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बच्चों को बाइक चलाने देना कानूनी रूप से गलत है
आजकल जब आप किसी सड़क से गुजरते हैं तो अचानक बहुत तेज से मोटरसाइकिल (bike) चलाते हुए कुछ स्कूली लड़के नजर आते होंगे। prohibited to drive bike आपको थोड़ा गुस्सा भी आता है। क्योंकि ये लड़के बहुत तेजी से मोटरसाइकिल moter bike चलाते हैं और अपने साथ दूसरों की जिंदगी भी खतरे में डाल देते हैं।
आइए जाने, क्यों स्कूली बच्चे मोटरसाइकिल चलाते हैं और उनके माता-पिता को क्या करना चाहिए?
बिना लाइसेंस के मोटरसाइकिल चलाना अपराध भी है- without licenc bike driving probhited
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दिखावे में मोटरसाइकिल bike ride चलाना
आज की जनरेशन सिनेमा से ज्यादा प्रभावित है! इस कारण से रोमांच भरे जीवन की कल्पना में डूबा रहता है! वह सब कारनामे करना चाहता है जो फिल्मी पर्दे पर हीरो किसी स्टंट डायरेक्टर और सपोर्टर की मदद से करता है लेकिन यह बच्चे उसे असली समझ लेते हैं और इस तरह की अपनी कल्पना की उड़ान अपनी बाइक से पूरा करते हैं।
गलत ढंग से कहा गाड़ी चलाना और नाबालिग का गाड़ी चलाना कानूनन गलत है। जिस पर कानूनी रोक है।
18 साल से कम उम्र के लोगों का लाइसेंस भी नहीं बनता है। लेकिन गली मोहल्ले में दिखावे के लिए आज की स्कूल के लड़के बाइक को फर्राटे से दौडाते हुए दिखाई देते हैं।
आसपास के मोहल्लों में छोटा-मोटा काम करने और जाने के लिए अपने पेरेंट्स को मना लेते हैं। चाबी लेकर निकल जाते हैं। लेकिन जैसे ही वह सड़क पर पहुंचते हैं तो मौज-मस्ती शुरू कर देते हैं! इस तरह से गलत तरीके से मोटरसाइकिल चलाने के कारण कई तरह की दुर्घटनाएं भी देखने को मिलती है। पेरेंट्स को तब पता चलता है कि उसके बच्चे ने दुर्घटना कर दी है या खुद ही घायल हो गया है। शहरों में इस तरह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं इसमें जितने जिम्मेदार बच्चे हैं उतना ही जिम्मेदार उनके माता-पिता भी हैं।
अभिभावकों की जिम्मेदारी
Moter cycle का आपके बच्चे का लाइसेंस नहीं बना है तो वह मोटरसाइकिल क्यों चला रहा है? यह सोचना बहुत बड़ी बात है! अगर इसी तरीके से वह जिंदगी जिएगा तो निश्चित तौर पर एक दिन वह समस्या से घिर जाएगा। नियम कानून सबके लिए होता है बिना लाइसेंस Licence के मोटरसाइकिल motorcycle चलाना
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अपराध भी है।
अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चे को स्कूटर, मोटरसाइकिल चलाने के लिए तब तक ना दे जब तक उसकी उम्र 18 साल की ना हो जाए। उम्र होने के बाद उसका लाइसेंस जब तक नहीं बन जाएगा, तब तक आप उसे मोटर साइकिल ( बाइक) नहीं चलाने दे, नहीं तो मुसीबत में पड़ जाएगा।
क्या कहता है कानून law of moter vehicle Act
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मोटर वीइकल एक्ट (एमवी एक्ट) के कहा है कि 18 साल से कम उम्र के लोगों को लाइसेंस जारी नहीं किया जाता। अगर कोई 18 साल से कम उम्र का कोई भी मोटरसाइकिल या कार चलाता हुआ पकड़ा गया तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी।
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अगर बच्चा किसी का एक्सीडेंट करता है तो निश्चित तौर पर उसके पेरेंट्स को भी दंड भोगना पड़ेगा।
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यदि कोई नाबालिग वाहन मतलब कि कार, (car) बाइक (bike) इत्यादि चलाते पकड़ा जाए तो उसके खिलाफ ट्रैफिक पुलिस एमवी एक्ट की धारा-133/177 के तहत चालान काटती है और जुर्माना वसूलती है।
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अगर नाबालिक (Underage) एक्सीडेंट कर देता है तो उसके खिलाफ लापरवाही से गाड़ी चलाने का केस दर्ज होता है पुलिस की आईपीसी धारा 279 के तहत मुकदमा भी उसके खिलाफ दर्ज होता है। गाड़ी भी जप्त कर ली जाती है इसे बाद में कोर्ट के निर्देश पर ही को छोड़ा जाता है।
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एक्सीडेंट से अगर कोई पीड़ित है तो वह मुआवजे के लिए भी दावा कर सकता है।
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अगर गाड़ी का इंश्योरेंस नहीं है तो मुआवजे का सहारा पेमेंट गाड़ी के मालिक को करना पड़ता है इसलिए आप अगर किसी बच्चे को गाड़ी चलाने के लिए देते हैं और इस तरह की घटना घटा है तो आप भी इस समस्या में फंस सकते हैं।
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और अगर गाड़ी की इंश्योरेंस है लेकिन नाबालिक के कारण एक्सीडेंट से नुकसान जो हुआ है उसकी भरपाई इंश्योरेंस कंपनियां गाड़ी के मालिक से करती है। क्योंकि इंश्योरेंस कंपनियां इस पर या दलील देती है कि जो गाड़ी चला रहा है। उसके पास लाइसेंस नहीं है ऐसी गलती उसकी है इसकी जिम्मेदारी इंश्योरेंस कंपनियां किसी क्षति के लिए नहीं लेती है।
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इसलिए आप अपने बच्चे को बताया कि जब तक उसकी उम्र का हो जाएगा लेकिन 12 साल से ऊपर का उम्र का ना हो जाए और उसका लाइसेंस नहीं बन जाता तब तक वह किसी भी तरीके से बाइक, कार, स्कूटर नहीं चलाएगा।