संस्मरण किसे कहते है| Sansmaran in hindi
संस्मरण (Sansmarn) शब्द, What is meaning of Sansmaran, संस्मरण की विशेषताएं, संस्मरण लेखन की परिभाषा, हिंदी साहित्य में संस्मरण लेखन का मतलब,
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संस्मरण (Sansmarn) शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, सम् + स्मरण। इसका अर्थ सम्यक् स्मरण अर्थात् किसी घटना, किसी व्यक्ति अथवा वस्तु का स्मृति के आधार पर वर्णन करना संस्मरण कहलाता है। Sansmaran in hindi.
What is meaning of Sansmaran: इसमें स्वयं अपेक्षा उस वस्तु की घटना का अधिक महत्व होता है, जिसके विषय मे लेखक संस्मरण लिख रहा होता हैं। संस्मरण की सभी घटनाएं सत्यता पर ही आधारित होती हैं। इसमें लेखक कल्पना का अधिक प्रयोग नही करता है।
लेखक के स्मृति पटल पर अंकित किसी विशेष व्यक्ति के जीवन की घटनाओं का रोचक विवरण संस्मरण कहलाता है। इसमें लेखक उसी का वर्णन करता है जो उसने स्वयं देखा या अनुभव किया हो। इसका विवरण सर्वथा प्रामाणिक होता है।
संस्मरण की विशेषताएं— लेखक अपने विषय में लिखता है। यह लखेन बीती बातों को साहित्यक अंदाज में सही अर्थ में लिखना होता है, जिससे लेखक या किसी घटना या पात्र के बारे मेंं और उसके जीवन के पहलूओें के बारे में जानकारी पाठको को मिलती है। अपने जीवन के अनुभव के बारे में बताता है।
संस्मरण लेखक जब अपने विषय मे लिखता है तो उसकी रचना आत्मकथा के निकट होती है और जब दूसरे के विषय मे लिखता है तो जीवनी के।
अत: स्पष्ट है कि संस्मरण किसी व्यक्ति विशेष के जीवन की घटनाओं का रोचक ढंग से प्रस्तुत विवरण संस्मरण कहलाता है, वर्णन प्रत्यक्ष घटनाओं पर आधारित होता हैं।
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संस्मरण लेखन की परिभाषा
हिंदी विधा में संस्मरण लेखन के बारे में जानकारी हासिल करेंगे. आइए सबसे पहले बात करते हैं कि संस्मरण शब्द का सही अर्थ क्या होता है। सुमन दो शब्दों से मिलकर बना है पहला शब्द सम + स्मरण शब्द का अर्थ होता है सम्यक स्मृति यानी यादें इसे सरल अर्थों में समझे तो मनुष्य के जीवन में जो घटनाएं घटती हैं उन्हें अच्छी तरीके से याद करके लिखता है या बताता है उसे संस्मरण कहते हैं।
हिंदी साहित्य में संस्मरण लेखन का मतलब
हिंदी साहित्य में संस्मरण लेखन का मतलब होता है कि यदि कोई लेखक अपने यादों के सहारे कोई बात लिखता है, पिछली बात घटना में किसी व्यक्ति विशेष से मुलाकात आदि पर लेख या कहानी लिखता है तो उसे संस्मरण लेख या संस्मरण कथा कहते हैं.
एनसीईआरटी की कक्षा 10 हिंदी का पाठ्यक्रम में सर्वेश्वर दयाल सक्सेना का संस्मरण फादर कामिल बुल्के पर लिखा, जिसमे कामिल बुल्के के जीवन की घटना औरकामिल बुल्के के साथ बिताए अपने फल के बारे में एक संस्मरण लेख लिखा है जिसका नाम दिव्य करुणा की चमक है.
संस्मरण की विशेषता
संस्मरण की सभी घटनाएं सत्यता पर आधारित होती है। संस्मरण किसी घटना व्यक्ति के जीवन के अनुभव इसी तरह साहित्य में कलात्मक तरीके से प्रस्तुत किया जाता है।
अपने मित्र या किसी परिजन या स्वयं के बारे में आप उसी के आधार पर लेख लिखा है उसे संभलने कहते हैं इतने कल्पना नहीं बल्कि हकीकत होती है. संस्मरण के द्वारा लोग हकीकतके लिए लेखक का संस्मरण लेख या कहानी पढ़ते हैं.
लेखक या उसके साथ घटी हुई घटना को जानने की उत्सुकता इसकी सत्यता पर निर्भर करती है इसलिए संस्मरण घटी हुई घटना पर आधारित होती है।
स्मरण लेख और यात्रा वृतांत मैं अंतर यह होता है कि संस्मरण यादों पर आधारित होता है जबकि यात्रा विचार किसी जैसा की यात्रा पर आधारित लेखक का अनुभव होता है. दोनों में कल्पना नहीं बल्कि हकीकत होती है। जबकि कहानी किसी घटना या लेखक के अनुभव या घटना का अंदाज होता है, जिसे वह कल्पना के आधार पर भी प्रस्तुत करता है.
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