटीमीटर यह प्लेट एक दूसरे से दूर चली गई है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है कि आइसलैंड में बड़ा सा लंबा गड्ढा दिखाई दे रहा है जो इसी का परिणाम है ।
प्रशांत महासागर की चौड़ाई कम हो रही है, ऐसा क्यों?
यह सुनकर आपको आश्चर्य लग रहा होगा लेकिन यह सच है! यह नक्शा सन 1942 में बनाया गया है। जैसे-जैसे उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका महाद्वीप पश्चिम गोलार्ध की ओर बढ़ रहे हैं, वैसे वैसे प्रशांत महासागर सिकुड़ रहा है। हर साल एशिया और उत्तरी अमेरिका महादीप हर साल 2 से 3 सेंटीमीटर एक दूसरे के करीब आ रहे हैं । इसलिए प्रशांत महासागर की चौड़ाई कम हो रही है ।
एक ऐसा देश जहां 24 घंटे में, 12 समय की घड़ियां अलग-अलग समय दिखाती है ऐसा क्यों?
रूस एक ऐसा देश है जहां उसी देश के एक छोर में बैठा नागरिक रात का खाना खा रहा है तो वहीं उस देश के दूसरे छोर पर बैठा उसका रिश्तेदार सुबह सुबह सैर कर रहा होता है। ऐसा इसलिए होता है कि रूस 12 टाइम जोन में बँटा हुआ है। यह एक मजेदार लेकिन सही बात है।
डूब रहा है मेक्सिको सिटी
मेक्सिको सिटी डूब रहा है। 1325 ईस्वी में इस शहर को एक झील पर बनाया गया था वर्तमान में मैक्सिको सिटी में लगभग 3.2 फीट हर साल डूब रहा है। पंप के द्वारा इस शहर का पानी निकाला जाता है।
फिलीपींस देश में कितने हैं द्वीप
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि फ 7100 छोटे-बड़े नन्हे द्वीप हैं। नए नक्शे को जारी किया गया जिसमें कई नए छोटे-छोटे टापू समुद्र से निकले हैं यह देखकर वैज्ञानिक भी आश्चर्यचकित हैं। फिलीपींस देश एक टापू का नाम स्पेन के राजा फिलिप सेकंड के नाम पर है। यहां के सबसे बड़े टापू का नाम लूजान है, जो 42458 वर्ग मील के क्षेत्र में बसा हुआ है।
रूस और चीन की सीमा 14 देशों को छूती है
इस नक्शे को देखकर ऐसा लग रहा है कि रूस और चीन पूरी दुनिया से हाथ मिलाने को तैयार है। दोनों देशों की सीमा 14 देशों से जुड़ी हुई है। रूस (कैलिनिनग्राद के क्षेत्र सहित) अज़रबैजान, बेलारूस, चीन, एस्टोनिया, फिनलैंड, जॉर्जिया, कजाकिस्तान, लातविया, लिथुआनिया, मंगोलिया, उत्तर कोरिया, नॉर्वे, पोलैंड और यूक्रेन की सीमाएँ।
चीन ने अफगानिस्तान, भूटान, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, लाओस, म्यांमार, मंगोलिया, नेपाल की सीमाओं की। उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और वियतनाम।
पूरी दुनिया में तीन ऐसे देश हैं जो किसी देश के बीचों बीच स्थित है
लेसोथो, सैन मेरिनो और वेटिकन सिटी । यह तीनों देश चारों तरफ से किसी देश के भीतर ही स्थित है। लेसोथो पूरी तरीके से दक्षिण अफ्रीका के भीतर स्थित है। जबकि सन मेरिनो और वेटिकन सिटी दोनों इटली देश के भीतर स्थित हैं।
धरती का सबसे गहरा कहां है, क्या यही पाताललोक है
अक्सर हमने कहानियों मैं सुना है कि पानी के अंदर पाताल है वहां रहते हैं हमसे अलग तरह के इंसान। लेकिन प्रशांत महासागर का गर्त यानी कि गड्ढा है, जो इतना गहरा है की यह गड्ढा माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई से भी ज्यादा गहरा है। इसका चैलेंज एक्टिव खाई यानी गड्ढा 35,814 फीट गहरा है।
यह भी जाने-
पानी बचाओ जीवन बचाओ, जल संकट के कारण हमारा जीवन खतरे में है, जानें जल प्रदूषण से हो रहे नुकसान के बारे में