सूरदास पाठ New update NCERT Hindi Solutions for class, 10, pdf 2022
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काव्य के भेद कितने हैं: प्रबंधकाव्य किसे कहते हैं
cbse Solutions for Class 10 Hindi, हिन्दी Chapter 1 पद is part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 1. पाठ 1. क्षितिज भाग 2 पुस्तक सूरदास पाठ का सलूशन class 10 hindi solutions, pdf downloading
NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 1 पद
प्रश्न 1.
गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है?
उत्तर-
गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में उपहास छिपा है। गोपियाँ कहना चाहती है कि उद्धव अभागे हैं, श्रीकृष्ण के सानिध्य में रहकर उनके प्रेम को अनुभव नहीं कर सके। न किसी के हो सके, न किसी को अपना बना सके। उद्धव तुमने प्रेम का आनंद जाना ही नहीं। यह तुम्हारा दुर्भाग्य है।
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प्रश्न 2.
उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किस से की गई है?
उत्तर-
उद्धव के व्यवहार की तुलना दो वस्तुओं से की गई है-
कमल के पत्ते से जो जल में रहकर भी गिला नहीं होता है।
तेल से भरी गगरी जो पानी में भी डालने भी गीली नहीं होती है, उस पर पानी की एक बूँद भी नहीं ठहरती है।
प्रश्न 3.
गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं? class 10 hindi solutions
उत्तर-
गोपियों ने निम्नलिखित उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिए हैं-
उन्होंने कहा कि उनकी प्रेम-भावना उनके मन में ही रह गई है। वे न तो कृष्ण से अपनी बात कह पाती हैं, न किसी दूसरे से।
वे कृष्ण के आने की प्रतीक्षा में जीवन जी रही हैं लेकिन श्रीकृष्ण लौटकर वापस नहीं आए बल्कि उद्धव के माध्यम से योग संदेश भिजवाया है। इस वजह से विरह की व्यथा और अधिक बढ़ गई है।
वे श्रीकृष्ण से रक्षा के लिए गुहार लगाना चाहती हूं लेकिन गोपियां प्रेम संदेश की उम्मीद लगाए बैठी थी लेकिन योग संदेश की धारा को आया देख उनका हृदय टूट गया।
प्रश्न 4.
उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम कैसे किया?
उत्तर-
श्रीकृष्ण के मथुरा चले जाने पर गोपियाँ पहले से विरहाग्नि में जल रही थीं। वे श्रीकृष्ण के प्रेम-संदेश और उनके आने की प्रतीक्षा कर रही थीं। ऐसे में श्रीकृष्ण ने उन्हें योग साधना का संदेश भेज दिया जिससे उनकी व्यथा कम होने के बजाय और भी बढ़ गई । इस तरह उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेशों ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम किया।
प्रश्न 5.
‘मरजादा न लही’ के माध्यम से कौन-सी मर्यादा न रहने की बात की जा रही है?
उत्तर-
‘मरजादा न लही’ के माध्यम से यहां प्रेम की मर्यादा की बात कही गई है। यहां प्रेम की मर्यादा के बारे में यह बताया गया है कि प्रेमी और प्रेमिका दोनों प्रेम की मर्यादा निभाते हैं। जहां पर वह गोपिकाएं तो प्रेम की मर्यादा निभा रही हैैं लेकिन श्रीकृष्ण वापस ना लौटकर नीरस योग संदेश उद्धव के माध्यम से भेजा है, जो कि एक छलावा है, भटकाव है। इसी छल को गोपियों ने मर्यादा का उल्लंघन कहा है।
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प्रश्न 6.
कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को गोपियों ने किस प्रकार अभिव्यक्त किया है? class 10 hindi solutions
उत्तर-
गोपियों ने कृष्ण के प्रति अपनी अनन्य भक्ति की अभिव्यक्ति निम्नलिखित तरह से व्यक्त किया है-
गोपिकाओं अपनी स्थिति के बारे में कहा कि वे अपनी गुड़ से चिपटी चींटियों की तरह है, जो श्रीकृष्ण के प्रेम से दूर नहीं रह सकती हैं।
गोपियां कहती हैं कि श्रीकृष्ण हारिल पक्षी की लकड़ी की तरह हैं।
वे श्रीकृष्ण के प्रति मन-कर्म और वचन से समर्पित हैं और सोते-जागते, दिन-रात कृष्ण का याद करती हैं।
गोपिकाएं, यह भी कहती है कि कृष्ण-प्रेम के आगे उद्धव का योग संदेश कड़वी ककड़ी की तरह लगता है।
प्रश्न 7.
गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है?
उत्तर-
गोपियों ने उद्धव से कहा उनके हृदय में तो श्रीकृष्ण बसते हैं, वे श्रीकृष्ण से सच्चा प्रेम करती हैं। वह कहती है कि उन लोग को योग की शिक्षा दीजिए-
जिनका मन भटकता रहता है,
जिनका मन स्थिर नहीं है और
श्रीकृष्ण के प्रति सच्चा प्रेम उनके मन में नहीं है।
प्रश्न 8.
