अभिषेक कांत पाण्डेय
अकसर हम सफलता के पीछे भागते हैं और सफलता मिलती भी है और नही भी, लेकिन थोड़ा-सा ठहरकर सोचें, तो यही मन में सवाल उठता है कि क्या हम अपनी सफलता के लिए सही लक्ष्य और कठोर मेहनत के पैमाने पर खरे उतरे हैं कि नहीं।
पहले लक्ष्य का करें निर्धारण
अगर आपको जीवन में सफल होना है, तो सबसे पहले अपना लक्ष्य निर्धारित करें कि आप करना क्या चाहते हैं? लक्ष्य निर्धारित करते समय अपनी रुचि और क्षमता का विशेष ध्यान रखें। आप पहले यह आश्वस्त हो लें कि जैसे आप लॉन्ग टर्म पढ़ाई करना चाहते हैं अथवा कुछ वर्षो के लिए। इस समय युवाओं के पास इस तरह के कई विकल्प हैं। एक बार लक्ष्य निर्धारित हो जाने के बाद उसे प्राप्त करने में आसानी होती है और व्यक्ति अपना सर्वस्व लगा देता है।
मेहनत का कोई विकल्प नहीं
किसी भी सफलता को पाने के लिए मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। हो सकता है कि आप सबसे तेज व प्रतिभाशाली व्यक्ति न हों, कितु लगातार मेहनत करें तो सफलता किसी भी कीमत पर आपकी होगी। इस दुनिया में हमारी जीत निरंतर प्रयत्नशीलता पर ही टिकी है। सफलता एक निरंतर चलने वाला अभ्यास है। अगर आप अपनी कमियों को पहचानते हुए उसे निरंतर सुधारते चलेंगे तो आप किसी भी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
टाइम मैनेजमेंट है जरूरी
सफलता का मतलब सही समय प्रबंधन है, समय से पहले आप तैयार हैं तो आधी बाजी वैसे ही जीत जाएंगे। बाकी आप अपने ज्ञान और अनुभव के बल पर प्रा’ कर लेंगे। टाइम मैनेजमेंट का मतलब यही है कि दिनचर्या में से अधिक समय आप अपने लक्ष्य को साधने में खर्च करें। कई ऐसे फालतू के कामों में समय को बचाना और सही दिशा में लगाना जरूरी है, इसके लिए खुद से वादा करना होगा कि सही समय पर सही काम।
रणनीति पर अमल जरूरी
सिर्फ अपनी कमियों को जानने और प्लानिग बना लेने से ही लक्ष्य को नहीं भ्ोदा जा सकता है, इसके लिए सही रणनीति ही सौ फीसदी सफलता की गारंटी है। योजना कागज पर बन गई, पर उसे असलीजामा पहनाने की बारी आपकी है, यानी अब अमल में लाना। ज्ौसे-जैसे लक्ष्य साधने की रणनीति सही तरीके अपने जीवन पर लागू करते हैं, सफलता की दर भी उतनी बढ़ जाती है।