प्रस्तुत पदों के आधार पर गोपियों का योग-साधना के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट करें।
उत्तर-
प्रस्तुत पदों के आधार पर योग साधना के प्रति गोपियों का दृष्टिकोण श्री कृष्ण प्रेम के आगे कड़वी ककरी और रोग व्याधि के समान है। गोपियों की कृष्ण के प्रति एकनिष्ठ प्रेम, भक्ति, आसक्ति और स्नेहता प्रकट हुई है। इसी कारण से किसी भी बात का असर गोपियों पर नहीं पड़ता है। इसलिए गोपियों का श्रीकृष्ण के प्रति अगाध प्रेम वाला मन योगसाधना को स्वीकार नहीं करता है।
प्रश्न 9.
गोपियों के अनुसार राजा का धर्म क्या होना चाहिए?
उत्तर- गोपियों के अनुसार राजा का धर्म यह होना चाहिए कि वह प्रजा के ऊपर होने वाले अन्याय से रक्षा करना वाला होना चाहिए। अगर कोई सताए तो उसे रोकने वाला होना चाहिए।
प्रश्न 10.
गोपियों को कृष्ण में ऐसे कौन-से परिवर्तन दिखाई दिए जिनके कारण वे अपना मन वापस पा लेने की बात कहती हैं?
उत्तर-
गोपियों को कई ऐसे परिवर्तन श्री कृष्ण में दिखाई दिया जिसके कारण भी अपना मन श्री कृष्ण से वापस लेना चाहती हैं, जैसे-
श्रीकृष्ण ने अब राजनीति पढ़ लिया है, जिससे उनके व्यवहार में छल-कपट आ गया है।
श्रीकृष्ण अब प्रेम की मर्यादा पालन पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
दूसरों के ऊपर होने वाले अत्याचार के विरोध छुड़ाने वाले श्रीकृष्ण अब स्वयं अनीति पर उतर आए हैं।
प्रश्न 11.
गोपियों ने अपने वाक्चातुर्य के आधार पर ज्ञानी उद्धव को परास्त कर दिया, उनके वाक्चातुर्य की विशेषताएँ लिखिए? class 10 hindi solutions
उत्तर-
गोपियाँ वाक्चातुर्य हैं। वे बात बनाने में बहुत चतुर हैं और किसी को भी बातों में हरा सकती हैं। इसीलिए गोपियों को वाक्चातुर्य कहा गया है। योग के ज्ञानी उद्धव को गोपियो ने अपनी बातों से निरुत्तर कर दिया। श्रीकृष्ण के प्रति सच्ची प्रेम भक्ति और उनकी सच्ची प्रेम विरहा पीड़ा की बातें और योग के ज्ञान को अपने लिए कड़वी ककरी बताया। कहा कि हमारा मन तो श्रीकृष्ण के प्रेम के प्रति समर्पित है, अतः जो आप यह ज्ञान दे रहे हैं, से दीजिए जिसका मन चकरी की तरह भटका हुआ है। इस तरह के तार्किक सही उदाहरणों और चतुराई वाली बातों से उद्धव को निरुत्तर कर देती हैं।
प्रश्न 12.
संकलित पदों को ध्यान में रखते हुए सूर के भ्रमरगीत की मुख्य विशेषताएँ बताइए?
उत्तर-
सूरदास के पदों के आधार पर भ्रमरगीत की कुछ विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
सूरदास के भ्रमरगीत में गोपिकाओं का विरह व्यथा का दिल को छू लेने वाला वर्णन है।
इस गीत में सगुण ब्रह्म की तारीफ की गई है।
इसमें गोपियों के माध्यम से उपालंभ, वाक्पटुता, व्यंग्यात्मकता का भाव दिखाई देता है।
गोपियों का कृष्ण के प्रति एकनिष्ठ प्रेम का प्रदर्शन है।
उद्धव के योग ज्ञान पर गोपिकाओं वाक्चातुर्य और प्रेम की विजय को दर्शाया गया है।
पदों में गेयता और संगीतात्मकता का गुण है। class 10 hindi solutions
रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न 13.
गोपियों ने उद्धव के सामने तरह-तरह के तर्क दिए हैं, आप अपनी कल्पना से और तर्क दीजिए।
उत्तर- मेरी कल्पना और तर्क से निम्नलिखित उत्तर गोपियां उद्धव से कहती है-
गोपियाँ कहती हैं कि उद्धव! यदि यह योग संदेश इतना प्रभावशाली है तो श्री कृष्ण जी यहां पर आकर स्वयं क्यों नहीं हमें योग संदेश सुनाते हैं।
बताओ! जिसकी जीभ पर मीठी खाँड का स्वाद चढ़ गया हो, वह योग रूपी निबकौरी क्यों खाएगा? आप ही बताएं योग मार्ग तो बहुत ही कठिन है। इसमें कठिन साधना करनी होती है। हम गोपिया कोमल देहवाली और मधुर मन वाली हैं तो बताइए कैसे हम इस योग मार्ग की कठिन साधना को कर पएँगे। यह तो हमारे लिए असंभव है हमें तो श्री कृष्ण प्रेम में ही ऐश्वर्य सुख है।
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